टमाटर की इन किस्मों की करें खेती बंपर होगी पैदावार लाखों में कमाएंगे मुनाफा

कृषि के क्षेत्र में 15 वर्षों का अनुभव रखने वाले खुशहाली कृषि संस्थान के पूर्व प्रबंधक अनूप शंकर मिश्रा  बताते हैं कि खरीफ के सीजन में टमाटर की खेती के लिए सबसे उपयुक्त सितंबर माना जाता है. इस महीने में किसान टमाटर की उन्नत प्रजातियों की खेती करके अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं.

टमाटर की इन किस्मों की करें खेती बंपर होगी पैदावार लाखों में कमाएंगे मुनाफा
सौरभ वर्मा/ रायबरेली: सब्जियों की बात हो और टमाटर का नाम ना आए, तो सुनने में बड़ा अजीब लगता है. क्योंकि टमाटर के बिना सब्जियों का स्वाद अधूरा माना जाता है. लाल रंग का गोल मटोल टमाटर देखने में जितना सुंदर लगता है, उतना ही यह सब्जियों के स्वाद को भी स्वादिष्ट बना देता है. लाल रंग का गोल मटोल दिखने वाला टमाटर एक ऐसी फसल है.जिसे लोग वर्ष के बारह महीने खूब पसंद करते हैं. इसी वजह से बाजारों में पूरे वर्ष इसकी मांग बनी रहती है. हमारे देश के लोग टमाटर की खेती बड़े पैमाने पर करते हैं. ऐसे में किसान खरीफ के सीजन में भी टमाटर की खेती आसानी से कर सकते हैं. उसके लिए उन्हें कुछ जरूरी एहतियात बरतने होंगे . खरीफ के सीजन में टमाटर की खेती के लिए सबसे उपयुक्त महीना सितंबर का माना जाता है. कृषि के क्षेत्र में 15 वर्षों का अनुभव रखने वाले खुशहाली कृषि संस्थान के पूर्व प्रबंधक अनूप शंकर मिश्रा  बताते हैं कि खरीफ के सीजन में टमाटर की खेती के लिए सबसे उपयुक्त सितंबर माना जाता है. इस महीने में किसान टमाटर की उन्नत प्रजातियों की खेती करके अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं. परंतु ध्यान रहे जिस खेत में टमाटर की रोपाई करना है वहां पर जल निकासी की उचित व्यवस्था हो. खेत की अच्छे से जुताई करके क्यारी बना लें. उसके बाद उस क्यारी पर पौधे की रोपाई कर दें. टमाटर की खेती के लिए काली दोमट मिट्टी ,रेतीली दोमट मिट्टी ,लाल दोमट मिट्टी सबसे उपयुक्त मानी जाती है. इसकी अच्छी पैदावार के लिए मिट्टी का पीएच मान 7 से 8.5 तक होना चाहिए. सितंबर माह के लिए यह प्रजातियां है उपयुक्त: पुसा रूबी: यह प्रजाति जल्दी पकने वाली होती है. इसे सितंबर माह में लगाया जा सकता है. इसके फल मध्यम आकार के होते हैं और अच्छी गुणवत्ता के होते हैं. इस प्रसाद का पौधा 70 से 75 दिन में तैयार होकर 250 से 300 क्विंटल तक प्रति हेक्टेयर उत्पादन देता है. पूसा गौरव: यह एक मध्यम अवधि वाली प्रजाति है.जिसे सितंबर में रोपा जा सकता है. इसके फल बड़े और स्वादिष्ट होते हैं. 110 से 120दिन के अंतराल पर तैयार होने वाली यह किस्म 300 से 350 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक उत्पादन देती है. पूसा शीतल: यह प्रजाति ठंडे मौसम के लिए उपयुक्त होती है.सितंबर में इसकी बुवाई की जा सकती है. इसके फल गोल होते हैं ,और अच्छी पैदावार देते हैं. 75 से 80 दिन के अंतराल पर तैयार होने वाली टमाटर की या प्रजाति 280 से 320 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक का उत्पादन देती है. आर्का विकास: यह एक लोकप्रिय प्रजाति है. जिसे सितंबर में लगाया जा सकता है. इसके फल लंबे और रसदार होते हैं. 85 से 90 दिन के अंतराल पर तैयार होने वाली टमाटर की यह प्रजाति 300 से 350 कुंतल प्रति हेक्टेयर तक का उत्पादन देती है. सरदार: यह प्रजाति भी सितंबर में उगाई जा सकती है.इसके फल बड़े आकार के होते हैं.इसे खासतौर पर सलाद और चटनी के लिए उपयुक्त माना जाता है. Tags: Hindi news, Local18FIRST PUBLISHED : August 22, 2024, 10:03 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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