इस तकनीक से करें टमाटर की खेती कम लागत में होगा बंपर मुनाफा

फर्रुखाबाद के किसान आलू और धान की फसलों को छोड़कर नगदी वाली सब्जियों की फसल अपने खेतों में उगा रहे हैं. इस परिवर्तन से वह अच्छा लाभ भी कमा रहे हैं. तो दूसरी ओर इसमें लागत भी कम आती है.

इस तकनीक से करें टमाटर की खेती कम लागत में होगा बंपर मुनाफा
सत्यम कटियार/फर्रुखाबाद: अगर आप नौकरी से ऊब गए हैं और कोई बंपर कमाई वाला बिजनेस करना चाहते हैं, तो आज हम आपको एक बेहतरीन बिजनेस आइडिया बताएंगे. जिससे आप कम समय में अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं. हम बात कर रहे हैं टमाटर की खेती की. टमाटर की गांव से लेकर शहरों तक भारी डिमांड रहती है. ऐसे में टमाटर की खेती आपके लिए फायदे का सौदा है. क्योंकि टमाटर एक नकदी फसल है. जिससे आपको बेहतरीन मुनाफा मिल सकता है. इसलिए फर्रुखाबाद के किसान आलू और धान की फसलों को छोड़कर नगदी वाली सब्जियों की फसल अपने खेतों में उगा रहे हैं. इस परिवर्तन से वह अच्छा लाभ भी कमा रहे हैं. तो दूसरी ओर इसमें लागत भी कम आती है, जिसके कारण अब जिले के किसान ड्रिप इरीगेशन, टपक पद्धति द्वारा सिंचाई करके सब्जियों की फसल से तगड़ी कमाई भी कर रहे हैं. वहीं क्षेत्र के कुछ किसान इस फसल को पाली हाउस और शेडनेट के जरिए भी उगा रहे हैं. कमालगंज के मोहन नगला निवासी किसान राज बताते हैं कि वह बचपन से ही सब्जियों की खेती करते आ रहे हैं. जिससे उन्हें तगड़ी कमाई होती है. वर्तमान में  वह टमाटर की खेती कर रहा है. इस फसल से उन्हें आज तक कभी नुकसान नहीं हुआ. किसान ने बताया कि टमाटर की खेती में प्रति बीघा दस से बीस हजार रुपए की लागत आती है. वहीं एक बार फसल तैयार होने के बाद रोजाना टमाटर की तुड़ाई होती है. यह फसल लगातार 2 से 3 महीने तक लगातार उत्पादन देती है. तीन माह तक होती हैं कमाई किसान राज ने बताया कि गर्मियों के दिनों में बाजार में टमाटर की तगड़ी डिमांड होती है. हर कोई इसे सलाद के साथ-साथ विभिन्न व्यंजनों में भी इसका प्रयोग करते हैं. जिसके कारण इसकी अच्छी बिक्री हो रही है. वहीं जब सीजन के जाने के बाद इससे निकलने वाले पौधों को वह खेत और अन्य फसलों में जैविक खाद के रूप में प्रयोग करते हैं. जिससे उन्हें एक बीघा में पचास से सत्तर हजार रूपए का मुनाफा हो जाता है. खर्चों से छुटकारा दिलाता है जैविक खाद किसान राज बताते हैं कि वह जब से टमाटर की फसल अपने खेतों में करते आ रहे हैं. तब से उन्हें अत्यधिक मेहनत नहीं करनी पड़ती है. यह फसल एक से दो महीने में उपज देने लगती है. ऐसे समय में भीषण गर्मी भी होती है. जिसके कारण वह शाम के समय ही टमाटर की फसल को खेत से निकाल लेते हैं और सुबह नवीन मंडी कमालगंज के बाजार में बिक्री कर देते हैं. इस कार्य में उन्हें ज्यादा मजदूर भी नहीं लगाने पड़ते हैं. क्या है खेती का तरीका किसान ने बताया कि वह सबसे पहले खेत को अच्छे से समतल करके इसमें क्यारियां बनाकर पहले से तैयार टमाटर के पौधों को प्रति एक मीटर पर दो पौधों को रोप देते हैं. समय से टपक पद्धति द्वारा पाइप की सहायता से पौधे की जड़ तक सिंचाई करते हैं. इसके बाद जब पौधे बड़े होने लगते हैं. तो इनको तोड़कर मंडी में बिक्री कर देते हैं. Tags: Hindi news, Local18FIRST PUBLISHED : May 15, 2024, 08:37 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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