सरसों के तेल में आ रही मिलावट! कहीं आप भी तो नहीं खा रहे ऐसे पहचानें
सरसों के तेल में आ रही मिलावट! कहीं आप भी तो नहीं खा रहे ऐसे पहचानें
सरसों का तेल हम सब लोगों के घरों में सदियों से इस्तेमाल हो रहा है. सब्जी से लेकर पकौड़, परांठे, कचौरी यहां तक कि कई व्यंजन इस तेल के बिना नहीं बनाए जा सकते. यह बेहद फायदेमंद होता है, हालांकि इसमें आजकल मिलावट होने लगी है, जिसकी पहचान आप खरीदते समय कर सकते हैं.
Mustard Oil: बचपन से हम अपने घरों में सरसों के तेल में बनी हुई सब्जी, पकौड़े और तमाम व्यंजन आदि खा रहे हैं. देसी घी के बाद यही एक तेल है जो हमारी रसोई में सबसे ज्यादा इस्तेमाल किया जाता है. आपको बता दें कि सरसों का तेल बहुत पौष्टिक माना जाता है. यह न केवल सेहत बल्कि हमारी त्वचा के लिए भी बेहद फायदेमंद होता है. यह शुद्ध रूप में मिले तो स्वास्थ्य के लिए अमृत से कम नहीं है लेकिन आजकल इसमें मिलावट के चलते खतरा बढ़ता जा रहा है. इसलिए आज हम आपको सरसों के तेल के फायदों के साथ मिलावटी तेल को पहचानने के तरीके भी बताने जा रहे हैं.
सरसों के तेल के चमत्कारी फायदे
आपको यह जानकर हैरानी होगी कि खाने में शुद्ध सरसों के तेल का उपयोग अमेरिका, कनाडा और यूरोप में पूरी तरह बैन है. इन इलाकों में इसे सिर्फ मसाज ऑयल, सीरम या फिर हेयर ट्रेटमेंट के लिए उपयोग किया जा सकता है. लेकिन भारत में इसे इतना फायदेमंद माना गया है कि इसका उपयोग न सिर्फ खाने बल्कि त्वचा, बालों और दर्द जैसी समस्याओं के इलाज के लिए भी किया जाता है. आइए आपको बताते है कि सरसों के तेल के क्या-क्या फायदे हैं.
1. इम्यूनिटी को करता है बूस्ट
सरसों का तेल शरीर की इम्यूनिटी को बढ़ाने में भी मददगार होता है. इसका नियमित सेवन शरीर की कमज़ोरी को दूर करता है. इससे शरीर में मालिश करना भी फायदेमंद होता है.
2. त्वचा के लिए अच्छा
सरसों के तेल को हमारी त्वचा के लिए भी अच्छा माना जाता है. इसमें विटामिन-ई की अधिक मात्रा होने के कारण यह स्किन को नमी देता है, जिससे सर्दियों में ड्राईनेस नहीं आती.
3. वज़न कम करने में मददगार
खाने में अगर सरसों के तेल का उपयोग किया जाए, तो वज़न घटाने में भी मदद मिल सकती है. इस तेल में मौजूद विटामिन्स जैसे थियामाइन, फोलेट और नियासिन शरीर के मेटाबाल्ज़िम को बढ़ाता हैं, जिससे वज़न कम होता है.
4 . पेनकिलर की तरह करता है काम
सरसों के तेल की मालिश जोड़ों के दर्द या फिर कान के दर्द में फायदा करता है. आप जोड़ों पर इससे मालिश कर सकते हैं, या फिर इसे गुनगुना कर इसकी कुछ बूंदों को कान में डाल सकते हैं. इससे दर्द में जल्द आराम मिलता है.
5 . दांत के दर्द में मददगार
दांतों में दर्द होने पर सरसों के तेल से मसूड़ों पर हल्की मालिश करें. इससे दर्द दूर हो जाएगा, साथ ही दांत मज़बूत भी होंगे.
6 . भूख बढ़ाने का करता है काम
जिन लोगों को भूख कम कम लगती है या वे कम खाते हैं और इससे उनकी हेल्थ प्रभावित हो रही है, तो इस तेल का इस्तेमाल आपकी इस समस्या को हल कर सकता है.
7. दिल को रखता है स्वस्थ
सरसों के तेल में ओमेगा-6 फैटी एसिड भरपूर मात्रा में होता है, जो खराब कोलेस्ट्रोल को घटाने औऱ गुड कोलेस्ट्रोल का लेवल बढा़ने में काफी मददगार होता है,
इसके सेवन से दिल से जुड़े रोगों का खतरा कम हो जाता है।
इसके अलावा, सरसों के तेल में ओमेगा-3 और ओमेगा-6 फैटी ऐसिड, पॉलीअनसेचुरेटेड फैटी एसिड, सैचुरेटेड फैट, प्रोटीन, फाइबर और अन्य माइक्रो-न्यूट्रीएंट्स होते हैं, जो शरीर को कई समस्याओं से बचाने में मदद कर सकते हैं। देखा जाए तो बाजार में मिलने वाले अन्य तेलों की तुलना में सरसों का तेल काफी फायदेमंद है। इसकी एंटी-इन्फ्लेमेटरी प्रॉपर्टीज डायबिटीज में इसे उपयोगी बनाती है। सरसों के तेल में मौजूद ओमेगा-3 और ओमेगा 6 फैटी एसिड साथ ही सैचुरेटेड फैट्स की कम मात्रा इसको अन्य तेलों के मुकाबले और उपयोगी बना देती है।
मिलावट का कैसे लगाएं पता
एडिबल ऑइल्स बनाने वाले डाटा ग्रुप के एमडी अजय डाटा कहते हैं, सरसों के तेल की बढ़ती लोकप्रियता के कारण दुर्भाग्य से मिलावट में वृद्धि हुई है, जो इसकी शुद्धता और स्वास्थ्य लाभों से समझौता करती है. ऐसे में यह जानने के लिए कि जो तेल आप खरीद रहे हैं वह असली है या नकली है, तो इसके लिए कुछ कदम उठाने की जरूरत है. FSSAI प्रमाणन: भारत में भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) प्रमाणन गुणवत्ता और सुरक्षा का एक विश्वसनीय मार्कर है. इसलिए पैकेजिंग पर इस प्रमाणीकरण की हमेशा जांच करें.
2. लेबल की जांच: लेबल पर स्पष्ट रूप से “100% शुद्ध सरसों का तेल” लिखा होना चाहिए, बिना किसी एडिटिव या मिश्रित तेल का उल्लेख किए. विश्वास बनाए रखने के लिए यह पारदर्शिता महत्वपूर्ण है. इसमें कम मिलावट की संभावना रहती है.
3. ब्रांड विश्वसनीयता: प्रसिद्ध और प्रतिष्ठित ब्रांडों से चिपके रहना अक्सर मिलावट के खिलाफ सबसे सुरक्षित दांव हो सकता है. छोटे लोकल ब्रांडों के मुकाबले स्थापित ब्रांड गुणवत्ता मानकों और नियामक अनुपालनों का पालन करने की अधिक संभावना रखते हैं.
4. सुगंध: शुद्ध सरसों के तेल में एक विशिष्ट तीखी सुगंध और गहरा पीला रंग होता है. गंध या रंग में कोई भी विचलन मिलावट के लिए एक खतरे का संकेत हो सकता है.
लिहाजा एक स्वस्थ जीवन शैली की तलाश में, सरसों का तेल एक सुनहरे अमृत के रूप में काम करता है, जो स्वाद और स्वास्थ्य लाभों का मिश्रण प्रदान करता है जिसका मुकाबला करना मुश्किल है.
Tags: Health News, Lifestyle, Mustard Oil, Trending newsFIRST PUBLISHED : June 7, 2024, 20:42 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed