कृषि क्षेत्र में बनाना है करियर ये कोर्स करना रहेगा बेहतर

यदि युवा कृषि के क्षेत्र में अपना भविष्य बनाना चाहते हैं, तो बीएससी एग्रीकल्चर, बीटेक एग्रीकल्चर में अध्ययन कर सकते हैं. इसके बाद प्राइवेट सेक्टर के साथ-साथ गवर्नमेंट सेक्टर में भी उनके लिए जॉब की अपार संभावना है क्योंकि बदलते दौर में कहीं ना कहीं कृषि में भी आधुनिक टेक्नोलॉजी का ही उपयोग किया जा रहा है.

कृषि क्षेत्र में बनाना है करियर ये कोर्स करना रहेगा बेहतर
मेरठ. कृषि वैज्ञानिक बनना एक प्रतिष्ठित और महत्वपूर्ण करियर विकल्प है. खासकर उन युवाओं के लिए जो कृषि क्षेत्र में रुचि रखते हैं और खेती को वैज्ञानिक दृष्टिकोण से आगे बढ़ाना चाहते हैं. खास बात यह है कि कई युवा किसान कम उम्र से ही खेती-किसानी में दिलचस्पी दिखाने लगते हैं. ऐसे में उनके लिए यह फील्ड बेहद लाभप्रद हो सकता है. सर छोटू राम इंजीनियरिंग कॉलेज में संचालित एग्रीकल्चर विभाग के कोऑर्डिनेटर इंजीनियर जेआर बेंथम ने लोकल 18 को बताया कि कृषि वैज्ञानिक ना केवल खेती की नई तकनीकों पर काम करते हैं बल्कि खाद्यान्न उत्पादन में सुधार, नई फसलों की किस्मों का विकास और कृषि समस्याओं का समाधान भी ढूंढते हैं. कृषि वैज्ञानिक बनने के लिए आवश्यक है पढ़ाई कोऑर्डिनेटर जेआर बेंथम ने लोकल 18 को बताया कि कृषि वैज्ञानिक बनने के लिए एक विशेष शैक्षिक पृष्ठभूमि की जरूरत होती है. इसके लिए विभिन्न कोर्स और डिग्री प्रोग्राम उपलब्ध है. उन्होंने बताया कि कृषि विज्ञान में करियर बनाने के लिए आपको 12वीं में बायोलॉजी, केमिस्ट्री, फिजिक्स जैसे विज्ञान विषयों का चयन करना होगा. इसके बाद आप कृषि विज्ञान से संबंधित स्नातक कोर्स में दाखिला ले सकते हैं. 12वीं के बाद आप कृषि विज्ञान से संबंधित डिग्री कोर्स कर सकते हैं. भारत में कृषि विश्वविद्यालय और संस्थान से बीएससी एग्रीकल्चर, बीएससी हर्टिकल्चर एवं बीटेक एग्रीकल्चर इंजीनियरिंग का कोर्स कर सकते हैं. इन कोर्सों में खेती, मृदा विज्ञान, पौध पोषण, बीज उत्पादन और जैव प्रौद्योगिकी जैसे विषयों पर अध्ययन किया जाता है. रिसर्च के क्षेत्र में भी बढ़ सकते हैं आगे  कोऑर्डिनेटर जेआर बेंथम ने लोकल 18 को बताया कि मास्टर या अन्य विशेषज्ञता वाले कोर्स जैसे प्लांट पैथोलॉजी, एग्रोनॉमी, जेनेटिक्स आदि कर सकते हैं. यहीं नहीं एमएससी या एमटेक एग्रीकल्चर में अध्ययन करने के बाद पीएचडी भी कर सकते हैं, जो आपको रिसर्च और शिक्षण के क्षेत्र में आगे बढ़ने के अवसर देता है. इसी कड़ी में सर छोटू राम इंजीनियरिंग कॉलेज के निदेशक प्रो. डॉ. नीरज सिंघल ने लोकल 18 को बताया कि Indian Council of Agricultural Research जैसी प्रवेश परीक्षाएं पास करके आप देशभर के प्रमुख कृषि विश्वविद्यालयों में प्रवेश पा सकते हैं. JRF और SRF स्कॉलरशिप के माध्यम से आप रिसर्च में आगे बढ़ सकते हैं. सरकारी और नीजी शोध संस्थानों में कर सकते हैं कार्य प्रो. डॉ नीरज सिंघल के अनुसार कृषि वैज्ञानिक के रूप में करियर के कई विकल्प होते हैं. कृषि वैज्ञानिक के रूप में आप विभिन्न सरकारी और निजी शोध संस्थानों में काम कर सकते हैं, जहां नई किस्मों का विकास, उर्वरक और कीटनाशक की खोज और कृषि संबंधी शोध किया जाता है. कृषि वैज्ञानिकों के लिए सरकारी क्षेत्र में कृषि अनुसंधान संस्थानों, कृषि विभागों और कृषि विश्वविद्यालयों में भी कई अवसर उपलब्ध है. कृषि अनुसंधान सेवा जैसे संगठन कृषि वैज्ञानिकों को नियुक्त करते हैं. कृषि संबंधित निजी कंपनियों, जैसे बीज, उर्वरक और कीटनाशकों का उत्पादन करने वाली कंपनियों में भी कृषि वैज्ञानिकों की मांग होती है. स्वतंत्र शोधकर्ता के रूप में भी कर सकते हैं कार्य  आप प्रोफेसर या लेक्चरर के रूप में कृषि विश्वविद्यालयों में अध्यापन भी कर सकते हैं, जहां आप अगली पीढ़ी के कृषि वैज्ञानिकों को प्रशिक्षित करेंगे. कृषि वैज्ञानिक स्वतंत्र शोधकर्ता के रूप में या कृषि सलाहकार के रूप में भी काम कर सकते हैं, जहां वे किसानों को नई तकनीकों, फसल सुधार और अन्य महत्वपूर्ण कृषि प्रथाओं पर सलाह देते हैं. ऐसे में अगर आप इन विषय में अध्ययन करना चाहते हैं. इसके लिए आप सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि विश्वविद्यालय एवं सर छोटूराम इंजीनियरिंग कॉलेज सहित विभिन्न शिक्षण संस्थान में अध्ययन कर सकते हैं. Tags: Job opportunity, Local18, Meerut news, UP newsFIRST PUBLISHED : September 14, 2024, 12:04 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed