कॉमनवेल्थ का दास नेहरू सुल्तानपुरी की वो कविता जिसे कांग्रेस ने बैन करवाया
कॉमनवेल्थ का दास नेहरू सुल्तानपुरी की वो कविता जिसे कांग्रेस ने बैन करवाया
Majrooh Sultanpuri Jawahar Lal Nehru Controversy: भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू की आलोचना करते हुए मशहूर शायर मजरूह सुल्तानपुरी ने एक कविता सुनाई थी. इस कविता से पंडित नेहरू इस कदर नाराज हो गए थे कि उन्होंने सुल्तानपुरी को जेल की सलाखों के पीछे भिजवा दिया था. निर्मला सीतारमण ने सोमवार को राज्यसभा में इस घटना का जिक्र किया.
Majrooh Sultanpuri Jawahar Lal Nehru Controversy: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को राज्यसभा में संविधान पर चर्चा के दौरान कांग्रेस पार्टी की जमकर क्लास लगाई. उन्होंने इस दौरान मशहूर उर्दू शायर और गीतकार मजरूह सुल्तानपुरी को साल 1949 में जेल भेजने का जिक्र भी किया. सुल्तानपुरी को महज इसलिए जेल में डाल दिया गया था, क्योंकि उन्होंने मिल वर्कर्स द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू की आलोचना की थी. इस मामले में उस वक्त के बड़े अभिनेता बलराज साहनी को भी जेल में डाल दिया गया था. कांग्रेस पार्टी ने इस कविता को भी बैन करवा दिया था. चलिए हमने इस आपको इस पूरे किस्से के बारे में बताते हैं.
साल 1947 में देश आजाद हुआ और जवाहर लाल नेहरू देश के पहले अंतरिम प्रधानमंत्री बने. इसी बीच बंबई (आज का मुंबई) में तब एक बड़ी हड़ताल हुई. यह हड़ताल मजदूरों द्वारा अपनी मांगों को लेकर की गई थी. सरकार मजदूरों की बात मानने को तैयार नहीं थी. इसी बीच मजरूह सुल्तानपुरी इस हड़ताल में मजदूरों का साथ देने के लिए पहुंचे थे. अपने उर्दू मुशायरों के चलते तब सुल्तानपुरी भारत में काफी बड़ा नाम हुआ करते थे. उन्होंने तब एक कविता पढ़ी जिसमें उन्होंने जवाहर लाल नेहरू के लिए ‘कॉमनवेल्थ का दास’ और ‘हिटलर का चेला’ जैसे शब्दों का इस्तेमाल किया था.
सुल्तानपुरी ने नहीं मांगी माफी
इस घटना से नेहरू इस कदर नाराज हुई कि सुल्तानपुरी, बलराज साहनी सहित कई बड़े नामों को जेल में डाल दिया गया था. मजरूह सुल्तानपुरी के सामने माफी मांगने की शर्त पर जेल से रिहा करने की शर्त रखी गई. हालांकि वो नहीं माने और अगले दो साल तक जेल में ही रहे. इस दौरान उन्होंने कई फिल्मों के लिए गीत लिखे. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण राज्यसभा में यही बताने का प्रयास कर रही थी कि संविधान की धज्जियां उड़ाने की शुरुआत आजादी के तुरंत बाद उस वक्त की कांग्रेस सरकार के वक्त से ही शुरू हो गया था. चलिए हम आपको अब उस कविता के बारे में बताते हैं, जिसके लिए मजरूह सुल्तानपुरी को जेल में डाल दिया गया था.
मजरूह सुल्तानपुरी को इस कविता के लिए डाला गया जेल मन में जहर डॉलर के बसा के,
फिरती है भारत की अहिंसा,
खादी की केंचुल को पहनकर,
ये केंचुल लहराने न पाए,
ये भी है हिटलर का चेला,
मार लो साथी जाने न पाए,
कॉमनवेल्थ का दास है नेहरू,
मार लो साथी जाने न पाए.
Tags: Bollywood news, Nirmala sitharaman, Pandit Jawaharlal Nehru, Parliament Winter SessionFIRST PUBLISHED : December 17, 2024, 07:27 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed