IVRI के वैज्ञानिकों ने लॉन्च किया नया प्रोडक्ट पशुओं के लिए है बेहद कारगर

आईवीआरआई में पशु विभाग की साइंटिस्ट डॉ. अंजु ने बताया कि ह्यूमन बायोलॉजी लैब के अध्यक्ष डॉ. एलसी चौधरी के साथ मिलकर इस प्रोजेक्ट पर कार्य कर रहे हैं. इसके अलावा एक प्रोडक्ट लॉन्च भी किया है, जिसका नाम मेथलो रखा है. यह प्लांट्स मेटाबॉलिज्म से मिलकर बना है. यह पशुओं के लिए एकदम सुरक्षित है.

IVRI के वैज्ञानिकों ने लॉन्च किया नया प्रोडक्ट पशुओं के लिए है बेहद कारगर
बरेली. पृथ्वी पर लगातार बढ़ते प्रदूषण के कारण दुनिया भर में तापमान बढ़ता ही जा रहा है. जिससे लोगों को कई तरह की कठिनाईयों का सामना करना पड़ रहा है. इसी को ध्यान में रखते हुए बरेली के भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान आईवीआरआई के वैज्ञानिकों ने एक मैथिली उत्पाद बनाकर इस समस्या को दूर करने का निवारण ढूंढ लिया है. यह ग्लोबल वार्मिंग और जलवायु में हो रहे बदलाव के रोकथाम में भी कारगर है. इस उत्पाद की मदद से मिथेन गैस को पर्यावरण में फैलने से भी रोका जा सकता है. इसका मुख्य कारण पशुओं को बताया गया है और यह पशुओं के लिए भी खतरनाक है. इससे बचने के लिए वैज्ञानिकों ने मेथलो का उत्पादन किया. इस वैक्सीन की कीमत  मात्र 7 रूपए प्रति व्यक्ति आएगी. प्लांट्स मेटाबॉलिज्म से मिलकर बना है मेथलो आईवीआरआई में पशु विभाग की साइंटिस्ट डॉ. अंजु ने लोकल 18 को बताया कि ह्यूमन बायोलॉजी लैब  के अध्यक्ष डॉ. एलसी चौधरी के साथ मिलकर इस प्रोजेक्ट पर कार्य कर रहे हैं. इसके अलावा एक प्रोडक्ट लॉन्च भी किया है. जिसका नाम मेथलो रखा है. यह प्लांट्स मेटाबॉलिज्म से मिलकर बना है.  यह प्रोडक्ट पूरी तरह प्लांट से बना हुआ है, जो कि पशुओं के लिए एकदम सुरक्षित है. उन्होंने बताया कि इसको लैब में कई वर्षों तक शोध और जांच के पश्चात पशुओं पर टेस्ट किया गया. इसको बनाने में जितना समय लगा, उसी हिसाब से इसका रेट 7 रूपए रखा गया है. पशुओं के लिए बनाया गया है खास उत्पाद आईवीआरआई की सीनियर साइंटिस्ट डॉ. अंजु ने बताया कि जो जानवर चारा खाता है. उससे 14 प्रतिशत मिथेन होता है. इसे पूरी तरह से बंद नहीं किया जा सकता, क्योंकि पशुओं में भोजन की पाचन शक्ति बंद हो जाएगी. मेथलाे पूरी तरह से वेजिटेबल प्रोडक्ट है और यह पौधे और मसाले के मिश्रण से बना हुआ उत्पाद है. यह पशुओं के लिए काफी फायदेमंद है. इसके अलावा जब मेथलो स्वस्थ जानवर को खिलाया तो उनमें से 15 प्रतिशत मीथेन गैस कम पाया गया. देश के पशु और ग्लोबल वार्मिंग के लिए बेहतर रिजल्ट सामने आया है. डॉ. अंजू ने बताया कि मेथलो पर डॉ. एलसी चौधरी, डॉ. वीबी चतुर्वेदी और डॉ. जागृति सिंह के साथ मिलकर शोध किया गया है. पशुओं के वजन बढ़ाने में भी है कारगर आईवीआरआई के लैब के अध्यक्ष डॉ. लक ने बताया कि पशु के कारण भी ग्लोबल वार्मिंग हो सकता है, क्योंकि पशुओं को आमाशय की समस्या होती है. जब वह अपना चारा खाते हैं तो उनके पेट में अमाशय की समस्या होने लगती है. यह समस्या लंबे समय तक रह सकता है. सड़ने के बाद मिथेन गैस निकलने लगता है और पशुओं के लिए बिल्कुल फायदेमंद नहीं होता है. डॉ. अंजू ने बताया कि मेथलो खिलाने से भैंसों में मिथेन गैस की (14.9%) कम पाई गई और वजन में सुधार (14%) सुधार हुआ. वहीं भैंसों का सीरम एंटी ऑक्सीडेंट स्थिति में  भी सुधार होता है. सुरक्षित पशुओं द्वारा उच्च स्वीकार्यता और भंडारण में आसान है. इसके अलावा उनके प्रोडक्ट में मिलने वाला एंटीऑक्सीडेंट जानवरों में रेशे भी कम कर सकती है. Tags: Animal husbandry, Bareilly news, Local18, Uttarpradesh newsFIRST PUBLISHED : August 10, 2024, 13:32 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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