1 मिनट में 1600 राउंड दाग कर छलनी कर देगा आसमान नहीं रहेगा ड्रोन का नामोनिशान

Indian Army : भारतीय थलसेना पास एक पूरी रेंज है एयर डिफेंस गन की. सेना की तैयारी अब इस तहर है कि कोई ड्रोन हमला भारत पर करना मुश्किल होगा. महज कुछ लाख के ड्रोन को मार गिराने के लिए करोड़ो की कीमत के मिसाइल दागने पड़ते है. अब स्वदेशी एंटी ड्रोन एम्युनिशन से सस्ते ड्रोन को और सस्ता इलाज दिया जा सकेगा.

1 मिनट में 1600 राउंड दाग कर छलनी कर देगा आसमान नहीं रहेगा ड्रोन का नामोनिशान
Indian Army : एयर डिफेंस किसी भी देश की ताकत का एक सबसे बड़ा हथियार है. यह दुश्मन के मिसाइल, ड्रोन, एयरक्राफट हमले से रक्षा करती है. मौजूदा जंग में जिस तरह की गदर ड्रोन ने मचाया वह किसी से छिपा नहीं है. सस्ते का सस्ता और घाव करें गंभीर. भारतीय सेना ने भी मौजूद जंग से सीख लेते हुए एक बड़ा फैसला लिया है. भारतीय थलसेना के पास जो एयर डिफेंस गन है उसके लिए खास एंटी ड्रोन एम्युनिशन की खरीद करने जा रही है. साल 2025 का पहले टेंडर सेना ने जारी किया. खास बात यह है कि यह सभी खरीद स्वदेशी कंपनियों से की जानी है. ऐसा घातक होगा एंटी ड्रोन एम्युनेशन भारतीय थलसेना के पास कई तरह के एयर डिफेंस गन मौजूद है. लगभग सभी गन को आज के हिसाब से अपग्रेड भी किया गया है. एयर डिफेंस गन Zu-23 और इसी का ट्रैक्ड वर्जन शिल्का अब खास तौर के एंटी ड्रोन गोलियों फायर करेगी. सेना की तरफ से जारी RFI में इस बात की जानकारी स्वदेशी कंपनियों से मांगी गई है. 23mm के राउंड की खासियत होना चाहिए की वह प्रौक्सिमिटि या एयर बर्सट फ्यूज होना चाहिए. यानी की अगर किसी भा ड्रोन पर फायर किया गया तो इसके करीब जाकर फटें और ड्रोन नष्ट हो जाए. फ्यूज पहले से ही प्रोग्राम होना चाहिए जो कि 1000 मीटर से 2500 मीटर के रेंज में किसी भी लॉयटरिंग एम्युनिशन को मार गिराए. इस एम्युनिशन का कार्टेज Zu-23 और शिलका एयर डिफेंस सिस्टम में फिट हो. किसी भी तरह का बदलाव गन में नहीं किया जाएगा. 14000 फिट से उंचाई के इलाके में इसकी सटीक मार करने की क्षमता होनी चाहिए. मानइस 25 डिग्री से 45 ड्रिग्री तापमान में आसानी से इस्तेमाल हो, यह सबसे जरूरी होगा. इस एम्युनिशन की शेल्फ लाइफ 10 साल से कम नहीं होनी चाहिए. भारतीय सेना हर साल 2 लाख राउंड एंटी ड्रोन एम्युनिशन की खरीद करने का प्लान कर रहा है. Z-23 से दागी जाएगी एंटी ड्रोन एम्युनिशन ZU-23 रूसी गन है. यह 80 के दशक की शुरुआत में रूस से ली गई थी. यह डबल बैरल गन है. एक बैरल से 800 तो दोनो बैरल से कुल 1600 राउंड प्रति मिनट फ़ायर कर सकती है. यह गन मैनुअल इस्तेमाल की जाती है. 2 से 2.5 किलोमीटर में आने वाले किसी भी संभावित टार्गेट को छलनी कर देता है. भारतीय सेना के पास इसकी 7 से 8 रेजिमेंट है. हर रेजिमेंट में 24 गन है. चूकी यह एक लाइट गन है. इसे खींच कर भी ले जाई जा सकती है. इसके पार्ट को अलग अलग कर के 5-6 सैनिक किसी भी जगह पर असेंबल कर सकते है. सियाचिन और हाई ऑलटेट्यूड एरिया में इनकी तैनाती है. शिल्का एयर डिफेंस गन मचा देगा गदर शिल्का ZU-23mm का ही दूसरा रूप है. यह ट्रैक गाड़ी पर लगाई गई है. हर वेहिकल में 2 ZU-23mm गन लगी है. यानी एक सिस्टम में 4 बैरल है यानी की ये सिस्टम एक मिनट में 3200 राउंड फायर कर सकती है. यह ट्रेक्ड गन सिस्टम है और इसका इस्तेमाल किसी भी तरह के इलाके में आसानी से किया जा सकता है. आम तौर पर जब भी टैंक का मूवमेंट होता है तो यह हर रेजिमेंट के साथ मूव करती है. यह दुशमन के एरियल अटैक से अपने टैंकों की सुरक्षा करती है. भारतीय सेना के पास शिल्का की 8 के करीब रेजिमेंट है. लगातार बढ़ रहे सस्ते आसमानी खतरे के चलते गन को अपग्रेड किया जा रहा है. Tags: Indian army, Indian Army latest newsFIRST PUBLISHED : January 2, 2025, 19:29 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed