कभी 5000 रुपये की करते थे नौकरी अब शुरू किया ये बिजनेस तो बदल गई किस्मत

आईटीआई करने के बाद देखने को मिलता है .अक्सर युवा रोजगार की तलाश में लगते हैं. लेकिन मेरठ के रहने वाले प्रमोद कुमार शर्मा ने मशीनिस्ट से आईटीआई करने के बाद कई जगह प्राइवेट जॉब की. जब उसमें बेहतर सैलरी नहीं मिली. तो उन्होंने अपना ही स्पोर्ट्स का कारोबार शुरू किया.

कभी 5000 रुपये की करते थे नौकरी अब शुरू किया ये बिजनेस तो बदल गई किस्मत
 मेरठ: अगर हम लोग अपनी शिक्षा पर अच्छे से फोकस करें तो हमारे जीवन में बड़ा बदलाव ला सकती है. जिसकी बदौलत हम अन्य लोगों के लिए प्रेरणा बन सकते हैं. जी हां हम ये बातें इसलिए कह रहे हैं क्योंकि पश्चिम उत्तर प्रदेश के मेरठ में कुछ इसी तरह का नजारा देखने को मिल रहा है. मेरठ के रहने वाले प्रमोद शर्मा ने साल 1995 में साकेत आईटीआई से मशीनिस्ट ट्रेंड में अध्ययन किया था. जिसकी बदौलत आज वह खुद स्पोर्ट्स के क्षेत्र में बेहतर कार्य कर अन्य लोगों को भी रोजगार उपलब्ध करा रहे हैं. कभी खुद करते थे नौकरी आज अन्य लोगों को दे रहे रोजगार प्रमोद शर्मा ने लोकल-18 से खास बातचीत करते हुए बताया कि आईटीआई कोर्स कंप्लीट होने के बाद उन्होंने अप्रेंटिस की थी. तब उन्हें साढ़े सात सो रुपए मिला करते थे. उसके बाद उन्होंने कई स्थानों पर जॉब की. जिसमें उन्हें चार से 5000 ही उनको महीने के मिल पाते थे. ऐसे में वर्ष 2004 में उन्होंने अपने भाई के साथ मिलकर अपनी फैक्ट्री की शुरुआत की. जिसमें वर्तमान समय में 30 से अधिक पुरुष महिलाएं कार्य कर रहे हैं. वहीं उन्होंने बताया जालंधर सहित अन्य देश के अन्य व्यापारियों को खेल से संबंधित सामान भी डिस्ट्रीब्यूशन कर सालाना 3 से 4 करोड़ रुपये का टर्नओवर कर लेते हैं. मशीन खराब होने पर खुद ही बन जाते हैं मैकेनिक प्रमोद कुमार शर्मा कहते हैं जब अपना व्यापार करना होता है. तो कभी भी एसी आधारित कमरों में बैठकर हम लोग व्यापार नहीं कर सकते हैं. उन्होंने बताया कि उनके यहां पर जो सामान बनाए जाते हैं. उसमें मशीनों का भी बड़ी मात्रा में उपयोग किया जाता है. कई बार जब मशीनों में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. तो वह खुद ही आईटीआई में हासिल किए प्रशिक्षण के बदौलत और मशीनों को ठीक कर कार्य शुरू कर देते हैं. वह कहते हैं कि मशीनिस्ट से संबंधित जो उन्होंने ट्रेड में प्रशिक्षण हासिल किया था. उनके जीवन का अहम हिस्सा बना हुआ है. उन्होंने कहा जो भी युवा अपनी शैक्षिक पद्धति को हासिल करें. वह सिर्फ सर्टिफिकेट तक सीमित ना रहे हैं. बल्कि जिस क्षेत्र में अध्ययन कर रहे हैं. इसकी बारीकियां को समझे. क्योंकि जीवन में वह चीज काफी काम आती है…  स्पोर्ट्स के सामान बताते चलें कि स्पोर्ट्स से संबंधित सभी तरह के सामान बनाए जाते हैं. जिसमें शॉट पुट, जैवलिन, क्रिकेट विकेट, गिल्बस, बैंग सहित 200 से अधिक प्रकार के स्पोर्ट्स के सामान तैयार किए जाते हैं. Tags: Business news, Local18FIRST PUBLISHED : July 18, 2024, 12:15 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed