रूबिक क्यूब के आइडिया से बनाया साइबर सुरक्षा का प्रोग्रामर 12 लाख के पैकेज को

Meerut News: मेरठ के सर छोटू राम इंजीनियरिंग कॉलेज में आईटी डिपार्मेंट से छात्र सैयद विलायत अली रिजवी बीटेक कर चुके हैं. छात्र ने रूबिक क्यूब आधारित एक ऐसा साइबर सिक्योरिटी सिस्टम तैयार किया है, जिसके माध्यम से भविष्य में डाटा हैक होने वाली संभावनाओं पर ब्रेक लग सकेगा.

रूबिक क्यूब के आइडिया से बनाया साइबर सुरक्षा का प्रोग्रामर 12 लाख के पैकेज को
 विशाल भटनागर/ मेरठ: जीवन में अगर खेल की बात की जाए तो तनाव और स्वस्थ रखने में विभिन्न प्रकार के खेलों की अहम भूमिका होती है, लेकिन पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मेरठ की बात की जाए तो सर छोटू राम इंजीनियरिंग कॉलेज के आईटी विभाग में अध्ययन करने वाले बीटेक फाइनल ईयर के स्टूडेंट द्वारा रूबिक क्यूब आधारित ऐसा प्रोग्रामर तैयार कर दिया गया है, जो आने वाले समय में साइबर सुरक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है. दरअसल, बीटेक आईटी के फाइनल के स्टूडेंट सैयद विलायत अली रिजवी द्वारा उनका अपना प्रोजेक्ट कॉलेज को सौंपा गया है. उस प्रोजेक्ट में इस तरह के प्रोग्रामर को तैयार किया गया है, जो साइबर अटैक की सूचना के लिए अलर्ट भेजने के साथ-साथ डाटा को सुरक्षित करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा. खेलते हुए दिमाग में आया आइडिया सैयद विलायत अली रिजवी ने लोकल-18 से खास बातचीत करते हुए बताया कि कोरोना काल के समय उन्होंने सर छोटू राम इंजीनियरिंग कॉलेज में बीटेक आइटी विभाग में एडमिशन लिया था. तब एक दिन प्रोफेसर के केबिन में बैठकर बैठे-बैठे रूबिक क्यूव से खेल रहे थे. तभी अचानक उनके दिमाग में आईडिया आया क्यों ना एक ऐसा ही रूबिक क्यूब साइबर सुरक्षा के लिए तैयार किया जाए. उसके बाद अपने सीनियर प्रोफेसर सीनियर सिस्टम एनालिस्ट अर्पित छाबड़ा के साथ इस आईडिया पर काम करते हुए, विभिन्न क्षेत्रों में रिसर्च किया. तब जाकर यह प्रोग्राम में तैयार किया गया है. छात्र ने बताया कि इसे हर मानक पर चेक किया गया है, जिसमें यह सफल है. अब इसे पेटेंट कराने की तैयारी है. डाटा को सुरक्षित रखने में है महत्वपूर्ण अर्पित छाबड़ा ने बताया कि अव्क्रिप्ट एक नया और विशेष तरीके से डाटा को सुरक्षित करने का तरीका है. जिसमें रूबिक क्यूब का उपयोग किया जाता है. इस प्रक्रिया में डाटा स्ट्रिंग को एक विशेष ढंग से प्रस्तुत किया जाता है. जिसे क्यूव स्ट्रिंग कहा जाता है. उन्होंने बताया कि इसके बाद डेटा को मूवलिस्ट और वर्ण स्थान वेक्टर बनाने के लिए प्रोसेस किया जाता है. इन तीनों पैरामीटर का उपयोग करके डाटा को एक्रिप्टिग किया जाता है. जिससे मूल डाटा पूर्ण प्राप्त होता है. इस प्रक्रिया में डाटा क्यूब को कंप्यूटर की मेमोरी में लाइनर रूप से मॉडल किया जाता है. जिससे डाटा को सुरक्षित रखा जा सकता है.उन्होंने बताया कि प्रोग्रामर को वेब आफ साइंस में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पब्लिश किया जा चुका है. जल्द ही अब पेटेंट कराने की दिशा में कार्य किया जा रहा है. इन लोगों को मिलेगा फायदा इंजीनियरिंग कॉलेज के डायरेक्टर प्रोफेसर नीरज सिंघल बताते हैं कि जिस तरीके से स्टूडेंट द्वारा यह साइबर सुरक्षा को लेकर प्रोग्रामर तैयार किया गया है. यह आने वाले समय में बैंकिंग, प्राइवेट सेक्टर, एवं अन्य ऐसी कंपनियों के लिए काफी लाभदायक साबित होगा. जिन पर डाटा हैक होने की संभावनाएं हमेशा ही बनी रहती हैं. उन्होंने बताया कि संस्थान की हमेशा से यही कोशिश होती है कि ऐसे कार्य किए जाएं जो समाज के हितों के लिए लाभदायक हों. बता दें कि सैयद विलायत अली रिजवी को एक निजी क्षेत्र की कंपनी द्वारा 12 लाख रुपए प्रति वर्ष सैलरी का पैकेज भी ऑफर किया गया है, लेकिन सैयद विलायत अली रिजवी का कहना है कि वह रिसर्च के क्षेत्र में आगे बढ़ना चाहते हैं. वह मूल रूप से लखनऊ के रहने वाले हैं, उनके पिता सैयद सरफाज अली रिजवी एजुकेशन डिपार्टमेंट में कार्यरत है. वहीं, उनकी मां सरकारी क्रिमिनल वकील के पद से रिटायर्ड हो चुकी हैं. Tags: Local18, Meerut city news, Meerut Latest News, Meerut news today, UP latest news, UP newsFIRST PUBLISHED : May 24, 2024, 14:06 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed