मानसून में करें टमाटर की इन प्रजातियों की खेती कम समय में होगा बंपर फायदा

शंकर वर्मा बताते हैं कि मानसून के मौसम में टमाटर की खेती करने वाले किसान टमाटर की उन्नत किस्म की प्रजाति काशी अनुपम, काशी अमन, काशी अभिमान, काशी आदर्श, काशी विशेष, काशी मेघाली, काशी विकास, अविनाश, 23 वैशाली, रूपाली, नवीन, लता, पूसा हाइब्रिड, पूसा हाइब्रिड 4, किस्मों की खेती कर किसान अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं.

मानसून में करें टमाटर की इन प्रजातियों की खेती कम समय में होगा बंपर फायदा
रायबरेली. जून-जुलाई का महीना खरीफ की सीजन फसलों की बुवाई के लिए उपयुक्त माना जाता है. इस सीजन की मुख्य फसलों में धान की फसल होती है. लेकिन कुछ किसान धान की फसल के साथ ही कई अन्य फसलों की भी खेती करते हैं. जिससे वह अच्छा मुनाफा कमा सकते है. इसी कड़ी मे कुछ किसान ऐसे भी हैं. जो जून-जुलाई के महीने में भी सब्जियों की खेती करते हैं .जिनमें वे प्रमुख रूप से टमाटर की खेती करते हैं . टमाटर की खेती करने वाले किसानों के लिए कृषि विशेषज्ञ की यह सलाह जानना बेहद जरूरी है. क्योंकि जून के मध्य में ही मानसून दस्तक दे देता है .जिससे टमाटर की खेती करने वाले किसानों को चिंताएं सताने लगती है. लेकिन अब उन्हें चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है. कृषि के क्षेत्र में 10 वर्षों का अनुभव रखने वाले रायबरेली के राजकीय कृषि केंद्र शिवगढ़ के प्रभारी अधिकारी कृषि शिव शंकर वर्मा (बीएससी एजी डा राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय अयोध्या)बताते हैं कि मानसून के मौसम में टमाटर की खेती करने वाले किसान अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं. इन किस्मों की करें खेती शंकर वर्मा बताते हैं कि मानसून के मौसम में टमाटर की खेती करने वाले किसान टमाटर की उन्नत किस्म की प्रजाति काशी अनुपम, काशी अमन, काशी अभिमान, काशी आदर्श, काशी विशेष, काशी मेघाली, काशी विकास, अविनाश, 23 वैशाली, रूपाली, नवीन, लता, पूसा हाइब्रिड, पूसा हाइब्रिड 4, किस्मों की खेती कर किसान अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं क्योंकि मानसून के मौसम के लिए यह प्रजातियां उन्नत किस्म की प्रजातियां मानी जाती है ऐसे करें टमाटर की फसल की देखभाल शंकर वर्मा बताते हैं कि बरसात के मौसम में टमाटर की फसल में रोग लगने एवं फल झड़ने से रोकने के लिए किसान 10 दिन के अंतराल पर नीम सीड ऑयल का स्प्रे करें .जिससे पौधे पर कोई नुकसान नहीं होगा. किसान टमाटर के पौधे की रोपाई से पहले खेत की अच्छी तरह जुताई करें. एवं खेत में जल निकासी की व्यवस्था अच्छी हो साथ ही जुताई के बाद जिंक और बोरान का मिश्रण 10 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर की दर से खेत में मिला दें. जिससे फसल की पैदावार भी अच्छी होगी और पौधा भी स्वस्थ रहेगा. Tags: Agriculture, Local18, Rae Bareli News, Uttar Pradesh News HindiFIRST PUBLISHED : June 6, 2024, 18:29 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed