न्यूरोलॉजी डिर्पाटमेंट शुरू होने बचा मरीजों का खर्चाअब नहीं जाना पड़ता दिल्ली
न्यूरोलॉजी डिर्पाटमेंट शुरू होने बचा मरीजों का खर्चाअब नहीं जाना पड़ता दिल्ली
डॉ. दीपिका सागर ने बताया की नसों के ट्रीटमेंट के लिए न्यूरोलॉजी डिपार्टमेंट में पश्चिमी उत्तर प्रदेश के अधिकांश जिलों से प्रतिदिन 300 से 400 मरीज दिखाने के लिए आते हैं. उनमें से काफी ऐसे गंभीर मरीज भी होते हैं. जिन्हें पीजीआई, एम्स सहित कहीं भी अस्पताल में ट्रीटमेंट नहीं मिल पाया.
मेरठ. पश्चिमी उत्तर प्रदेश से संबंधित जिलों में रहने वाले मरीजों को अब न्यूरोलॉजी के ट्रीटमेंट के लिए दिल्ली एम्स या प्राइवेट अस्पतालों के चक्कर लगाने की आवश्यकता नहीं पड़ती. बल्कि मरीज अब आधुनिक सुविधाओं वाले लाला लाजपत राय मेडिकल कॉलेज परिसर में संचालित सुपर स्पेशलिटी ब्लॉक के न्यूरोलॉजी डिपार्टमेंट में अपना ट्रीटमेंट कराते हुए नजर आ रहे हैं. यहां मरीजों को दवाइयां देने के साथ-साथ उनकी काउंसलिंग पर भी विशेष फोकस किया जाता है. यहां चल रहे उपचार को लेकर लोकल 18 ने न्यूरोलॉजी विभागाध्यक्ष डॉ. दीपिका सागर से बातचीत की. डॉ. दीपिका अब तक 12000 से अधिक मरीजों को ट्रीटमेंट उपलब्ध करा चुकी हैं. जो नसों से संबंधित बीमारियों से जूझ रहे थे.
दूर-राज से ट्रीटमेंट कराने पहुंचते हैं मरीज
डॉ. दीपिका सागर ने बताया की नसों के ट्रीटमेंट के लिए न्यूरोलॉजी डिपार्टमेंट में पश्चिमी उत्तर प्रदेश के अधिकांश जिलों से प्रतिदिन 300 से 400 मरीज दिखाने के लिए आते हैं. उनमें से काफी ऐसे गंभीर मरीज भी होते हैं. जिन्हें पीजीआई, एम्स सहित कहीं भी अस्पताल में ट्रीटमेंट नहीं मिल पाया. वह अपना ट्रीटमेंट करने के लिए मेरठ मेडिकल कॉलेज के सुपर स्पेशलिटी ब्लॉक स्थित न्यूरोलॉजी डिपार्टमेंट में पहुंचते हैं.
डॉ. दीपिका ने लोकल 18 को बताया कि अब तक काफी ऐसे मरीजों का भी उपचार किया गया है, जिनकी नसों में दिक्कत होने के कारण उनकी आंखों या फिर शरीर के किसी हिस्से ने काम करना ही बंद कर दिया था. लेकिन, उपचार करने के बाद उनकी आंखों की रोशनी भी लौट आई है. साथ ही जो भी व्यक्ति किसी भी अंग से नसों के कारण पैरालाइज हुआ था. वह भी एक बेहतर जीवन की तो वह आगे बढ़ रहा है.
आधुनिक मशीनों से की जाती है जांच
डॉ. दीपिका सागर कहती है कि वर्तमान समय में टेक्नोलॉजी एक बड़ा आधार हो गई है. जिसके माध्यम से मरीजों को बेहतर चिकित्सा सेवाएं उपलब्ध कराई जा रही है. उन्होंने बताया कि सुपर स्पेशलिटी डिपार्टमेंट में भी शासन द्वारा विभिन्न ऐसी आधुनिक मशीन उपलब्ध कराई गई है. जिनके आधार पर जांच करते हुए मरीज को कहां दिक्कत है. उसका पता लगाते हुए उसका ट्रीटमेंट किया जाता है. उन्होंने बताया कि प्राइवेट के मुकाबले यह जांच मेरठ मेडिकल कॉलेज में निम्न शुल्क में ही उपलब्ध कराई जाती है.
पहले जाना पड़ता था दिल्ली
पश्चिमी उत्तर प्रदेश से संबंधित अधिकांश जिलों के मरीजों को न्यूरोलॉजी से संबंधित ट्रीटमेंट कराने के लिए दिल्ली की तरफ रख करना पड़ता था. क्योंकि, प्राइवेट अस्पताल में इलाज करने के लिए मरीज इतने फाइनेंशियल सक्षम नहीं होते थे. इन्हीं बातों को देखते हुए सरकार द्वारा मेरठ मेडिकल कॉलेज में सुपर स्पेशलिटी ब्लॉक का निर्माण कराया था. इसमें न्यूरोलॉजी, कार्डियोलॉजी, न्यूरोलॉजिस्ट सर्जन, एवं अन्य प्रकार के ऐसे एक्सपर्ट की टीम मरीज का उपचार करने के लिए मौजूद रहती है.
Tags: Health, Meerut city news, UP newsFIRST PUBLISHED : May 10, 2024, 07:31 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ेंDisclaimer: इस खबर में दी गई दवा/औषधि और स्वास्थ्य से जुड़ी सलाह, एक्सपर्ट्स से की गई बातचीत के आधार पर है. यह सामान्य जानकारी है, व्यक्तिगत सलाह नहीं. इसलिए डॉक्टर्स से परामर्श के बाद ही कोई चीज उपयोग करें. Local-18 किसी भी उपयोग से होने वाले नुकसान के लिए जिम्मेदार नहीं होगा. Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed