UP उपचुनाव: अगर साथ आये अखिलेश-राहुल तो कितनी बढ़ जाएगी बीजेपी की चुनौती

UP Byelection: उत्तर प्रदेश की 10 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव में बीजेपी सभी सीटों पर जीत का संकल्प लेकर मैदान में उतर चुकी है. हालांकि राजनीतिक जानकारों का मानना है कि यह संकल्प बहुत चुनौतीपूर्ण है और उसे इंडिया गठबंधन अच्छी टक्कर मिलेगी.

UP उपचुनाव: अगर साथ आये अखिलेश-राहुल तो कितनी बढ़ जाएगी बीजेपी की चुनौती
हाइलाइट्स यूपी उपचुनाव में बीजेपी सभी 10 सीटों पर जीत का संकलप लेकर मैदान में उतर चुकी है जानकारों का मानना है कि बीजेपी का यह संकल्प इतना आसान नहीं होगा लखनऊ. लोकसभा चुनावों में निराशाजनक प्रदर्शन के बाद उत्तर प्रदेश विधानसभा की 10 सीट पर होने वाले उपचुनाव में जीत दर्ज कर बीजेपी उसकी भरपाई करने के साथ ही यह दिखाना चाहती है कि 2027 में विपक्षी गठबंधन के लिए राह आसान नहीं होगी. इसके उलट सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव और नेताप्रतिपक्ष राहुल गांधी की जोड़ी यह साबित करना चाहती है कि लोकसभा चुनाव में मिली जीत कोई तुक्का नहीं बल्कि उनके पीडीए फॉर्मूले पर जनता की मुहर थी. हालांकि बीजेपी सभी 10 सीटों पर जीत का संकलप लेकर मैदान में उतर चुकी है, बीजेपी को विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ से ठीक-ठाक चुनौती मिल सकती है.  विशेषज्ञ मान रहे हैं कि उपचुनाव वाले ज्यादातर क्षेत्रों के सामाजिक समीकरण बीजेपी के पक्ष में नहीं हैं. दरअसल, उत्तर प्रदेश में नौ विधायकों के सांसद चुने जाने और कानपुर नगर के सीसामऊ विधानसभा क्षेत्र के सपा विधायक इरफ़ान सोलंकी को आगजनी मामले में सात साल की सजा सुनाए जाने के बाद रिक्त हुई 10 सीटों पर उपचुनाव होने. हालांकि, अभी उपचुनाव की तारीख घोषित नहीं की गई है. बीजेपी ने उपचुनाव में सभी 10 सीट जीतने का संकल्प लिया है, लेकिन जानकारों का कहना है कि पार्टी के लिए इस लक्ष्य को हासिल करना आसान नहीं होगा, क्योंकि समाजवादी पार्टी (सपा) और कांग्रेस मिलकर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं. लखनऊ के डॉ. राम मनोहर लोहिया विधि विश्वविद्यालय के आंबेडकर सभागार में 14 जुलाई को आयोजित बीजेपी की प्रदेश कार्यसमिति की बैठक में पार्टी की उत्तर प्रदेश इकाई के अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी ने कार्यकर्ताओं से कहा था, “आइए हम सब मिलकर संकल्प लें कि 10 विधानसभा सीट पर होने वाले आगामी उपचुनावों में शत-प्रतिशत विजय हासिल करेंगे.”प्रदेश अध्यक्ष के इस आह्वान के बाद से ही बीजेपी ने संगठन से लेकर बूथ स्तर तक पर तैयारियां तेज कर दी हैं और मंत्रियों एवं पदाधिकारियों को एक-एक विधानसभा क्षेत्र की जिम्मेदारी सौंपी गई है. 10 सीट पर जीत का संकल्प चुनौतीपूर्ण चुनाव प्रबंधन का जिम्मा संभाल रहे बीजेपी के प्रदेश उपाध्यक्ष और विधान परिषद सदस्य विजय बहादुर पाठक ने कहा, “अभी उपचुनाव की तारीख तय नहीं हुई है, लेकिन पार्टी ने बड़े पैमाने पर तैयारियां शुरू कर दी हैं. बीजेपी और उसके सहयोगी दल मिलकर सभी 10 सीट पर जीत दर्ज करेंगे.”हालांकि, राजनीतिक विश्लेषक और लखनऊ विश्वविद्यालय के सेवानिवृत्त प्रोफेसर डॉ. राजेश मिश्र ने कहा, “2022 के विधानसभा चुनाव और 2024 के लोकसभा चुनाव के नतीजों को देखते हुए सभी 10 सीट पर जीत का बीजेपी का संकल्प बहुत चुनौतीपूर्ण है. उपचुनाव वाली कई सीटों के राजनीतिक और सामाजिक समीकरण भाजपा के पक्ष में नहीं हैं. अगर हाल में संपन्न लोकसभा चुनाव में भाजपा का प्रदर्शन उम्मीदों के मुताबिक नहीं रहा था, तो आगामी विधानसभा उपचुनावों में तो पार्टी के लिए स्थितियां और भी चुनौतीपूर्ण होंगी.” लोकसभा में इंडिया गठबंधन ने जीती है 43 सीट लोकसभा चुनाव में भाजपा को उत्तर प्रदेश की 80 सीटों में सिर्फ 33 पर जीत मिली थी, जबकि उसके सहयोगी राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) को दो और अपना दल (एस) को एक सीट से संतोष करना पड़ा था. वहीं, सपा को 37 और कांग्रेस को छह सीटों पर जीत हासिल हुई थी. एक सीट आजाद समाज पार्टी (कांशीराम) के खाते में गई थी. कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय और सपा के मुख्य प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी समेत कई नेताओं ने कहा है कि सपा और कांग्रेस उपचुनाव मिलकर लड़ेंगी. सीटों के बंटवारे पर चौधरी ने कहा कि यह तय करने की जिम्मेदारी पार्टी आलाकमान पर है. उत्तर प्रदेश विधानसभा की जिन 10 सीटों पर उपचुनाव होने हैं, भाजपा ने उनमें से मझवा और कटेहरी सीट सहयोगी निषाद पार्टी को दी थी, जबकि करहल, मिल्कीपुर, कुंदरकी, खैर, गाजियाबाद, मीरापुर, फूलपुर और सीसामऊ में अपने उम्मीदवार उतारे थे. Tags: Akhilesh yadav, Lucknow news, Rahul gandhiFIRST PUBLISHED : August 20, 2024, 11:25 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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