यूपी का अनोखा थानाजिसका बारादरी हाउस से जुड़ा है इतिहास दिलचस्प कहानी

Thana Baradari: महल और किलों के बारे में आपने बहुत सुना होगा. लेकिन यूपी का एक थाना ऐसा है कि उसका अलग से नाम है. इसी थाने की कहानी आज हम आपके लिए लेकर आए हैं.

यूपी का अनोखा थानाजिसका बारादरी हाउस से जुड़ा है इतिहास दिलचस्प कहानी
विकल्प कुदेशिया/बरेली: स्मार्ट सिटी बरेली में कई ऐतिहासिक जगह बनी है, जिनका अपना अलग महत्व है. ऐसे में हम बात कर रहे हैं बरेली की एक ऐतिहासिक जगह के बारे में. इस जगह से बरेली का इतिहास जुड़ा हुआ है. यहां 300 साल से शामत अली खान का परिवार यहां बसा हुआ है. इसके अलावा 1857 में हुई क्रांति का प्रभाव बरेली पर भी पड़ा था. फिर कुछ ऐसा हुआ कि बरेली के थाने को ‘बारादरी थाना’ और चौक को ‘बारादरी चौकी’ कहा जाने लगा. कहानी बारादरी थाना की थाना बारादरी में एक विशेष अदालत लगती थी. इसके अलावा एक पुलिस चौकी बनवाने की बात की गई. जिसके बाद बारादरी परिवार ने अपनी जगह देकर वहां चौकी बनवाई. इसके बाद सही यहां की चौकी का और थाने का नाम बारादरी चौकी के नाम से जाना जाने लगा. बारादरी हाउस के नाम से आज भी बरेली में बारादरी थाने और चौकी यहां का नाम थाना बारादरी चौकी रख दिया गया. बारादरी परिवार ने दी थी जगह इतिहासकार राजेश शर्मा ने लोकल 18 से खास बातचीत के दौरान बताया कि वह काफी समय से बरेली का इतिहास जानने की कोशिश कर रहे हैं. और वह अब तक 170 कहानी बरेली के इतिहास पर लिख चुके हैं. वो कहते हैं, ‘बारादरी चौकी को बनवाने के लिए बारादरी परिवार ने अपने हिस्से की जगह दी थी. इसके कारण उसका नाम बारादरी चौकी पड़ा. वहीं, इसके अलावा वह बताते हैं कि कई साल बाद फिर से बिरादरी चौकी की जगह खंगाली गई. लेकिन बारादरी चौकी काफी दूर बनी है. वह अभी भी बारादरी चौकी के नाम से ही जानी जाती है.’ बारादरी थाने से जुड़ा है इतिहास इतिहासकार डॉक्टर राजेश शर्मा ने जी ने हमें खास बातचीत के दौरान बताया कि 300 साल से शामत अली खान का परिवार यहां बसा हुआ है. आज भी उनके पोते यहां पर रहते हैं और बारादरी हाउस बरेली में बना हुआ है.इसके अलावा 1857 में हुई क्रांति का प्रभाव बरेली पर भी पड़ा जिसके कारण बरेली के गवर्नर रॉबर्ट क्लाइंट काफी नाराज हुए. इसके बाद यहां काफी तोड़फोड़ होनी शुरू हो गई. इसके लिए थाना बारादरी में एक अदालत लगती थी, जिसे शामतगंज के अली खान ने आयोजित कराई जाती थी. इसके अलावा एक पुलिस चौकी बनवाने की बात की गई. जिसके बाद बारादरी परिवार ने अपनी जगह देकर वहां चौकी बनवाई. आज भी लोग किसी नाम से थाने और चौकी को पुकारते हैं. कैसे पड़ा बारादरी चौकी का नाम 1857 में हुई क्रांति के दौरान इस क्षेत्र में काफी तोड़फोड़ मच गई थी. जिसके चलते बारादरी हाउस के मालिक ने शामतगंज के एरिया में बारादरी चौकी में अदालत को आयोजित हुआ करता था.जिसमें एक पुलिस चौकी बनवाने की भी मांग उठी. इस पर बारादरी परिवार ने अपने घर की जगह देकर बारादरी चौकी बनवाई. इसके बाद कि कई साल बाद फिर से बारादरी  चौकी की जगह खंगाली गई. लेकिन बारादरी चौकी यहां नहीं बल्कि काफी दूर बनी थी. लेकिन वह अभी भी बारादरी चौकी के नाम से ही जानी जाती है. Tags: Local18, UP newsFIRST PUBLISHED : August 2, 2024, 17:18 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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