झारखंड का X फैक्टर जो कड़ा बना रहा मुकाबला दिलचस्प हुई लोकसभा चुनाव की जंग

Jharkhand Lok Sabha Chunav 2024: झारखंड की राजधानी रांची सीट पर समय के साथ बदलाव का इतिहास रहा है. कांग्रेस और बीजेपी का रांची लोकसभा सीट पर कब्जा रहा है. हाल के लोकसभा चुनाव में बीजेपी चुनाव जीतती रही है. इस बार भी बीजेपी के नेता... पूरी रिपोर्ट

झारखंड का X फैक्टर जो कड़ा बना रहा मुकाबला दिलचस्प हुई लोकसभा चुनाव की जंग
हाइलाइट्स झारखंड में 4 सीटों पर कांटे का मुकाबला, एक दूसरे के वोट में सेंधमारी की लगी होड़. जीत-हार का गणित और सियासी समीकरण. रांची. झारखंड में तीसरे चरण की 4 लोकसभा सीट पर कांटे का मुकाबला होने जा रहा है. रांची, जमशेदपुर, धनबाद और गिरिडीह सीट पर 25 मई मतदान होना है. इस चरण में बीजेपी 3 और आजसू के एक मात्र उम्मीदवार की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है. वहीं, INDIA गठबंधन से जेएमएम  2 और कांग्रेस 2 सीट पर चुनावी मैदान में हैं. तीसरे चरण की रांची, धनबाद और जमशेदपुर सीट पर NDA और INDIA गठबंधन का मुकाबला आमने -सामने का है, जबकि गिरिडीह सीट पर दो गठबंधन की लड़ाई में निर्दलीय जयराम महतो तीसरा कोण बनाने में कामयाब नजर आ रहे हैं. अब अगर हर सीट पर नजर दौड़ाएं तो दिलचस्प मुकाबले की हकीकत का अंदाजा लग जायेगा. झारखंड की राजधानी रांची सीट पर समय के साथ बदलाव का इतिहास रहा है. कांग्रेस और बीजेपी का रांची लोकसभा सीट पर कब्जा रहा है. हाल के लोकसभा चुनाव में बीजेपी चुनाव जीतती रही है. इस बार भी बीजेपी के नेता जीत के प्रति आश्वस्त हैं. बीजेपी उम्मीदवार संजय सेठ और कांग्रेस की यशस्विनी सहाय के बीच मुकाबला माना जा रहा है. JBKSS के देवेंद्रनाथ महतो ग्रामीण इलाकों में अपने मतदाताओं को गोलबंद करने में लगे हैं. रांची लोकसभा सीट पर आदिवासी-अल्पसंख्यक मतदाताओं की गोलबंदी कांग्रेस को चुनावी मुकाबले में लाने की ओर इशारा करती है. वहीं बीजेपी को PM नरेंद्र मोदी के नाम और काम पर वोट मिलने का भरोसा है. शहरी इलाकों में PM नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के रोड शो के बाद बीजेपी की पकड़ और मजबूत हुई है. वहीं, कांग्रेस प्रियंका गांधी की सभा में जुटी भीड़ से कांग्रेस के नेता गदगद नजर आ रहे हैं. अगर JBKSS के देवेंद्र नाथ महतो ने कुड़मी मतदाताओं को अपनी ओर समेटा तो चुनावी अखाड़े में ट्विस्ट नजर आएगा. जमशेदपुर लोकसभा सीट पर बीजेपी सांसद विधुत वरन महतो और जे एम एम के समीर मोहंती के बीच होना तय है. विधुत वरन महतो के बारे में ये कहा जाता है कि उनके साथ ग्रामीण और शहरी मतदाताओं का समर्थन रहा है. इस बार जेएमएम के समीर मोहंती पार्टी के परंपरागत वोट के साथ-साथ शहरी वोटर को साधने में लगे हैं. खास कर जमशेदपुर में बंगाली समाज और सिख समाज पर जे एम एम सबसे ज्यादा डोरे डाल रही है. इसके साथ ही आदिवासी मतदाताओं के बीच हेमंत सोरेन प्रकरण का प्रभाव भी प्रभावी तरीके से असर डालता हुआ नजर आ रहा है. अगर शहरी इलाके में बीजेपी के वोट बैंक में सेंधमारी हुई, तो जेएमएम के लिए उम्मीद की किरण नजर आ सकती है. अगर ऐसा नहीं हुआ तो बीजेपी को चुनावी अखाड़े में मात दे पाना आसान नहीं होगा. धनबाद लोकसभा सीट पर बीजेपी उम्मीदवार ढुल्लू महतो की उम्मीदवारी के बाद से ही हंगामा जारी है. बीजेपी के अंदर एक खेमा ढुल्लू महतो के खिलाफ नजर आ रही है. चुनाव नजदीक आने तक बीजेपी के अंदर इस आक्रोश को पार्टी के नेता कम नहीं कर पाए हैं. बीजेपी विधायक राज सिन्हा को बीजेपी के द्वारा जारी नोटिस ने तो आग में घी डालने का काम किया है. इन सबके बीच कांग्रेस की अनुपमा सिंह की पहुंच ज्यादा से ज्यादा मतदाताओं तक हो चुकी है. अनुपमा सिंह के समर्थन में उनके समाज के लोगों ने मोर्चा संभाल लिया है. खबर ये भी है कि सामाजिक गोलबंदी में दलों की दीवार को भी तोड़ने की कोशिश हुई है. धनबाद लोकसभा सीट पर मसास और JBKSS के उम्मीदवार भी अपने-अपने पॉकेट में मतदाताओं को गोलबंद करने में लगे हैं. यहां के चुनावी समर में अगड़ा-पिछड़ा को लेकर भी राजनीतिक कार्ड खेले जा रहे हैं. गिरिडीह लोकसभा सीट पर मुकाबला सबसे ज्यादा रोचक होने जा रहा है. रोचक इसलिए क्योंकि यहां आजसू और जेएमएम की लड़ाई में JBKSS के जय राम महतो कांटा फंसा रहे हैं. ग्रामीण इलाके में जयराम महतो के समर्थन में ना सिर्फ युवा, बल्कि बुजुर्ग और महिला मतदाता भी मुखर दिख रहे हैं. हालांकि, एक खास समाज के बीच ही जय राम महतो का सबसे ज्यादा बोल बाला है. वहीं आजसू के चंद्र प्रकाश चौधरी सहयोगी दल बीजेपी के साथ दूसरी बार जीत सुनिश्चित करने के लिए मैदान में है. आजसू इस सीट पर जरूर चुनाव लड़ रही है पर यहां भी PM नरेंद्र मोदी के नाम पर ही नेता वोट मांग रहे हैं. आजसू का गिरीडीह लोकसभा क्षेत्र में अपना मजबूत संगठन भी उसके काम आ रहा है. वहीं, जे एम एम के मथुरा महतो अपने परंपरागत वोट के आधार पर चुनावी नैया पार लगाने में जुटे हैं. जेएमएम को आदिवासी-दलित और मुस्लिम के साथ- साथ महतो वोटर का साथ मिलने का भरोसा है. पूर्व CM हेमंत सोरेन के जेल जाने का मुद्दा इस इलाके में भी छाया हुआ है. अब ऐसे में गिरिडीह लोकसभा सीट पर एक दूसरे के वोट में सेंधमारी से चुनावी जीत का रास्ता बनाने की कोशिश में कौन सफल होगा और कौन असफल ये कहां मुश्किल है. Tags: Bihar News, Loksabha Election 2024, Loksabha ElectionsFIRST PUBLISHED : May 23, 2024, 15:34 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed