नई दिल्ली. गठबंधन सरकार में मंत्रालय को लेकर हो रही माथापच्ची की वजह से कई मंत्रालयों के अधिकारी भी पसोपेश में आ गए हैं. मोदी सरकार 3.0 ने सभी मंत्रालयों में 100 दिन का प्लान बनवाया है. यह प्लान भाजपा सरकार ने अपने अनुसार बनवाया था, लेकिन अगर संबंधित मंत्रालय गठबंधन के सहयोगी दल के पास जाता है तो क्या 100 दिन का प्लान लागू हो जाएगा. इसे लेकर मंत्रालय में भी सवाल उठ रहे हैं.
मोदी सरकार ने 3.0 ने लोकसभा चुनाव से पूर्व रेलवे, सड़क परिवहन, कृषि समेत तमाम मंत्रालयों में 100 दिन का प्लान बनवाया है, जो अगले चार वर्षों का रोडमैप है. मसलन रेलवे मंत्रालय में वंदेभारत के अलावा वंदेभारत स्लीपर और वंदेभारत मेट्रो शामिल है. वहीं सड़क परिवहन मंत्रालय में एक्सप्रेसवे व रोपवे कृषि मंत्रालय में ड्रोन दीदी योजना, एग्री इंफ्रा फंड को बढ़ाना जैसे प्रोजेक्ट शामिल हैं. मोदी सरकार 3.0 की इनको अगले 100 दिनों में शुरू करने की तैयारी बतायी गयी थी. मंत्रालय के अधिकारियों ने पूरा प्लान तैयार कर लिया है. मंत्रिमंडल के गठन के साथ ही इन पर अमल शुरू कर दिया जाना था.
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यहां फंस सकता है पेंच
दरअसल गठबंधन के सहयोगी दल कई प्रमुख मंत्रालय की मांग कर रहे हैं. इनमें रेलवे, सड़क परिवहन, कृषि, आईटी, रक्षा प्रमुख रूप से शामिल हैं. मंत्रालय के अधिकारियों के अनुसार अगर ये मंत्रालय सहयोगी दलों के पास जाते हैं तो क्या वे मोदी सरकार 3.0 के 100 दिन के प्लान को लागू करेंगे. जानकार बताते हैं कि संभव है कि सहयोगी दल की प्राथमिकताएं 100 दिन के प्लान से अलग हों. मसलन रेल मंत्रालय में वंदेभारत स्लीपर और वंदेभारत मेट्रो के बजाए सहयोगी दल स्लीपर ट्रेनों के संचालन और जनरल कोचों को बढ़ाने पर ज्यादा फोकस करे. इसी तरह रोपवे के बजाए ग्रामीण सड़कों की सड़के बनाने पर ज्यादा ध्यान दिया जाए. इस तरह के सवालों की वजह से मंत्रालय के अधिकारी असमंजस में हैं. उनका मानना है कि मंत्रालय के बंटवारे के बाद ही इस दिशा में तस्वीर स्पष्ट हो जाएगी.
Tags: Modi cabinet, Modi GovtFIRST PUBLISHED : June 7, 2024, 09:48 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed