यह है कुंवारों का गांव इस वजह से नहीं हो रही है लोगों की शादी
यह है कुंवारों का गांव इस वजह से नहीं हो रही है लोगों की शादी
Water Crisis: आज के दौर में भी देश में कई शहर, गांव, कस्बे और इलाके ऐसे हैं जहां पानी नहीं पहुंचा है. पानी की इस किल्लत के चलते वहां के युवाओं की शादी नहीं हो रही है. उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर के इस गांव का नाम सुनते ही लोग यहां अपनी लड़कियों की शादी करने से मना कर देते हैं.
मुकेश पांडेय/मिर्जापुर: देशभर के अलग-अलग इलाकों में पानी की भारी किल्लत है. कहीं पानी आता ही नहीं और कहीं आता है तो इतना गंदा की उसे पीने के बाद इंसान क्या जानवर भी बीमार पड़ जाएं. इसी पानी की समस्या के चलते एक गांव कुंवारों का गांव बन गया है. इस गांव में शादी के लिए कोई आता है तो यहां पानी की समस्या देखकर वापस चला जाता है. लोग कहते हैं कि यहां उनकी बेटी बिना पानी के मर जाएगी. यह लहुरिया दह गांव की रहने वाली रामदई का कहना है.
उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर जिला मुख्यालय से 70 किलोमीटर दूर लहुरिया दह गांव कुवारों का गांव है. यहां पर पानी की समस्या होने की वजह से लड़कों की शादी नहीं हो रही है. आजादी के बाद से ही पानी की समस्या चली आ रही है. समाधान की बजाय जल का संकट और भी गहराता चला जा रहा है. गर्मी में टैंकर से पानी की सप्लाई की जा रही है.
मिर्जापुर जिला मुख्यालय से 70 किलोमीटर दूर हलिया ब्लॉक में लहुरिया दह गांव है. पहाड़ पर बसे इस गांव में सबसे बड़ी पानी की समस्या है. कुआं में पानी नहीं है. हर घर जल मिशन पाइपलाइन में पानी नहीं आता है. तीन से चार दिन पर थोड़े समय के लिए पानी आता है. भीषण गर्मी में टैंकर से आपूर्ति की जा रही है, लेकिन वह भी एक से दो दिन पर ही आता है. पानी नहीं होने से गांव में कुंवारे लड़कों की शादी नहीं हो रही है. पानी की समस्या की वजह से कोई शादी के लिए तैयार नहीं हो रहा है.
नाम सुनते है शादी से कर देते है इंकार
मंगलदास गुप्ता ने बताया कि पानी की समस्या के समाधान के लिए हमने प्रयास किया, लेकिन आज तक लोगों को पानी सही से नहीं मिल सका. यहां आईएएस दिव्या मित्तल आई थी, जिन्होंने पाइपलाइन शुरू कराया, लेकिन समाधान नहीं हो सका. पानी न होने से यहां पर बच्चों की शादी नहीं हो रही है.
सूरज कोल ने बताया कि डीएम दिव्या मित्तल ने पानी शुरू कराया, लेकिन उनके जाने के बाद पानी नहीं मिल रहा है. पाइपलाइन में पानी नहीं आ रहा है. टैंकर से दो से तीन दिन में पानी आता है. न विधायक सुनते हैं और न ही सांसद आते हैं. शादी इसलिए नहीं हो रही है क्योकि यहां पानी की समस्या है.
“पानी बिना मर जाएगी बेटी”
रामदई ने बताया कि जंगल से सूखी लकड़ी लाकर जीवकोपार्जन कर रहे हैं. यहां पर पानी की समस्या है. पानी की सप्लाई न होने पर भैसोड से पानी लाते हैं. गांव का नाम सुनकर कोई शादी ही नहीं करना चाहता है. कहते हैं कि शादी कर देंगे तो बिटिया पानी के बिना मर जाएगी. सुखराजी ने बताया कि पानी और दाना के लिए मोहताज हैं. लड़कों की शादी नहीं हो रही है. अधिकारी यहां आते हैं और आश्वासन देकर वापस चले जाते हैं. यहां रोजगार को लेकर भी कोई उपयुक्त साधन नहीं है.
Tags: Drinking water crisis, Local18, Water CrisisFIRST PUBLISHED : June 22, 2024, 12:39 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed