नई दिल्ली. राजधानी दिल्ली और एनसीआर में वायु प्रदूषण (Air Pollution) चुनौती बन गया है. दिल्ली सहित आसपास के शहरों में हवा की गुणवत्ता (Air Quality) बहुत खराब श्रेणी में होने के कारण न केवल वहां सांस संबंधी रोगों से जूझ रहे मरीजों को दिक्कतें हो रही हैं बल्कि पिछले कुछ दिनों में प्रदूषण वाली खांसी के मरीजों की संख्या भी तेजी से बढ़ रही है. संक्रमण (Infection) की वजह से हो रही यह खांसी भी कई-कई हफ्तों तक चल रही है और लोगों का दम फुला रही है.
दिल्ली स्थित सफदरजंग अस्पताल के रेस्पिरेटरी विभाग में प्रोफेसर डॉ. नीरज गुप्ता न्यूज 18 हिंदी से बातचीत में बताते हैं कि मौसम बदलने पर आमतौर पर खांसी, जुकाम, बलगम आदि की समस्या पैदा हो जाती है लेकिन दिल्ली-एनसीआर में इस समय जो खांसी (Cough) के मरीज सामने आ रहे हैं, उनमें से ज्यादातर प्रदूषण (Pollution) की वजह से हो रही खांसी से पीड़ित हैं.
डॉ. नीरज कहते हैं कि सामान्य भाषा में समझें तो प्रदूषण के दौरान हवा में मौजूद धुआं, गैस और पार्टिकुलेट मैटर मिलकर जब सांस के माध्यम से व्यक्ति के अंदर जाते हैं तो वे गले में खराश, जलन और खुजली पैदा करते हैं. जिसकी वजह से खांसी आती है. यही खांसी जब बार बार और जोर से आती है तो उससे गले के नीचे म्यूकस की लाइनिंग या सतह छिल जाती है और इस वजह से लगातार खांसी आती रहती है. चूंकि पीड़ित व्यक्ति प्रदूषण के कण यानि पार्टिकुलेट मेटर, गैस और धुएं के मिश्रण के लगातार संपर्क में बना रहता है ऐसे में खांसी की यह समस्या भी बरकरार रहती है.
इतनी लंबी चल रही खांसी
डॉ. नीरज कहते हैं कि यह प्रदूषण वाली खांसी कम से कम 3 हफ्ते यानि 20 दिनों से ज्यादा लंबी चल रही है. कई बार होता है कि महीना पूरा होने पर भी इस प्रकार की खांसी मरीजों में ठीक नहीं हो रही है. इसकी सबसे बड़ी वजह यही है कि दिल्ली-एनसीआर में रह रहे लोग लगातार प्रदूषण के एक्सपोजर में रहते हैं. वे प्रदूषण तत्वों को लगातार सांस के माध्यम से इनहेल करते हैं और ये प्रदूषक तत्व गले के अंदर पहुंचकर नुकसान पहुंचाते रहते हैं. जिससे खांसी की बीमारी लंबे समय तक चलती रहती है.
बचाव के लिए करें ये काम
प्रो. गुप्ता कहते हैं कि प्रदूषण की वजह से होने वाली खांसी से बचाव का सबसे प्रमुख तरीका है प्रदूषण के एक्सपोजर से खुद को हटा लेना. जब तक व्यक्ति प्रदूषण के संपर्क में रहेगा, खांसी को ठीक होने का मौका नहीं मिलेगा. इसलिए सबसे जरूरी है कि इस वातावरण से खुद को दूर किया जाए. इसके लिए कुछ चीजें की जा सकती हैं.
. जब भी बाहर निकलें तो एन 95 मास्क पहनकर ही निकलें क्योंकि यही एकमात्र मास्क है जो पीएम 10 और पीएम 2.5 को अंदर आने से रोक सकता है. सर्जिकल मास्क या कपड़े के मास्क से बचाव संभव नहीं है.
. कोशिश करें कि प्रदूषण के दौरान ज्यादातर समय घर के अंदर रहें. संभव हो तो घर में एयर प्यूरिफायर लगवाएं और वहां रहें.
. जब भी वाहनों संबंधी प्रदूषण सबसे ज्यादा होता है यानि सुबह और शाम के वक्त घर से बाहर न निकलें, ताकि प्रदूषण के संपर्क में आने से बचा जाए.
. स्मॉग की स्थिति में खुले में व्यायाम करने से बचें.
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Tags: Air pollution, Delhi air pollutionFIRST PUBLISHED : November 10, 2022, 15:51 IST