खेत और तालाब में लगाएं ये फसल कुछ माह में होगी बंपर कमाई

Farming in Mau: बारिश के मौसम में अगर आप नई तकनीकी से खेती कर अच्छा पैसा कमाना चाहते हैं तो आप सिंघाड़े की खेती कर सकते हैं. इस बारे में मऊ उद्यान अधिकारी ने बताया कि इसकी खेती से आप कुछ ही माह में लाखों रुपए कमा सकते हैं.

खेत और तालाब में लगाएं ये फसल कुछ माह में होगी बंपर कमाई
सुशील सिंह/मऊ: उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल के किसान काफी छोटी जोत के होते हैं, जो अपना जीवन यापन के लिए पूर्णतः कृषि पर ही निर्भर होते हैं. मुख्य रूप से यहां के किसान गेंहू और धान की परंपरागत खेती ही करते हैं. परंतु अब ये किसान थोड़ा हट कर सोचने लगे हैं. अब किसान जीवन यापन के साथ ही साथ अब कृषि को व्यापार और पैसे कमाने का एक जरिया बना लिए हैं. अगर आप भी प्रगतिशील किसान हैं और खेती से अच्छा पैसा कमाना चाहते हैं तो आप सिंघाड़े की खेती कर अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं. खेती के बारे में उद्यान ने बताया इस बारे में उद्यान अधिकारी संदीप गुप्ता ने बताया कि अगर आपके पास तलाब है या खेतों में पानी का अच्छा स्रोत है तो आप सिंघाड़े के बीज उसमे लगा सकते हैं. सिंघाड़े के पौधों को लगाने का सबसे अच्छा समय जुलाई होता है. मार्च माह में तैयार होती है बेहन इससे पहले मार्च के मौसम में इसकी बेहन तैयार की जाती है. जुलाई के महीने में साफ सुथरे तालाब में आप सिंघाड़े के पौधे का रोपण कर सकते हैं. सिंघाड़े के रोपण से पहले हमे ये सुनिश्चित कर लेना चाहिए कि तालाब का पानी साफ सुथरा हो, उसमे फंगस इत्यादि बीमारियां न हों. जहां पौधा रोपण के लिए लिया गया पौधा पूर्णतः स्वस्थ हो. यदि पौधा स्वस्थ्य नहीं होगा तो उसमे झुलसा रोग लगने की प्रबल संभावना होती है. इसके अलावा पानी में फंफूद नाशी का प्रयोग करना चाहिए. जानें एक हेक्टेयर खेत में लागत उन्होंने बताया कि 1 हेक्टेयर सिंघाड़े की खेती के लिए कम से कम डेढ़ लाख रुपए की लागत आती है. दो से ढाई महीने में फसल प्राप्त होने लगती है. इसमें फसल की प्राप्ति अक्टूबर से लेकर जनवरी माह तक रहती है. उन्होंने बताया कि इस बार पकड़ी के ताल में 5 हेक्टेयर में सिंघाड़े की एक हाई यील्डिंग वैरायटी बोने का प्रस्ताव है. इसके लिए किसानों को प्रशिक्षित किया जाएगा और इस नई वैरायटी की खेती की जाएगी. Tags: Local18, Mau newsFIRST PUBLISHED : July 29, 2024, 16:30 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed