Zombie Virus: जॉम्बी वायरस से आएगी अगली महामारी फ्रांसीसी वैज्ञानिकों के दावे से मचा तहलका
Zombie Virus: जॉम्बी वायरस से आएगी अगली महामारी फ्रांसीसी वैज्ञानिकों के दावे से मचा तहलका
Zombie Virus News- वैज्ञानिकों ने आशंका जताई है कि जॉम्बी वायरस की वजह से दुनिया में अगली महामारी आ सकती है. ग्लोबल वॉर्मिंग की वजह से पर्माफ्रॉस्ट पिछले रहे हैं, जिनके नीचे हजारों सालों से जमे वायरस बाहर निकल रहे हैं.
हाइलाइट्सरूस में करीब 50 हजार साल पुराना जॉम्बी वायरस फिर से जिंदा हो गया है.वैज्ञानिकों ने आशंका जताई है कि यह वायरस बेहद विनाशकारी हो सकता है.
Zombie Virus Found In Russia: रूस में साइबेरियन परमाफ्रॉस्ट के नीचे दबे करीब 50 हजार साल पुराने जॉम्बी वायरस (Zombie Virus) को फ्रांस के वैज्ञानिकों ने पुनर्जीवित (Revive) कर लिया है. वैज्ञानिकों के अनुसार इस वायरस के दोबारा जिंदा होने से एक और महामारी की आशंका बढ़ गई है. यह वायरस इंसानों, पशुओं और पेड़-पौधों के लिए विनाशकारी साबित हो सकता है. अभी तक दुनिया कोरोना महामारी के कहर से पूरी तरह उबरी नहीं है और इसी बीच जॉम्बी वायरस की चर्चा ने लोगों की नींद उड़ा दी है. हजारों साल तक बर्फ में दबा यह बेहद खतरनाक वायरस जिंदा कैसे हो गया? इस बारे में विस्तार से जान लेते हैं. कैसे जॉम्बी वायरस फैलने का बढ़ा खतरा?
न्यूयॉर्क पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक फ्रेंच नेशनल सेंटर फॉर साइंटिफिक रिसर्च के माइक्रोबायोलॉजिस्ट जीन-मैरी एलेम्पिक के नेतृत्व में यह स्टडी की गई थी. इसमें पता चला है कि ग्लोबल वॉर्मिंग की वजह से उत्तरी गोलार्ध के एक चौथाई हिस्से को कवर करने वाला परमाफ्रॉस्ट (Permafrost) तेजी से पिघल रहा है. इसकी वजह से बर्फ में लाखों सालों से जमे कार्बनिक पदार्थ और विनाशकारी वायरस बाहर निकल रहे हैं. इस कार्बनिक पदार्थ में पुनर्जीवित सेलुलर वायरस के साथ ऐसे वायरस भी शामिल हैं, जो प्रागैतिहासिक काल से निष्क्रिय रहे हैं. जो वायरस पुनर्जीवित हो गए हैं, उनसे इंसानों, पशु और पेड़-पौधों को भी खतरा होने की आशंका है. अभी यह स्टडी पियर रिव्यू होनी है.
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इस स्टडी के को-ऑथर और ऐक्स-मार्सिले विश्वविद्यालय के प्रोफेसर जीन-मिशेल क्लेवेरी ने 2014 और 2015 में की गई ओरिजिनल स्टडी के बाद से परमाफ्रॉस्ट में ‘जिंदा’ वायरस पर महत्वपूर्ण अपडेट की कमी के बारे में चिकित्सा अधिकारियों को चेतावनी जारी की. शोध करने वाले वैज्ञानिकों ने अपने निष्कर्ष में लिखा कि पिछली स्टडी गलत सुझाव देती है कि दुर्लभ जॉम्बी वायरस सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए खतरा नहीं है. सच्चाई यह है कि वायरस लोगों के लिए विनाशकारी हो सकता है. वैज्ञानिकों ने पाया कि सभी जॉम्बी वायरस में संक्रामक होने की क्षमता है और स्वास्थ्य के लिए खतरा हैं.
भविष्य में महामारी की जताई आशंका
वैज्ञानिकों के मुताबिक जॉम्बी वायरस उन 13 वायरस में से एक है, जिसका अपना अलग जीनोम है. लाइव कल्चर का अध्ययन करने के बाद वे मानते हैं कि दुनिया भविष्य में कोविड-19 जैसी अन्य कई महामारियों का सामना कर सकती है, क्योंकि कभी-पिघलने वाले पर्माफ्रॉस्ट माइक्रोबियल लंबे समय तक निष्क्रिय रहने वाले वायरस जारी करते हैं. गौरतलब है कि साल 2013 में साइबेरिया में 30 हजार साल पुराने एक ऐसे ही खतरनाक वायरस की खोज हुई थी. लगातार परमाफ्रॉस्ट पिघलने से बर्फ में दबे वायरस बाहर आने की आशंका है.
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Tags: Health, Lifestyle, Pandemic, Trending newsFIRST PUBLISHED : December 01, 2022, 13:00 IST