गर्मियों में करें पशुओं के लिए आचार की खेती30 दिन में हरी खाद होगी तैयार

कृषि विशेषज्ञ डॉ. संतोष पांडेय ने बताया कि गेहूं की फसल कटाई के बाद चरी की फसल किसानों के लिए काफी फायदेमंद होगी. फसल कटने के बाद खेत की दो बार जुताई करें. इसके बाद चरी की बुआई कर सकते हैं. 1 महीने में तैयार होने वाली चरी की फसल हरी खाद के रूप में किसानों के काम आती है.

गर्मियों में करें पशुओं के लिए आचार की खेती30 दिन में हरी खाद होगी तैयार
शाश्वत सिंह/झांसी. गर्मी के मौसम में कुछ फसलें बहुत अच्छी तरह उगती हैं. ऐसी ही एक चरी की फसल है. गर्मी के मौसम में हरे चारे की किल्लत बड़ी समस्या हो जाती है. इसका सीधा असर जानवरों की दुग्ध उत्पादन पर पड़ता है. ऐसे में चरी की खेती किसानों के लिए फायदे का सौदा साबित हो सकती है. इसकी खेती से हजारों रुपए कमाने के साथ ही जानवरों के लिए भी चारा आसानी से मिल सकता है. अच्छी फसल के साथ ही पशुओं के लिए भी यह चारा काफी पौष्टिक होता है. कृषि विशेषज्ञ डॉ. संतोष पांडेय ने बताया कि गेहूं की फसल कटाई के बाद चरी की फसल किसानों के लिए काफी फायदेमंद होगी. फसल कटने के बाद खेत की दो बार जुताई करें. इसके बाद चरी की बुआई कर सकते हैं. 1 महीने में तैयार होने वाली चरी की फसल हरी खाद के रूप में किसानों के काम आती है. इसको बेचकर किसान हर दिन हजारों रुपए कमा सकते हैं. इस फसल की खेती के लिए किसानों को 40 फीसदी तक का अनुदान भी मिलता है. अच्छे चरी की खासियत डॉ. पाण्डेय ने कहा कि चरी की कई अच्छी किस्में हैं जिसको किसान उगा सकते हैं. पूसा चरी संकर-109, बहुकटाई वाली संकर किस्म है जो 55-60 दिनों में पहली कटाई के लिए तैयार हो जाती है. अच्छी चरी वही होती है जिसका तना मोटा, अधिक रस वाला तथा अधिक समय तक हरा रहता है. जहां अच्छी सिंचाई की व्यवस्था हो वहां के किसान इस फसल को उगा सकते हैं. चरी के सायिलेज को लंबे समय तक बचा कर भी रख सकते हैं. इसे “पशुओं को आचार” कहा जाता है. Tags: Agriculture, Jhansi news, Local18, Uttar Pradesh News HindiFIRST PUBLISHED : May 14, 2024, 14:57 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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