गौचारण के दौरान श्रीकृष्ण ने बांसुरी से किया था इस कुंड का निर्माण
गौचारण के दौरान श्रीकृष्ण ने बांसुरी से किया था इस कुंड का निर्माण
मान्यता के अनुसार ऐसा कहा जाता है कि जब भगवान श्री कृष्णा यहां गायों को चराने के लिए आए थे. गायों को चरते वक्त प्यास का एहसास हुआ. तो गाय प्यास से व्याकुल होने लगीं. श्री कृष्ण ने गायों को प्यास से व्याकुल होते हुए देखा, तो उन्होंने अपनी बंसी को निकाला और बंसी से इस कृष्ण कुंड का निर्माण कर दिया.
निर्मल कुमार राजपूत, मथुराः बृज के कण-कण में कृष्ण की लीलाओं के दर्शन आपको देखने और सुनने को मिलेंगे. श्री कृष्ण ने बाल्यावस्था में यहां अनेकों लीलाओं को किया. माखन और छाछ ले जाती हुई गोपियों के सर से मटका तोड़ दिए, तो कहीं उन्होंने गोपियों के कपड़े चुराकर गोपियों को परेशान किया. एक लीला मधुवन में गौचारण से जुडी है. यहां कृष्ण जी ने गायों के लिए कुंड का निर्माण किया.
जहां-जहां भगवान श्री कृष्ण चले वहां-वहां उनकी प्राण प्यारी गाय भी उनके साथ चलीं. भगवान श्री कृष्ण ने जहां भी लीलाएं कीं, वहां उनके साथ गायों को देखा जाता था. भगवान श्री कृष्ण की लीलाओं के प्रमाण मधुवन में भी आपको मिल जायेंगे. यहां कृष्ण ने गौचारण के दौरान इस लीला को किया.
बंसी से इस कृष्ण कुंड का निर्माण किया
मान्यता के अनुसार ऐसा कहा जाता है कि जब भगवान श्री कृष्णा यहां गायों को चराने के लिए आए थे. गायों को चरते वक्त प्यास का एहसास हुआ. तो गाय प्यास से व्याकुल होने लगीं. श्री कृष्ण ने गायों को प्यास से व्याकुल होते हुए देखा, तो उन्होंने अपनी बंसी को निकाला और बंसी से इस कृष्ण कुंड का निर्माण कर दिया. यह कुंड 84 कोस परिक्रमा के पहले पड़ाव गांव महोली ( मधुबन ) में पड़ता है. आज भी कृष्ण की यादों को यह कुंड सजोए हुए है.
मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम जी आ चुके हैं मधुवन
ईश्वर दास महाराज कहते हैं कि भगवान श्री कृष्ण का यह कुंड द्वापर कालीन है. यहां अनेकों लीलाओं को श्री कृष्ण ने किया है. इस कुंड को मधुबन कुंड, कृष्ण कुंड के नाम से जाना जाता है. उन्होंने बताया कि यहां राम जी के भाई शत्रुघ्न ने 11000 साल राज किया. स्वयं मर्यादा पुरुषोत्तम राम भी मधुवन में आकर पूजा कर चुके हैं.
Tags: Hindu Temple, Local18, Lord krishna, Mathura hindi news, Mathura news, UP newsFIRST PUBLISHED : June 17, 2024, 14:11 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed