5वीं पीढ़ी के 240 फाइटर जेट को मंजूरी देसी जुगाड़ से होगा कमाल F16 और J30

प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में सुरक्षा मामलों की कैबिनेट कमेटी ने सोमवार को एक अहम प्रस्ताव को मंजूरी दे दी. इसके तहत 26 हजार करोड़ के खर्च पर सुखोई विमानों के लिए इंजन खरीदे जाएंगे.

5वीं पीढ़ी के 240 फाइटर जेट को मंजूरी देसी जुगाड़ से होगा कमाल F16 और J30
चीन और पाकिस्तान जैसे खतरनाक दुश्मनों से घिरा भारत किसी भी कीमत पर अपनी सुरक्षा से रत्ती भर समझौता नहीं कर सकता. इसी क्रम में सोमवार को सुरक्षा मामलों की कैबिनेट कमेटी ने एक ऐसा फैसला किया है जिससे दोनों पड़ोसी देशों की पैरों तले जमीन खिसक गई होगी. दरअसल, भारत सरकार ने एक महत्वाकांक्षी परियोजना को मंजूरी दी है. इसके तहत देसी तकनीक से पांचवीं पीढ़ी जैसे क्षमतावान एक दो नहीं बल्कि पूरे 240 फाइटर जेट बनाया जाएगा. वो भी बेहद कम समय में. ऐसे विमानों की आपू्र्ति अगले साल से ही शुरू हो जाएगी. ऐसे में भारत की इस वैज्ञानिक सफतला को देखकर पाकिस्तानी एफ16 और चीन के जे30 जैसे लड़ाकू विमानों के पसीने छूट जाएंगे. दरअसल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय कैबिनेट की सुरक्षा मामलों की कमेटी ने 26 हजार करोड़ रुपये के खर्च पर 240 सुखोई 30 एमकेआई एयरक्राफ्ट इंजन खरीदने को मंजूरी दे दी. इन इंजनों की आपूर्ति एक साल बाद ही शुरू हो जाएगी और अगले आठ सालों के भीतर ये सभी इंजन भारत को मिल जाएंगे. इन इंजनों में 54 फीसदी कल-पुर्जे स्वदेसी होंगे. ये कल पुर्जे हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) के कारापुट कारखाने में बनेंगे. सुखोई-30 एमकेआई भारतीय वायु सेना का सबसे ताकतवर एयरक्राफ्ट फ्लीट है. अपग्रेड होंगे विमान इन इंजनों का इस्तेमाल कर एचएएल अपने लड़ाकू विमानों को अपग्रेड करेगी. अपग्रेड के बाद ये लड़ाकू विमान कई मायनों में पांचवी पीढ़ी जैसे हो जाएंगे. ये कई मायनों में वायुसेना के पास मौजूदा फ्रांसीसी राफेल विमानों से भी उन्नत हो जाएंगे. इस परियोजना के तहत एचएएल सुखोई-30 एमकेआई विमानों को ही अपग्रेड करेगी. इस तरह अगले 30 साल के लिए वायु सेना की जरूरतें पूरी हो जाएगी. इन विमानों में देसी तकनीक को ऐडऑन किए जाने के बाद ये बेहद ताकतवर और खतरनाक बन जाएंगे. इस पूरे प्रोजेक्ट कर 63 हजार करोड़ रुपये खर्च होंगे. इसके पहले चरण में 84 सुखोई विमान अपग्रेड किए जाएंगे. इनकी मारक क्षमता अचूक बनाने के लिए इनमें एआई और डाटा  साइंस का इस्तेमाल किया जाएगा. वायु सेना को लड़ाकू विमानों की भारी जरूरत भारतीय वायु सेना लड़ाकू विमानों की कमी जूझ रही है. चीन और पाकिस्तान दो मोर्चों पर चुनौती का सामना कर रही वायु सेना को 42 स्क्वाड्रन्स की जरूरत है. एक स्क्वाड्रन में 16 से 18 लड़ाकू विमान होते हैं. मौजूदा वक्त में वायु सेना के पास 259 सुखोई विमान हैं. इनको अपग्रेड कर दिए जाने के बाद वायु सेना की एक बड़ी जरूरत पूरी हो जाएगी. इन्ही जरूरतों को ध्यान में रखते हुए सरकार ने फ्रांस से सीधे 36 राफेल विमानों की खरीद की थी. Tags: Air force, Modi cabinetFIRST PUBLISHED : September 2, 2024, 22:10 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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