ओलंपिक में छाने को बेताब मेरठ की बेटियां भाला फेंक में अन्नू रचेंगी इतिहास
ओलंपिक में छाने को बेताब मेरठ की बेटियां भाला फेंक में अन्नू रचेंगी इतिहास
पेरिस ओलंपिक 2024 में निशानेबाजी में भारत ने दो ब्रॉन्ज मेडल जीते हैं. मनु भाकर ने सिंगल और फिर सरबजोत सिंह के साथ डबल्स में ब्रॉन्ज मेडल के लिए अचूक निशाना लगाया. पेरिस में मेरठ की पारुल चौधरी, अन्नू रानी और प्रियंका गोस्वामी भी इतिहास रचने की तैयारी कर रही हैं.
पश्चिमी उत्तर प्रदेश की खिलाड़ी बेटियों पेरिस ओलंपिक में पदक लाने को बेताब हैं. खासतौर से मेरठ की तीन चैंपियन बेटियां भारत का तिरंगा पेरिस में लहराने की तैयारी कर रही हैं. ये खिलाड़ी हैं मेरठ की पारुल चौधरी, अन्नू रानी और प्रियंका गोस्वामी की. इनमें से अन्नू रानी जैवलिन थ्रो में हिस्सा लेने वाली पहली भारतीय महिला होगी.
मेरठ के बहादुरपुर गांव की रहने वाली अन्नू रानी एशियन गेम्स 2023 में गोल्ड मेडल जीतकर चर्चा में आई थी. कभी गन्ने को भाला बनाकर फेंकने वाली अन्नू के संघर्ष की लंबी कहानी है. 15 साल पहले अन्नूने भाला फेंकने की प्रैक्टिस शुरू की थी. अन्नू रानी तीन बहनों और दो भाइयों में सबसे छोटी है. अन्नू के पेरिस तक पहुंचने में सबसे ज्यादा उसके भाई उपेंद्र ने मदद की है. अन्नू की खेल में रुचि बढ़ी तो भाई ने गुरुकुल प्रभात आश्रम का रास्ता दिखा दिया. गुरुकुल प्रभात आश्रम में जाकर अन्नू ने खूब प्रैक्टिस की. आश्रम के गुरुजी स्वामी विवेकानंद ने अन्नू की प्रतिभा को तराशाने का काम किया.
मेरठ की तीनों चैंपियन्स अन्नू, प्रियंका और पारुल का नाता पश्चिमी उत्तर प्रदेश के गुड़ और गन्ने से रहा है. गन्ने का इतना खास नाता इन खिलाड़ियों के साथ रहा है कि अन्नू रानी ने तो भाला फेंकने की शुरुआत गन्ने से ही की थी.
न्यूज़18 की टीम ने इन खिलाड़ियों के परिजनों से बात की तो वे अपनी बेटियों की बलैया लेते नहीं थकते. अन्नू के परिजनों ने बताया कि गन्ने से प्रैक्टिस की वजह से आज अन्नू रानी ओलंपिक तक पहुंच चुकी है. एशियन गेम्स में गोल्ड मेडल जीत चुकी है और अब इस बार भी गोल्ड मेडल लाने की तैयारी है. अन्नू के भाई उपेंद्र ने बताया कि उनकी बहन को गुड़ बहुत पसंद है. उपेंद्र कहते हैं कि अन्नू कभी नर्वस नहीं होती. अन्नू के पिता किसान हैं.
एथलीट पारुल चौधरी मेरठ के इकलौता गांव की रहने वाली हैं. पारुल ने बीते दिनों चीन में हुए एशियन गेम्स में दो पदक जीतकर तहलका मचाया था. एक प्रतियोगिता में गोल्ड तो दूसरी में पारुल ने सिल्वर मेडल जीता था. पारुल के पिता ने बताया कि बेटी के इस मुकाम तक पहुंचने का श्रेय प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को जाता है. वे कहते हैं कि सरकार ने एशियन गेम्स के पहले ऐलान किया था कि जो एशियन गेम्स में गोल्ड मेडल लाएगा उसे डीएसपी बनाया जाएगा. पारुल का सपना डीएसपी बनने का था. इस बार एथलीट पारुल चौधरी का सपना देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को स्वर्ण पदक भेंट करने का है.
वहीं रेस वॉकर प्रियंका पेरिस ओलंपिक में पदक जीतने के लिए अपने खेल पर तो ध्यान दे ही रही हैं लेकिन उन्हें भक्ति से भी शक्ति मिलती है. प्रियंका अपने साथ हमेशा लड्डू गोपाल को रखती है. मेरठ में प्रियंका के पिता बताते हैं कि प्रियंका लड्डू गोपाल की भक्त है. विधि-विधान से उनकी रोज पूजा करती है. वह अपने कान्हा को सुलाती और जगाती भी है. और हवाई जहाज़ से सफर भी कराती है.
प्रियंका को कैसे भक्ति से शक्ति मिलती है इसका उदाहरण उस वक्त दिखा था जब कॉमनवेल्थ गेम्स में उसने रजत पदक जीता था. तब उसके एक हाथ में पदक तो दूसरे हाथ में कान्हा बाल गोपाल नजर आए थे. प्रियंका की इस भक्ति के बारे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी अच्छी तरह जानते हैं. हाल ही में जब ओलंपिक जाने वाले खिलाड़ियों से पीएम मोदी संवाद कर रहे थे, तो उन्होंने विशेषकर प्रियंका से पूछा था- कहां हैं आपके बाल गोपाल? प्रियंका ने जवाब दिया था बाल गोपाल उनके साथ ही हैं.
Tags: 2024 paris olympics, Meerut news, Olympics 2024, Paris olympics 2024FIRST PUBLISHED : July 30, 2024, 22:05 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed