कोरोना के लक्षण लेकिन रिपोर्ट नेगेटिव तो हो सकता है स्वाइन फ्लू ऑक्सीजन लेवल भी हो रहा कम
कोरोना के लक्षण लेकिन रिपोर्ट नेगेटिव तो हो सकता है स्वाइन फ्लू ऑक्सीजन लेवल भी हो रहा कम
दिल्ली स्थित अपोलो अस्पताल के रेस्पिरेटरी मेडिसिन एंड पल्मोनोलॉजी विभाग में सीनियर कंसल्टेंड डॉ. राजेश चावला न्यूज18 हिंदी से बातचीत में बताते हैं कि इस बार स्वाइन फ्लू एकाएक तेजी से फैला है. स्वाइन फ्लू के मरीजों में सभी उम्र के लोग आ रहे हैं. इन मरीजों में उल्टी, डायरिया, बुखार, खांसी, गले में दर्द, नाक बहना, सिरदर्द, थकान के लक्षण दिखाई दे रहे हैं.
नई दिल्ली. भारत में कोरोना के मामले अब कुछ कम होना शुरू हो गए हैं लेकिन इसके उलट स्वाइन फ्लू के मामले इस बार काफी ज्यादा बढ़ गए हैं. झारखंड, छत्तीसगढ़, राजस्थान और दिल्ली सहित कई राज्यों में स्वाइन फ्लू से पीड़ित मरीज सामने आ रहे हैं. खास बात है कि स्वाइन फ्लू के मरीजों में भी कोरोना के लक्षण जैसे बुखार, खांसी, सिरदर्द, बदनदर्द, गले में दर्द आदि दिखाई दे रहे हैं. ऐसे में बिना जांच के स्वाइन फ्लू और कोरोना के मरीजों में अंतर करना भी मुश्किल हो रहा है.
दिल्ली स्थित अपोलो अस्पताल के रेस्पिरेटरी मेडिसिन एंड पल्मोनोलॉजी विभाग में सीनियर कंसल्टेंड डॉ. राजेश चावला न्यूज18 हिंदी से बातचीत में बताते हैं कि इस बार स्वाइन फ्लू एकाएक तेजी से फैला है. स्वाइन फ्लू के मरीजों में सभी उम्र के लोग आ रहे हैं. इन मरीजों में उल्टी, डायरिया, बुखार, खांसी, गले में दर्द, नाक बहना, सिरदर्द, थकान के लक्षण दिखाई दे रहे हैं. खास बात है कि स्वाइन फ्लू के मरीजों का ऑक्सीजन लेवल भी गिर रहा है. ऐसा कोरोना के डेल्टा वेरिएंट के संक्रमण के दौरान देखा गया था हालांकि कोरोना के ओमिक्रोन वेरिएंट के सामने आने के बाद मरीजों में ऑक्सीजन की कमी होने की समस्याएं सामने नहीं आई हैं.
डॉ. राजेश कहते हैं कि अगर किसी मरीज में कोरोना के लक्षण दिखाई दे रहे हैं लेकिन जांच कराने पर रिपोर्ट में कोरोना नेगेटिव आ रहा है तो ऐसे मरीजों को स्वाइन फ्लू हो सकता है. ऐसे में जरूरी है कि वे स्वाइन फ्लू की भी जांच करवाएं और डॉक्टर से सलाह लें. पिछले कुछ दिनों में ऐसे मरीज अस्पताल में आ रहे हैं जो कोरोना नेगेटिव हैं लेकिन उनमें लक्षण कोरोना वाले ही हैं. जब उनकी जांच कराई जाती है तो वे स्वाइन फ्लू से संक्रमित होते हैं. स्वाइन फ्लू के कुछ मरीजों को वेंटिलेटर और आईसीयू की भी जरूरत पड़ रही है.
कोविड नियमों का स्वाइन फ्लू से बचने के लिए करें पालन
डॉ. चावला का कहना है कि लोगों को चाहिए कि जैसे कोरोना के दौरान बचाव के तरीकों को अपनाया गया था उसी प्रकार स्वाइन फ्लू को लेकर भी एहतियात बरती जाए. साफ सफाई का ध्यान रखा जाए. नाक और मुंह को मास्क या किसी कपड़े से ढका जाए. जब भी छींक या खांसी आए तो मुंह और नाक को ढक लें. हाथों से आंख, नाक और मुंह को न छूएं.
ये है इलाज
डॉ. चावला कहते हैं कि बुजुर्ग, प्रेग्नेंट महिलाएं, हाइपरटेंशन या डाईबिटीज के मरीजों को खास सावधानियां बरतने की जरूरत है. इसके साथ ही स्वाइन फ्लू होने पर इलाज में देरी न करें क्योंकि यह क्रिटिकल और जानलेवा हो सकता है. अगर किसी को स्वाइन फ्लू के माइल्ड लक्षण हैं तो उसका घर पर ही इलाज हो सकता है. ऐसे मरीज को ज्यादा से ज्यादा लिक्विड पिलाएं. वहीं अगर क्रॉनिक लक्षण हैं तो मरीज को अस्पताल ले जाएं. स्वाइन फ्लू के मरीज का ऑक्सीजन लेवल भी चेक करते रहें. कम होने पर तत्काल डॉक्टर से संपर्क करें.
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Tags: Corona Virus, Swine fluFIRST PUBLISHED : September 02, 2022, 15:34 IST