द्वापर काल से जुड़ा है इस मंदिर का इतिहास भक्तों की मनाकामना होती है पूर्ण

मघेरे वाले हनुमान मंदिर के महंत गोपाल दास उर्फ मोनी बाबा ने बताया कि मंदिर की मान्यता द्वापर काल से जुड़ी हुई है. यहां भगवान श्री कृष्ण आया करते थे तो हनुमान जी को दाल और बाटी के साथ चूराम का भोग लगाते थे. तभी से या परंपरा चली आ रही है कि भगवान श्री कृष्ण के द्वारा लगाए गए भोग का ही प्रसाद बनता है. मनोकामना पूर्ण होने पर भक्त प्रसाद का वितरण करते हैं.

द्वापर काल से जुड़ा है इस मंदिर का इतिहास भक्तों की मनाकामना होती है पूर्ण
मथुरा. भगवान श्री कृष्ण और बलराम जी जिस मंदिर में आकर आराधना करते थे और भगवान को भोग लगाते थे, वह मंदिर आज भी मौजूद है. मथुरा से 20 किलोमीटर दूर स्थित लाल गांव में यह मंदिर है, जो सिद्ध पीठ के नाम से जाना जाता है. यह हनुमान मंदिर अपनी एक अलग मान्यता रखता है. इस मंदिर में वैसे तो दर्शनार्थियों का तांता लगा रहता है, लेकिन मंगलवार को इस मंदिर में भक्तों का सैलाब देखने को मिलता है. संकट मोचन का यह मंदिर द्वापर कालीन होने के साथ-साथ अपने अंदर एक रहस्य समेटे हुए है. भगवान श्री कृष्ण ने लगाया था चूरमा का भोग्र ब्रज का कण-कण श्री कृष्ण की गाथाओं से ओत-प्रोत है. यहां श्री कृष्ण की लीला आपको पग-पग पर दिखने को और सुनने को मिल जाएगा. लाल गांव स्थित हनुमान मंदिर भगवान श्री कृष्ण और बलराम जी से जुड़ा है. इस हनुमान मंदिर के दर्शन करने के लिए लोगों को अर्जी लगानी पड़ती है. मघेरे वाले हनुमान मंदिर के महंत गोपाल दास उर्फ मोनी बाबा ने लोकल 18 को बताया कि मंदिर की मान्यता द्वापर काल से जुड़ी हुई है. यहां भगवान श्री कृष्ण आया करते थे तो हनुमान जी को भोग लगाते थे. हनुमान जी को दाल और बाटी के साथ चूराम का भोग लगाते थे. तभी से या परंपरा चली आ रही है कि भगवान श्री कृष्ण के द्वारा लगाए गए भोग का ही प्रसाद बनता है. जिस भक्त की मनोकामना पूर्ण हो जाती है, वे मंदिर आकर भंडारा और प्रसादी वितरण करते हैं. भगवान हनुमान भक्ताें की मनोकामना करते हैं पूर्ण  मघेरे वाले हनुमान मंदिर का दर्शन करने आए मनीष चौधरी ने लोकल 18 को बताया कि यह मंदिर बेहद पुराना होने के साथ सिद्ध नीठ है.  यहां जो भक्त सच्चे मन से अपनी अरदास लेकर आता है, हनुमान जी उसकी अरदास को स्वीकार करते हैं. यहां अरदास के साथ-साथ उसे फल भी मिलता है. मंदिर में जो भी भक्त माथा टेकता है और सच्चे मन से हनुमान जी को याद करता है, तो उनकी सभी मनोकामना पूर्ण हो जाती हैं. मनोकामना पूर्ण होने के बाद सामर्थ के अनुसार  हनुमान जी की प्रसादी चढ़ाता है और भक्तों में वितरण करता है. Tags: Dharma Aastha, Local18, Lord krishna, Mathura news, UP newsFIRST PUBLISHED : September 21, 2024, 13:08 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed