महाकुंभ 2025: संगम में फिसले तो भी नहीं होगा कोई खतरा जान बचा लेगी ये तकनीक

Maha Kumbh 2025: प्रयागराज में लगने वाले महाकुंभ के मौके पर इस बार विशेष इंतजाम किया गया है. कुंभ प्रशासन ने पहली बार अंडर वॉटर ड्रोन की तैनाती की है. जो 24 घंटे पानी में रहकर निगरानी के काम को अंजाम देगी.

महाकुंभ 2025: संगम में फिसले तो भी नहीं होगा कोई खतरा जान बचा लेगी ये तकनीक
प्रयागराज. महाकुम्भ में हर आपात स्थिति से निपटने के उद्देश्य से पहली बार श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए ‘अंडर वॉटर ड्रोन’ तैनात किया गया है, जो 24 घंटे पानी के भीतर हर गतिविधियों की निगरानी करने में सक्षम है. प्रभारी पुलिस महानिरीक्षक (पूर्वी जोन) डॉक्टर राजीव नारायण मिश्र ने बुधवार को बेहद तेज गति से और असीमित दूरी तक पानी के अंदर काम करने वाले इस ड्रोन की तैनाती की. मिश्र ने बताया कि इस ड्रोन की सबसे खास बात यह है कि यह अंधेरे में भी लक्ष्य पर सटीक नजर रखने में कारगर है. उन्होंने बताया कि यह ड्रोन पानी के नीचे 100 मीटर गहराई तक टोह लेने में सक्षम है और किसी भी परिस्थिति में सटीक जानकारी उपलब्ध कराता है. मिश्र ने बताया कि ये ड्रोन पानी के अंदर 100 मीटर तक जाकर हर गतिविधि की जानकारी एकीकृत कमान एवं नियंत्रण केंद्र तक पहुंचाएंगे. उन्होंने बताया कि पानी के अंदर कहीं कोई संदिग्ध गतिविधि या घटना को लेकर यह सटीक जानकारी देगा. उन्होंने बताया कि यहां 700 झंडे लगी नावों पर 24 घंटे पीएसी, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ के जवान तैनात रहेंगे. उन्होंने बताया कि इसी क्रम में देश-विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए बड़े पैमाने पर जीवन रक्षक गोताखोर तैनात किए जा रहे हैं, जो पलक झपकते कहीं भी पहुंचने में सक्षम हैं और किसी भी अनहोनी से पहले व्यक्ति को सुरक्षित स्थान ले जाने में सक्षम हैं. महाकुम्भ के शुरू होने में भले ही अभी एक पखवाड़े से अधिक का समय बाकी है लेकिन संगम समेत गंगा और यमुना के तटों पर अभी से श्रद्धालुओं की भीड़ जुटने लगी है. छुट्टी के दिन यहां श्रद्धालु बड़ी तादाद में अपने परिवार समेत संगम स्नान का पुण्य कमा रहे हैं,वहीं महाकुम्भ के कारण घाट पर मौजूद सुविधाओं ने उन्हें पिकनिक मनाने का भी अवसर दे दिया है. इसी क्रम में श्रद्धालु किला घाट से ‘संगम नोज’ तक ऊंटों की सवारी का भी लुत्फ उठा रहे हैं. ₹2100 चौका या मौका…दिल्‍ली में ‘महिला सम्‍मान योजना’ पर कैसा बवाल, मामला पहुंचा थाने, जानें क्‍या होगा आगे? अधिकारियों ने बताया कि राजस्थान के जैसलमेर से आए ये ऊंट इस समय श्रद्धालुओं खासकर बच्चों के लिए आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं. इन ऊंटों को इनके मालिकों ने रामू, घनश्याम और राधेश्याम जैसे मनमोहक नाम दिए हैं. ये ऊंट खासतौर पर महाकुम्भ को देखते हुए यहां लाए गए हैं. एक ऊंट संचालक ने बताया कि यह ऊंट विशेष रूप से राजस्थान के जैसलमेर से आए हैं. कुल 50 ऊंट मेला क्षेत्र में लाए गए हैं, एक बार सवारी करने पर श्रद्धालुओं से 50 से 100 रुपए तक किराया लिया जाता है. श्रद्धालुओं को आकर्षित करने के लिए इन ऊंटों को दुल्हन की तरह सजाया गया है. Tags: Allahabad news, Maha Kumbh MelaFIRST PUBLISHED : December 25, 2024, 22:56 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed