इस तरीके से करें सदाबहार फसल की खेती साथ ही सब्जियां उगाकर करें दोगुना कमाई

अगर आप भी गेहूं और धान की परंपरागत खेती को छोड़कर ऐसी फसलों का चुनाव करना चाहते हैं, जो नगदी में भी हो और खेत के लिए भी लाभदायक हो. आज हम आपको ऐसी ही फसल के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसे आप अपने खेतों में प्रति बीघा दो हजार की लागत में तैयार कर सकते हैं.

इस तरीके से करें सदाबहार फसल की खेती साथ ही सब्जियां उगाकर करें दोगुना कमाई
वाराणसी: आषाढ़ महीने की शुरुआत हो गई है. वैसे तो हर महीने में दो प्रदोष व्रत होते है. पहला व्रत कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को और दूसरा शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को रखा जाता है. लेकिन आषाढ़ मास के प्रदोष व्रत का अपना विशेष महत्व है. पंचाग के अनुसार, आषाढ़ मास की शुरुआत 23 जून से हो चुकी है जो 21 जुलाई तक चलेगा.आषाढ़ का महीना भगवान विष्णु के साथ शिव की पूजा के लिए खास होता है. इस महीने के प्रदोष व्रत से भगवान शिव की विशेष कृपा मिलती है. काशी के ज्योतिषाचार्य पंडित संजय उपाध्याय ने बताया कि आषाढ़ महीने में दो प्रदोष व्रत है.पहला व्रत 3 जुलाई आषाढ़ कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को रखा जाएगा. जबकि दूसरा व्रत 18 जुलाई आषाढ़ शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को होगा. सभी संकट होंगे दूर धार्मिक मान्यता है कि आषाढ़ मास के प्रदोष व्रत से भगवान शिव का विशेष आशीर्वाद मिलता है. इसके अलावा इस व्रत के प्रभाव से सम्पूर्ण संकटों का नाश होता है. इतना ही नहीं हर तरह की रोग और बाधाओं से भी यह व्रत मुक्ति दिलाता है. इसके अलावा जो व्यक्ति कर्ज की समस्या में फंसा है उसे भी कर्ज से मुक्ति मिल जाती है. 3 जुलाई को रखा जाएगा व्रत वैदिक पंचाग के अनुसार, आषाढ़ कृष्ण पक्ष के त्रयोदशी तिथि की शुरुआत 3 जुलाई को भोर में 5 बजकर 2 मिनट पर हो रही है और इसका समापन 4 जुलाई को सुबह में 4 बजकर 45 मिनट पर होगा ऐसे में यह व्रत 3 जुलाई को ही रखा जाएगा. ऐसे लें व्रत का संकल्प इस दिन सुबह स्नान के बाद भगवान शिव का ध्यान करके व्रत का संकल्प लेना चाहिए. फिर पूरे दिन व्रत रखना चाहिए. व्रत के दौरान शिव मंदिर में जाकर भोलेनाथ को जल,दूध और बेलपत्र अपर्ण करना चाहिए.इससे भगवान शिव प्रसन्न होते हैं और हर मनोकामना पूर्ण करते है. Tags: Local18, Religion 18FIRST PUBLISHED : June 26, 2024, 14:53 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ेंDisclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्य और आचार्यों से बात करके लिखी गई है. किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है. बताई गई किसी भी बात का Local-18 व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है.
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