ससुर BHU के थे वाइस चांसलर मिर्जापुर के लड़के को दिल दे बैठी आतिशी

उर्मिला ने लोकल 18 से बातचीत में बताया कि देवर प्रो. पंजाब सिंह का परिवार वाराणसी में रहता है. यहां पर मांगलिक कार्यक्रम होने पर आतिशी आती थी. कभी यह महसूस नहीं होता था कि आतिशी इतनी ब्रिलियंट है. आज हमें बेहद खुशी है.

ससुर BHU के थे वाइस चांसलर मिर्जापुर के लड़के को दिल दे बैठी आतिशी
मिर्जापुर: दिल्ली की राजनीति में बड़ा बदलाव तब आया जब मुख्यमंत्री पद के लिए आतिशी का नाम चुना गया. इस घोषणा के बाद दिल्ली और पंजाब में जश्न का माहौल बन गया, जिसका असर मिर्जापुर तक दिखाई दिया. अरविंद केजरीवाल की विश्वसनीय सहयोगी आतिशी के इस अहम उपलब्धि से मिर्जापुर के अनंतपुर गांव में भी खुशी की लहर दौड़ गई. बता दें कि आतिशी की शादी मिर्जापुर जिले के निवासी और काशी हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) के पूर्व कुलपति पंजाब सिंह के बेटे, आईआईटीयन प्रवीण सिंह से हुई है. आतिशी के नाम की घोषणा के बाद मिर्जापुर में उनके ससुरालवालों और रिश्तेदारों ने मिठाई बांटकर अपनी खुशी जाहिर की. शादी के लिए ऐसे बनी बात मिर्जापुर के अनंतपुर गांव निवासी प्रवीण सिंह ने आईआईटी दिल्ली और आईआईएम हैदराबाद से शिक्षा प्राप्त की है. वह एक एनजीओ चलाते हैं और लंबे समय तक भोपाल में रहकर सामाजिक कार्यों में योगदान देते रहे हैं. आतिशी और प्रवीण की मुलाकात मध्यप्रदेश में हुई थी, जहां आतिशी करीब सात साल तक रहीं. उनकी शादी जनवरी 2006 में हुई, जिसके बाद आतिशी ने दिल्ली की राजनीति में कदम रखा. मिर्जापुर में उनके ससुराल वाले उन्हें अपने परिवार का अभिन्न हिस्सा मानते हैं. वह वाराणसी और मिर्जापुर के पारिवारिक कार्यक्रमों में अक्सर शामिल होती थीं, हालांकि दिल्ली में सक्रिय होने के बाद उनके दौरे कम हो गए हैं. BHU में प्रो. पंजाब सिंह का योगदान आतिशी के ससुर, प्रो. पंजाब सिंह, काशी हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) के पूर्व कुलपति रहे हैं. उनके कार्यकाल के दौरान उन्होंने बरकछा में BHU परिसर की नींव रखी थी. उनके बेटे प्रवीण और बेटी तनुजा सिंह ने भी उच्च शिक्षा प्राप्त की है. तनुजा वर्तमान में अमेरिका में रहती हैं, जबकि प्रवीण सामाजिक क्षेत्र में काम करते हैं. परिवार का कहना है कि प्रवीण सुर्खियों से दूर रहना पसंद करते हैं, लेकिन आतिशी की सफलता से पूरे परिवार को गर्व महसूस हो रहा है. परिवार की खुशी परिवार के सदस्य वीरेंद्र सिंह ने बताया कि आतिशी हमेशा पारिवारिक कार्यक्रमों में शामिल होती थीं और सभी से घुलमिलकर रहती थीं. उनकी सास उर्मिला ने बताया कि आतिशी में हमेशा एक खास गुण नजर आता था, जिससे लगता था कि वह बहुत आगे जाएंगी. अब उनका मुख्यमंत्री पद के लिए चयन होना परिवार के लिए गर्व की बात है. उन्होंने कहा, “हमारी खुशी शब्दों में बयां नहीं की जा सकती.” आतिशी की यह सफलता न केवल दिल्ली की राजनीति में एक नया अध्याय जोड़ रही है, बल्कि मिर्जापुर के इस छोटे से गांव को भी राष्ट्रीय पहचान दिला रही है. FIRST PUBLISHED : September 19, 2024, 10:14 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed