धान के पौधे हो रहे तेजी से लंबे और पत्तों पर लग गया पीला दागतुरंत करें ये काम

धान की फसल में इन दिनों बकानी रोग के लक्षण दिखाई दे रहे हैं. बकानी रोग में धान के पौधे का असामान्य तौर से ज्यादा लंबे हो जाते हैं. धान के पौधों की जड़ें सड़ने लगती है. धीरे-धीरे पूरा पौधा नष्ट हो जाता है. बकानी रोग से फसल को बचाने के लिए मृदा उपचार जरूरी है.

धान के पौधे हो रहे तेजी से लंबे और पत्तों पर लग गया पीला दागतुरंत करें ये काम
शाहजहांपुर : धान की फसल को इन दिनों बकानी रोग चपेट में ले रहा है. बकानी रोग एक फंगल बीमारी है, जो धान की फसल को काफी नुकसान पहुंचा सकती है. इस रोग के कारण धान के पौधे असामान्य रूप से लंबे हो जाते हैं और धीरे-धीरे सूख जाते हैं. बारिश के दिनों में लगातार आर्द्रता भी बढ़ जाती हुई है. जिसकी वजह से धान की फसल को कई रोग चपेट में ले रहे हैं. इन दिनों धान की फसल में बकानी रोग के लक्षण भी दिखाई दे रहे हैं. जिनका समय पर उपचार करना बेहद जरूरी है. कृषि विज्ञान केंद्र नियामतपुर में तैनात कृषि एक्सपर्ट डॉ. एनसी त्रिपाठी ने बताया कि रोगग्रस्त पौधे स्वस्थ पौधों की तुलना में काफी लंबे हो जाते हैं. पत्ते पीले पड़ जाते हैं और किनारों से सूखने लगते हैं. तना पतला और कमजोर हो जाता है. जड़ें सड़ने लगती हैं जिससे पौधे पोषक तत्वों को ठीक से ग्रहण नहीं कर पाते. पौधों के तनों की नीचे की गांठों से जड़ों का निकलना व रूई जैसी सफेद या गुलाबी रंग की फफूँद दिखाई देना बकानी रोग के ही लक्षण हैं. नाइट्रोजन का सीमित मात्रा में करें प्रयोग डॉ. एनसी त्रिपाठी ने बताया कि मोटे धान की रोपाई हो चुकी है लेकिन वह जगह अभी किसान बासमती धान की रोपाई कर रहे हैं. ऐसे में बकानी रोग से बचाव के लिए किसान खेत की अंतिम जुताई के वक्त ट्राईकोडरमा को खेत में डाल दें. पौधशाला में पौधे उखाड़ने से 7 दिन पहले कार्बेन्डाजिम को रेत में मिलाकर पौधशाला में बिखेर दें. नाइट्रोजन का अधिक मात्रा में प्रयोग करने से बकानी रोग बढ़ सकता है, इसलिए नाइट्रोजन का उचित मात्रा में ही प्रयोग करें. जिससे काफी हद तक इस फफूंदी जनित रोग से फसल को सुरक्षित किया जा सकता है. खड़ी फसल में कैसे करें बचाव डॉ. एनसी त्रिपाठी ने बताया कि धान की खड़ी फसल में पौधों पर शुरुआती दिनों में ही अगर यह लक्षण दिखने लगे हैं तो किसान तत्काल इसका उपचार कर लें. किसान 250 ग्राम एफिनेट मिथाइल को 125 से 130 लीटर पानी में घोल बनाकर कर छिड़काव कर दें, या कार्बेंडाजिम और थायोफिनेट मिथाइल का घोल बनाकर भी छिड़काव कर सकते हैं., Tags: Agriculture, Local18, Shahjahanpur News, Uttar Pradesh News HindiFIRST PUBLISHED : August 13, 2024, 16:53 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed