4 माह में बदल गया माहौल शिंदे सरकार से जनता नाराज नहीं क्या करेंगे शरद पवार

Maharashtra Chunav Survey: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव को लेकर एक अहम सर्वे सामने आया है, जिसकी रिपोर्ट भाजपा को राहत देने वाली है. इस सर्वे में महाराष्ट्र की जनता शिंदे सरकार के कामकाज से काफी हद तक संतुष्ठ दिख रही है.

4 माह में बदल गया माहौल शिंदे सरकार से जनता नाराज नहीं क्या करेंगे शरद पवार
Maharashtra Chunav Survey: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव की सरगर्मियां दिल्ली से लेकर मुंबई तक काफी तेज है. विपक्षी महाविकास अघाड़ी में सीटों के बंटवारे पर तकरार चरम पर है. इससे गठबंधन के दलों कांग्रेस, शिवसेना उद्धव गुट और एनसीपी शरद गुट ने अभी तक अपने एक भी उम्मीदवार के नाम की घोषणा नहीं की है. दूसरी ओर भाजपा और महायुति में सीटों का बंटवार सुलझ गया है. भाजपा ने 99 उम्मीदवरों की सूची भी जारी कर दी है. इस बीच महाविकास अघाड़ी का सिरदर्द बढ़ाने वाली एक और खबर आई है. दरअसल, चुनाव से पहले राज्य के माहौल को लेकर एक बड़ा सर्वे हुआ है. इस सर्वे का नाम ‘MIT-SOG-Lokniti-CSDS Pre-Poll Survey’ है. इसको द हिन्दू अखबार ने प्रकाशित किया है. बदल गया माहौल सर्वे की रिपोर्ट के मुताबिक बीते चार माह में राज्य का माहौल बदल गया है. चार माह पहले हुए लोकसभा चुनाव में भाजपा के नेतृत्व वाले महायुति को झटका लगा था. राज्य की 48 लोकसभा सीटों में से केवल नौ पर भाजपा, सात पर शिवसेना और एक एनसीपी को जीत मिली थी. दूसरी ओर कांग्रेस को 13, शिवसेना उद्धव को नौ और एनसीपी शरद को आठ सीटें मिली थीं. लेकिन, इस सर्वे में अब लोगों में सरकार के प्रति कोई बड़ी नाराजगी नहीं दिख रही है. ऐसे में महायुति इस विधानसभा चुनाव में अपने प्रदर्शन में सुधार कर सकता है. महायुति सरकार के प्रति लोगों में नाराजगी न होने के पीछे मुख्य कारण इस सरकार द्वारा चलाई गई कल्याणकारी योजनाएं हैं. गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव के बाद राज्य की एकनाथ शिंदे सरकार ने लड़की बहिन योजना शुरू की थी जिसके तहत महिलाओं को हर माह 1500 रुपये दिए जा रहे हैं. चुनाव की घोषणा से पहले ही सरकार ने नवंबर तक की किश्त जारी कर दी है. यानी तमाम महिलाओं के खाते में 7500 रुपये पहुंच चुके हैं. यह सर्वे 21 सितंबर से 6 अक्टूबर के बीच करवाया गया है. इसमें शिंदे सरकार के प्रदर्शन पर लोगों की राय जानने की कोशिश की गई. शिंदे सरकार ने हाल ही में अपना दो साल का कार्यकाल पूरा किया है. इसमें लोगों से पूर्व की उद्धव सरकार की तुलना में शिंदे सरकार को लेकर सवाल किए गए. ऐसे ही एक सवाल पर अधिकतर जनता ने यह बताया कि प्रदेश के विकास और सामाजिक सौहार्द के हिसाब से पूर्व की एमबीए सरकार बेहतर थी. वहीं पानी, बिजली, सड़क जैसी सेवाएं उपलब्ध कराने के मामले में शिंदे की सरकार बेहतर है. महायुति की योजनाएं सर्वे में पाया गया कि शिंदे सरकार से नाराज लोगों की संख्या कम है. बल्कि इस सरकार के कामकाज से संतुष्ठ लोगों की संख्या ज्यादा देखी गई. मोटे तौर पर हर पांच में से एक वोटर यानी 20 फीसदी वोटर इस सरकार के कामकाज से पूरी तरह संतुष्ट है. दूसरी तरफ इससे असंतुष्ट लोगों का प्रतिशत 18 फीसदी था. यहां शिंदे सरकार के पक्ष में जो चीज सबसे अच्छी है वो है वेलफेयर योजनाओं की व्यापक पहुंच. ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि महायुति सरकार को इससे कितना फायदा होता है. महंगाई और बेरोजगारी बड़े मुद्दे सर्वे रिपोर्ट के मुताबिक चुनाव में उनके सबसे अहम मुद्दे के बारे में पूछे जाने पर आधे से अधिक लोगों का कहना था कि उनके लिए महंगाई और बेरोजगारी बड़े मुद्दे हैं. उनका मानना है कि बीते पांच सालों में महंगाई और भ्रष्टाचार बढ़ा है. ऐसे में यक्ष प्रश्न खड़ा होता है कि जनता ऐसी स्थिति में किसको चुनेगी. जहां तक मराठा आरक्षण का मसला है तो लोगों का मानना है कि मराठा लोगों को आरक्षण मिलना चाहिए. हालांकि मराठा आरक्षण नेता मनोज जरांगे को चुनाव में उतरना चाहिए कि इस पर लोग एक राय नहीं थे. Tags: Assembly elections, Maharashtra Elections, Sharad pawarFIRST PUBLISHED : October 21, 2024, 12:39 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed