इस शिव मन्दिर की बेहद खास है मान्यता जलाभिषेक नहीं इस विधि से होती है पूजा
इस शिव मन्दिर की बेहद खास है मान्यता जलाभिषेक नहीं इस विधि से होती है पूजा
यह शताब्दी पुराना मंदिर अमेठी जिले के गौरीगंज के बाबूगंज सगरा में स्थित है. यहां के पीठाधीश्वर मौनी महाराज बताते हैं कि मंदिर में जलाभिषेक की परंपरा नहीं है. इसके बजाय इस मंदिर में अक्षत, चंदन, इत्र और चमेली का तेल मिलाकर भगवान की आराधना की जाती है
अमेठी: भगवान शंकर के अति प्रिय माह सावन में हर मंदिर में जलाभिषेक के साथ ‘बम बम भोले’ और ‘ओम नमः शिवाय’ की गूंज तो आपने सुनी होगी. लेकिन आज हम आपको एक ऐसे मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं जो भोलेनाथ की भक्ति में अनोखा है. इस मंदिर में जलाभिषेक जल से नहीं, बल्कि अन्न से होता है. यह मंदिर शताब्दी पुराना है और यहां दूर-दूर से भक्त दर्शन-पूजन के लिए आते हैं. सावन माह में यहां नित्य लाखों मंत्रों का जाप और हजारों दीप जलाकर भगवान भोलेनाथ की अनोखी पूजा की जाती है. यह मंदिर भक्तों के लिए आस्था का केंद्र है.
यह शताब्दी पुराना मंदिर अमेठी जिले के गौरीगंज के बाबूगंज सगरा में स्थित है. यहां के पीठाधीश्वर मौनी महाराज बताते हैं कि मंदिर में जलाभिषेक की परंपरा नहीं है. इसके बजाय इस मंदिर में अक्षत, चंदन, इत्र और चमेली का तेल मिलाकर भगवान की आराधना की जाती है. यह पूजा संसार के आस्थावान लोगों की रक्षा, राष्ट्र रक्षा, राष्ट्र के कल्याण और आतंकवाद विनाश के लिए की जाती है. उन्होंने कहा कि जब सृष्टि में भुखमरी और महामारी का दंश झेलना होता है, तो यहाँ पूजा करने से मुक्ति मिलती है. इस पूजा से सबका कल्याण होता है, सब निरोगी होते हैं और स्वस्थ रहते हैं.
जलाभिषेक ना होने की अद्भुत मान्यता
विश्व का यह पहला ऐसा मंदिर है जहाँ जलाभिषेक नहीं होता. इसके पीछे एक अद्भुत मान्यता है कि जब सृष्टि में कुछ बचा ही नहीं था, तब भगवान शिव ने तपस्या कर भगवती अन्नपूर्णा का आह्वान किया और भिक्षाम देही का वरदान मांगा. संसार के लोगों का पालन करने के लिए भगवान शिव ने भिक्षा मांगी. इसके बाद मां अन्नपूर्णा प्रसन्न हुईं और उन्हें इच्छित वरदान दिया. मौनी महाराज बताते हैं कि इस परंपरा से भगवान शिव की इस प्रकार पूजा-अर्चना करने से कष्ट, बाधाएं और समस्याएं दूर होती हैं. यहाँ दूर-दूर से भक्त दर्शन-पूजन करने आते हैं और उनकी मनोकामनाएं देवाधिदेव पूरी करते हैं.
Tags: Local18, Lord ShivaFIRST PUBLISHED : July 27, 2024, 15:05 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ेंDisclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्य और आचार्यों से बात करके लिखी गई है. किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है. बताई गई किसी भी बात का Local-18 व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है. Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed