डायबिटीज-वजन घटाने के लिए लेते हैं शुगर फ्री पेट और दिमाग का बजा देंगे बैंड

अगर आप भी बिना डॉक्‍टर की सलाह के लंबे समय से रोजाना शुगर फ्री का इस्‍तेमाल कर रहे हैं तो आपका दिमाग और पेट बीमारियों का घर बन सकता है. डायबेटोलॉजिस्‍ट डॉ. राहुल चौड़ा का कहना है कि वजन घटाने के लिए शुगर फ्री का ज्‍यादा इस्‍तेमाल नुकसानदेह है.

डायबिटीज-वजन घटाने के लिए लेते हैं शुगर फ्री पेट और दिमाग का बजा देंगे बैंड
आजकल सिर्फ डायबिटीज में ही नहीं बल्कि वजन घटाने के लिए भी चाय या मिठाई में शुगर फ्री के इस्‍तेमाल का ट्रेंड बढ़ रहा है. लोग महीनों तक शुगर को छोड़कर शुगर फ्री स्‍वीटनर्स का सेवन करते रहते हैं और सोचते हैं कि इससे उन्‍हें फायदा मिल रहा है लेकिन क्या आप जानते हैं कि शुगर फ्री के भी अपने फायदे और नुकसान हैं? कई बार यह फायदे से ज्‍यादा सेहत को खतरा पहुंचा रहे होते हैं. जब तक व्‍यक्ति को पता चलता है तब तक व्‍यक्ति के दिमाग और पेट का बैंड बज चुका होता है. ये भी पढ़ें  आपकी भी रसोई में रखे रहते हैं काजू-बादाम? ये बात जानकर झन्‍ना जाएगा दिमाग, कभी नहीं करेंगे गलती.. शुगर फ्री स्वीटनर क्या है? चीनी, गुड़ और शहद से अलग ये रसायनिक तत्व होते हैं जो मिठास तो देते हैं, लेकिन इनमें चीनी की तरह कैलोरी नहीं होती. ये अर्टिफिशियल स्‍वीटनर्स होते हैं. यही वजह है कि आजकल ये डायबिटीज के मरीजों के अलावा वजन घटाने की कोशिश कर रहे लोगों के लिए लोकप्रिय विकल्प बन चुके हैं. कितने प्रकार होते हैं अर्टिफिशियल स्‍वीटनर्स शुगर अल्कोहल: जैसे सोर्बिटोल, जाइलिटोल, लैक्टिटोल, आदि, जिनमें कम कैलोरी होती है. सिंथेटिक स्वीटनर्स: जैसे सैकेरिन, एस्पार्टेम, और सुक्रालोज, जो चीनी की तरह मीठे होते हैं लेकिन कैलोरी कम होती है. नैचुरल स्वीटनर्स: जैसे स्टीविया, जो पौधों से प्राप्त होता है और इसका ग्लाइसेमिक इंडेक्स और कैलोरी जीरो होती है. ये होते हैं फायदे: वजन नियंत्रण: शुगर फ्री स्वीटनर से कैलोरी कम होती है, जिससे वजन बढ़ने का खतरा घटता है. वजन घटाने की डाइट में ये शामिल होते हैं. डायबिटीज के मरीजों के लिए सही: ये रक्त शर्करा के स्तर को प्रभावित नहीं करते, जिससे मरीज बिना चिंता के इन्‍हें भोजन में शामिल करके मीठे का स्‍वाद ले सकते हैं. दांतों के लिए सुरक्षित: ये दांतों पर कैविटी का असर कम करते हैं. ये होते हैं भारी नुकसान रासायनिक तत्व: कुछ स्वीटनर्स में रसायन होते हैं, जिनके लंबे समय तक उपयोग से स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ सकता है. पाचन समस्याएं: कुछ लोगों को पेट दर्द, गैस, या डायरिया जैसी समस्याएं हो सकती हैं. एलर्जी: एस्पार्टेम जैसे तत्व एलर्जी का कारण बन सकते हैं और हाई टेंपरेचर पर टॉक्सिक हो सकते हैं. दौरे का खतरा: फेनिलकेटोनुरिया जैसी बीमारियों में आर्टिफिशियल स्वीटनर का उपयोग दिमागी दौरे का कारण बन सकता है. ये बोले एक्‍सपर्ट.. यशोदा हॉस्पिटल, कौशांबी के डायबेटोलॉजिस्ट और एंडोक्राइनोलॉजिस्ट डॉ. राहुल चौड़ा का कहना है कि शुगर फ्री स्वीटनर का सीमित मात्रा में उपयोग आमतौर पर सुरक्षित होता है. हालांकि, किसी भी नई चीज को आहार में शामिल करने से पहले अपने डॉक्टर या न्यूट्रिशनिस्ट से सलाह लेना जरूरी है, खासकर यदि आप पहले से किसी स्वास्थ्य समस्या से जूझ रहे हैं. सही जानकारी और मात्रा में इस्तेमाल से शुगर फ्री स्वीटनर लाभकारी हो सकते हैं, लेकिन अत्यधिक उपयोग से स्वास्थ्य पर नकारात्मक असर हो सकता है. इसलिए लंबे समय तक और अपनी मर्जी से इन स्‍वीटनर्स का इस्‍तेमाल न करें. ये भी पढ़ें  चूहा-छछुंदर के काटने से भी हो सकता है रेबीज? लगवानी चाहिए वैक्सीन? हेल्‍थ मिनिस्‍ट्री की गाइडलाइंस क्‍या कहती हैं, जानें Tags: Blood Sugar, Health News, Lifestyle, Trending newsFIRST PUBLISHED : July 23, 2024, 10:59 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed