आजमगढ़: किसानों की आमदनी के लिए आजकल कई नए उपाय आ चुके हैं. जिले में पारंपरिक खेती के इतर मिलेट्स फसलों की खेती का चलन अब धीरे-धीरे बढ़ने लगा है. किसान अब गेहूं चावल उगाने के साथ-साथ मोटे अनाजों की खेती करना भी पसंद कर रहे हैं. रागी ,कोदो, ज्वार ,बाजरा, मक्का आदि फसलों की खेती से किसानों को बेहद फायदा हो रहा है. जहां एक तरफ मार्केट में मोटे फसलों की डिमांड बढ़ती जा रही है, वहीं दूसरी ओर इसकी पैदावार में भी लगातार वृद्धि देखी जा रही है.
मोटे अनाज से कैसे बढ़ेगी आमदनी?
अपने पौष्टिक गुणों और सुपाच्य होने के कारण लोग मोटे अनाजों के प्रति आकर्षित हो रहे हैं. मार्केट में मल्टीग्रेन आटे, मक्के, बाजरे आदि मोटे अनाज काफी मात्रा में उपलब्ध हैं, जिसके कारण किसान इन फसलों की उपज पर अपना ध्यान केंद्रित कर रहे हैं. मार्केट में लगभग ₹100 प्रति किलो मूल्य पर बिकने वाले या मोटे अनाज किसने की आमदनी को भी बढ़ा सकते हैं.
कम लागत में अधिक पैदावार
कृषि विज्ञान केंद्र आजमगढ़ के डॉक्टर अखिलेश यादव बताते हैं, ‘मिलेट्स की खेती के लिए आजमगढ़ के किसानों को लगातार प्रोत्साहित किया जा रहा है. कृषि विज्ञान केंद्र आजमगढ़ द्वारा किसानों को मिलेट्स का बीज उपलब्ध कराया गया था. इन फसलों की पैदावार के लिए किसानों को बेहद ही कम लागत लगानी पड़ती है. इसके लिए जल स्रोतों का भी इस्तेमाल कम मात्रा में किया जाता है. अमूमन बरसात के महीने में होने वाली वर्षा से ही इन फसलों की पानी की पूर्ति हो जाती है. इसके अलावा इन फसलों की पैदावार के लिए उर्वरक के इस्तेमाल की जरूरत भी कम होती है. जिससे किसानों को इन फसलों की पैदावार में कम लागत लगानी पड़ती है.
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मार्केट में है खूब डिमांड
डॉ अखिलेश के अनुसार पहले के जमाने में लोगों का पौष्टिक आहार ज्वार बाजरा हुआ करता था. धीरे धीरे यह चलन से एकदम गायब हो गया. अब लोगों का रुझान फिर से मिलेट्स की तरफ बढ़ रहा है. मोटे अनाज सुपाच्य होने के कारण ब्लड प्रेशर और डायबिटीज के मरीजों के लिए बेहद फायदेमंद होते हैं. इन अनाजों का सेवन करने से पाचन शक्ति बढ़ती है, जिससे शरीर में शुगर की मात्रा संतुलित रहती है. मिलेट्स फसलों का उपयोग कर मल्टीग्रेन आटे, दलिया और बिस्किट भी बनाए जाते हैं, जिनकी मार्केट में काफी डिमांड है.
Tags: Local18FIRST PUBLISHED : September 11, 2024, 11:02 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed