UP के इस अस्पताल में बन रही है सेंट्रल लैब 24 घंटे होगी जांच
UP के इस अस्पताल में बन रही है सेंट्रल लैब 24 घंटे होगी जांच
All Time Medical Test Available: अधिकतर सरकारी अस्पतालों में जांच सुविधाओं का बड़ा अभाव है. एक तो कई जांचें वहां उपलब्ध नहीं होती हैं. दूसरा वहां सुबह 9 बजे से लेकर दोपहर 1 बजे तक ही सैंपल लिए जाते हैं. ऐसे में बहुत से मरीजों को जांच की सुविधा नहीं मिल पाती. अब मुरादाबाद के जिला अस्पताल में सेंट्रल लैब बन रही है...
पीयूष शर्मा/मुरादाबाद: उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद मंडल के जिला अस्पताल में बहुत जल्द नई सेंट्रल पैथोलॉजी लैब स्थापित होने जा रही है. ठेका होने के बाद संस्था ने निर्माण का काम शुरू कर दिया है. इस लैब में पैथोलॉजी की सभी जांचों के लिए 24 घंटे नमूने लेने और जांच करने की सुविधा होगी. जिला अस्पताल और महिला अस्पताल के सभी रोगी एक ही भवन में सारी जांचें करा सकेंगे.
80 लख रुपए की लागत से चल रहा है काम
करीब 80 लाख रुपये की लागत से बीएसएल-2 वाले भवन में काम चल रहा है. फिलहाल दोनों अस्पतालों में पैथोलॉजी की अलग-अलग व्यवस्था है. अभी मरीज सुबह 9 बजे से दोपहर 1 बजे तक ही नमूने दे पाते हैं. रोजाना ओपीडी में 1,000 से ज्यादा लोग आते हैं. इनमें 200 से 250 लोगों के लिए डॉक्टर जांच लिखते हैं. महिला अस्पताल में हार्मोन एनालाइजर मशीन न होने के कारण वहां के मरीज भी जिला अस्पताल में जांच कराने आते हैं. भीड़ होने के कारण रोज 50 से ज्यादा मरीज बिना जांच के रह जाते हैं. सेंट्रल लैब बनने के बाद इन मरीजों को निराश होकर नहीं लौटना पड़ेगा. इसके अलावा एचसीवी, एचवीए-2 आदि की जांच शुरू होने से जांच का दायरा भी बढ़ जाएगा.
काम हुआ शुरू
प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक डॉ संगीता गुप्ता ने बताया कि सेंट्रल पैथोलॉजी लैब बनाने का काम शुरू हो गया है. फिलहाल बीएसएल-2 और रैन बसेरे वाली बिल्डिंग में टूट फूट चल रही है. दो माह में काम पूरा हो जाएगा इसके बाद लोगों को 24 घंटे पैथोलॉजी की सुविधा मिलेगी. मूलभूत सुविधाएं भी होंगी.
एडिक्शन ट्रीटमेंट फेसिलिटी होगी शुरु
नशा मुक्ति कार्यक्रम के तहत जिला अस्पताल में एडिक्शन ट्रीटमेंट फेसिलिटी शुरू होगी. शराब, सिगरेट और इंजेक्शन से लेकर स्मैक और कोकीन तक का नशा करने वाले लोगों के इलाज के लिए ओपीडी में एक डॉक्टर और एक काउंसलर बैठेंगे. भर्ती करने योग्य मरीजों के लिए 10 बेड का वार्ड भी तैयार किया जाएगा. जिला अस्पताल, समाज कल्याण विभाग और दिल्ली एम्स की टीम मिलकर इस प्रोजेक्ट पर काम कर रही है.
बजट के इंतजार में अटकी एफेरेसिस यूनिट
जिला अस्पताल के ब्लड बैंक में एफेरेसिस यूनिट स्थापित करने की तैयारी थी. यह यूनिट विशेषकर डेंगू के सीजन के लिए तैयार की जानी है क्योंकि प्लेटलेट्स कम रह जाने पर मरीजों के परिजनों को जंबो पैक के लिए भटकना पड़ता था. निजी अस्पतालों में भी किट की किल्लत और पहले से बुकिंग होने के कारण लोग परेशान होते थे. कुछ दलाल इस परिस्थिति का फायदा उठाकर जंबो पैक बेचने का काम भी करते हैं. लोगों को इससे बचाने के लिए शासन ने जिला अस्पताल के ब्लड बैंक में जंबो पैक बनाने की मशीन स्वीकृत कर दी. अब किट को लेकर पेंच फंसा है. बाजार में एक किट की कीमत 8250 रुपये है.
Tags: Local18FIRST PUBLISHED : June 29, 2024, 14:47 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed