Teacher Day: इस प्रधानाध्यापक ने बदली सरकारी स्कूल की तस्वीर CBSE जैसी सुविधा
Teacher Day: इस प्रधानाध्यापक ने बदली सरकारी स्कूल की तस्वीर CBSE जैसी सुविधा
Mirzapur News: रविकांत द्विवेदी ने बताया कि विद्यालय में छात्रों की उपस्थिति लगभग 95 प्रतिशत है. यहां स्मार्ट टीवी, डिजिटल लाइब्रेरी और गणित का बगीचा भी बनाया गया है. हम किसान के बेटे हैं और हमारा सपना था कि एक किसान और मजदूर के बेटे को सभी सुविधाएं मिलनी चाहिए. आज इसका परिणाम यह है कि बच्चों का चयन आश्रम पद्धति और नवोदय विद्यालय में हो रहा है, जिससे हमें बेहद खुशी है.
मुकेश पांडेय/मिर्जापुर: जिसने अपने पिता को खेतों में कड़ी मेहनत करते देखा, उसने भी उसी लगन से मेहनत कर अध्यापक बनने का सपना पूरा किया. अध्यापक बनने के बाद उनका सफर प्रधानाध्यापक तक पहुंचा. इस यात्रा के दौरान उन्होंने शिक्षा क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण बदलाव देखे. किसान के बेटे ने मजदूरों और वंचितों के लिए बने प्राइमरी स्कूल को सीबीएसई स्तर तक पहुंचा दिया. स्कूल में स्मार्ट टीवी से लेकर डिजिटल लाइब्रेरी जैसी आधुनिक सुविधाओं की व्यवस्था की. राज्य अध्यापक पुरस्कार प्राप्त करने के बाद, उनका चयन राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार के लिए भी किया गया है.
मिर्जापुर के धर्मदेवा गांव के रहने वाले रविकांत द्विवेदी के पिता जटाशंकर द्विवेदी किसान हैं. माता कांति देवी गृहिणी हैं. बचपन से ही रविकांत का मन पढ़ाई में लगता था. पिता खेतों में मेहनत करते थे. गांव में शिक्षा के अभाव को देखते हुए उनका सपना अध्यापक बनने का था. 2009 में उनका चयन बतौर अध्यापक हुआ. अध्यापक बनने के बाद भगेसर में स्थित प्राइमरी स्कूल में प्रधानाध्यापक के रूप में तैनात हुए. प्रधानाध्यापक बनते ही उन्होंने विद्यालय की तस्वीर पूरी तरह से बदल दी.
95 प्रतिशत अटेंडेंस पर मिलती हैं सभी सुविधाएं
रविकांत द्विवेदी ने बताया कि विद्यालय में छात्रों की उपस्थिति लगभग 95 प्रतिशत है. यहां स्मार्ट टीवी, डिजिटल लाइब्रेरी और गणित का बगीचा भी बनाया गया है. हम किसान के बेटे हैं और हमारा सपना था कि एक किसान और मजदूर के बेटे को सभी सुविधाएं मिलनी चाहिए. आज इसका परिणाम यह है कि बच्चों का चयन आश्रम पद्धति और नवोदय विद्यालय में हो रहा है, जिससे हमें बेहद खुशी है.
मिल चुका है राज्य अध्यापक का पुरस्कार
प्रधानाध्यापक रविकांत द्विवेदी ने बताया कि स्कूल को बेहतर बनाने के लिए उन्हें 2021 में राज्य अध्यापक पुरस्कार मिला था. 2023 में उनका चयन उत्तर प्रदेश से राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार के लिए हुआ था, हालांकि चयन नहीं हो सका. 2024 में राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार के लिए उनका चयन हुआ है, जिससे उन्हें बेहद खुशी है.
सभी के सहयोग से सपना हुआ साकार
प्रधानाध्यापक रविकांत द्विवेदी ने बताया कि स्कूल के अध्यापकों, छात्रों और खाना बनाने वाली दाई के सहयोग से उनका सपना साकार हुआ है. हमने ऐसा माहौल बनाया है जिसमें बच्चे खेल-खेल में शिक्षा को सीख सकें. आज इसके सकारात्मक परिणाम भी सामने आ रहे हैं.
Tags: Hindi news, Local18, Mirzapur newsFIRST PUBLISHED : September 5, 2024, 15:37 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed