अभिषेक जायसवाल/वाराणसी: काशी में अब महिलाएं भी खेती पर जोर दे रही हैं. ट्रेंड से अलग हटकर खेती कर महिलाएं आत्मनिर्भर बन रही हैं. इसी का उदाहरण हैं वाराणसी की वंध्या चौरसिया. जो काशी में मशरूम की खेती कर हर महीने लाखों रुपये कमा रही हैं. इसके साथ ही उन्होंने 25 से अधिक महिलाओं को भी रोजगार दिया है. बताते चलें कि वंध्या के उगाए 2 क्विंटल मशरूम हर दिन वाराणसी और आसपास के बाजार में बिकते है.
हर महीने कमा रही हैं 2.5 लाख
वंध्या चौरसिया महीने का लगभग 2.5 लाख रुपये कमाती हैं.वंध्या ने बताया कि 1 बीघा जमीन पर हट बनाकर वो मशरूम की खेती कर रही है. इसके लिए उन्होंने मशरूम रिसर्च सेंटर सोलन के अलावा दिल्ली के पूसा इंस्टीट्यूट में उन्होंने इसकी ट्रेनिंग ली थी.
24 साल पहले की थी शुरुआत
वंध्या ने बताया कि आज से 24 साल पहले सन 2000 में जब उन्होंने इसकी शुरुआत की थी, तब वाराणसी में मशरूम की खेती करना बड़ा चैलेंज था. लेकिन उनके जुनून और जज्बे के कारण उन्होंने उस समय हार्टिकल्चर डिपार्टमेंट के सहयोग और मार्गदर्शन से इसे पूरा किया.आज 1 बीघा में खेती से हर दिन वंध्या ढाई से तीन क्विंटल मशरूम की पैदावार कर रही है.
हर महीने ढाई लाख की कमाई
वंध्या ने बताया कि वो बाजार में मशरूम को 130 रुपये प्रति किलो के हिसाब से बेची जाती है. इस लिहाज से देखा जाए तो हर दिन उनके उगाए मशरूम से उन्हें 32 से 35 हजार रुपये मिलते हैं.यह लिहाज से वो हर महीने करीब 10 लाख रुपये के मशरूम को वाराणसी सहित आस पास के जिलों में खपाती है. सारे खर्च काट लिए जाए तो भी मशरूम की खेती से वंध्या हर महीने ढाई लाख रुपये कमाती है.
योगी आदित्यनाथ कर चुके हैं सम्मानित
ट्रेंड से अलग हटकर खेती करने के लिए वंध्या जो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सम्मानित भी किया है.यूपी सरकार ने उन्हें ‘यूपी की विशेष महिला’ पुरस्कार से नवाजा है. वंध्या के इस काम में अब उनका बेटा सोहम भी उनका सहयोग करता है.
Tags: Agriculture, Local18FIRST PUBLISHED : September 14, 2024, 13:50 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed