मुंबई: जब 96 साल के दादाजी बोले- मैं भी करूंगा रक्तदान डॉक्टर्स हुए परेशान जानें ये दिलचस्प मामला
मुंबई: जब 96 साल के दादाजी बोले- मैं भी करूंगा रक्तदान डॉक्टर्स हुए परेशान जानें ये दिलचस्प मामला
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन 17 सितंबर को मुंबई के सांता क्रूज़ में आयोजित एक ब्लड डोनेशन कैंप पर डॉक्टरों को एक वरिष्ठ नागरिक ने हैरत में डाल दिया. 96 साल के तख्तमल कोठारी ने कैंप में मौजूद डॉक्टरों से कहा कि वो भी रक्तदान करना चाहते हैं और वो बिना रक्तदान किए नहीं जाएंगे.
मुंबई. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन 17 सितंबर को मुंबई (Mumbai) के सांता क्रूज़ में आयोजित एक ब्लड डोनेशन कैंप (Blood Donation camp) पर डॉक्टरों को एक वरिष्ठ नागरिक ने हैरत में डाल दिया. 96 साल के तख्तमल कोठारी ने कैंप में मौजूद डॉक्टरों से कहा कि वो भी रक्तदान करना चाहते हैं और वो बिना रक्तदान किए नहीं जाएंगे. वहां मौजूद स्टाफ ने उन्हें मनाने की बहुत कोशिश की कि उनकी उम्र को देखते हुए वो रक्तदान नहीं कर सकते, लेकिन तख्तमल कोठारी ने एक न मानी. उन्होंने कहा कि वो पूरी तरह से स्वस्थ हैं, उन्हें मधुमेह या कोई अन्य बीमारी नहीं हैं, और न ही वह कोई दवा ले रहे हैं, तो वो रक्तदान क्यों नहीं कर सकते?
नियमों के अनुसार केवल 18 से 65 साल के व्यक्ति ही रक्तदान कर सकते हैं, लेकिन तख्तमल कोठारी ने कहा कि वो भी देश की सेवा करना चाहते हैं, और पीएम मोदी के जन्मदिन पर वो रक्तदान से पीछे नहीं हटेंगे. आखिर में उनकी ज़िद के आगे डॉक्टरों और स्टाफ को हार माननी पड़ी और उनका सम्मान रखने के लिए उनकी उंगली से दो बूंद खून लिया गया, जिसके बाद तख्तमल कोठरी संतुष्ट होकर वहां से गए. तख्तमल कोठारी मूलरूप से राजस्थान के मेवाड़ के रिछेड के रहने वाले हैं, लेकिन करीब 50 साल पहले वो व्यापार के चलते मुंबई आ गए थे.
भले ही थोड़ा लो, लेकिन लो मेरा खून
इस पूरी घटना के बाद केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडविया ने ट्वीट कर कहा कि खून की एक बूंद भी बहुत बड़ा बदलाव ला सकती है. मुझे लगा मानवता के नाम पर रक्तदान करना चाहिए. सांता क्रूज़ में न्यूज़18 से बात करते हुए तख्तमल पृथ्वीराज कोठारी ने कहा कि मुझे वहां मौजूद स्टाफ ने मना किया, लेकिन मेरी रक्त दान करने की मर्ज़ी थी. मैंने उन्हें कहा कि भले ही थोड़ा लो, लेकिन लो मेरा खून. मुझे कोई बीमारी नहीं है. कोठारी के भतीजे नीलेश कोठारी ने कहा कि उनके तायाजी तख्तमल कोठारी उस रक्तदान कैंप का उद्घाटन करने गए थे, और जैन संस्कार विधि से शिविर का उद्घाटन हुआ था.
हमें भी रक्तदान करना चाहिए
और वहां उन्हें लगा कि उनका नैतिक दायित्व है कि उन्हें भी रक्तदान करना चाहिए. नीलेश ने कहा कि उनके रक्तदान के बाद सेंटर्स पर बहुत लोगों ने आकर रक्तदान किया जो तख्तमल कोठारी से प्रेरित हुए थे. लोगों को लगा अगर इस उम्र में भी यह जज़्बा है, तो हमें भी रक्तदान करना चाहिए. देशभर में कुल 6000 रक्तदान कैंप में से 2600 कैंप अखिल भारतीय तेरापंथ युवक परिषद ने लगाए हैं, जिसमें से एक शिविर का उद्घाटन करने तख्तमल कोठारी गए थे.
कुल 1 लाख 69 हज़ार लोगों ने किया रक्त दान
करीब दो हफ्ते तक चलने वाले रक्तदान अमृत महोत्सव की शुरुआत पीएम मोदी के जन्मदिन 17 सितंबर को हुई थी. 20 सितंबर तक कुल 1,62,816 लोगों ने रक्त दान किया है, जबकि 2 लाख 89 हज़ार लोगों ने डोनर के तौर पर रजिस्टर किया है. पहले ही दिन 87 हज़ार से ज़्यादा लोगों ने रक्तदान किया जो अपने आप में एक रिकॉर्ड था. यह रक्तदान का कार्यक्रम 2 अक्टूबर तक चलेगा.
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Tags: Blood Donation, MumbaiFIRST PUBLISHED : September 21, 2022, 16:33 IST