चलते-फिरते गिर पड़े व्यक्ति कैसे समझें आ गया हार्ट अटैक कब दें CPR जानें
चलते-फिरते गिर पड़े व्यक्ति कैसे समझें आ गया हार्ट अटैक कब दें CPR जानें
How to recognise heart attack-cardiac arrest: अगर कोई व्यक्ति आपके सामने बेहोश होकर गिर पड़ा है तो आप इन 3 संकेतों से समझ सकते हैं कि उसे हार्ट अटैक या कार्डिएक अरेस्ट आया है और आप तत्काल उसे हाथों से सीपीआर देकर मदद भी कर सकते हैं. आइए एम्स के स्पेशलिस्ट से जानते हैं सीपीआर देने का आसान तरीका..
आजकल चलते फिरते, जिम करते, नाचते, बैठे-बैठे हार्ट अटैक या कार्डिएक अरेस्ट के मामले बहुत देखने को मिल रहे हैं. इसमें महज कुछ ही मिनटों में व्यक्ति की जान चली जाती है. अक्सर लोगों को पहले कुछ समझ नहीं आता और वे उसे अस्पताल ले जाने में जुट जाते हैं लेकिन तब तक देर हो चुकी होती है और मौत के बाद पता चलता है कि उसे दिल का दौरा पड़ा था. लिहाजा हार्ट से जुड़े एक्सपर्ट्स की मानें तो अगर व्यक्ति को 10 मिनट के अंदर-अंदर मौके पर ही किसी के द्वारा कार्डियो पल्मोनरी रिससिटेशन यानि सीपीआर दे दी जाए, तो 50 फीसदी से ज्यादा लोगों को बिना अस्पताल ले जाए भी बचाया जा सकता है. लेकिन सबसे बड़ा सवाल है कि ये पहचानें कैसे कि सामने वाले को हार्ट अटैक या कार्डिएक अरेस्ट ही आया है, वह किसी और बीमारी के चलते बेहोश होकर नहीं गिरा? तो आइए जानते हैं इसका जवाब..
एम्स नई दिल्ली में इमरजेंसी मेडिसिन के प्रोफेसर डॉ. संजीव भोई का कहना है कि हार्ट अटैक या कार्डिएक अरेस्ट आते ही एकदम व्यक्ति की मौत नहीं होती, इसमें थोड़ा समय लगता है. अगर उस दौरान तुरंत ही सीपीआर देकर हार्ट को एक्टिव कर दिया जाए और ब्रेन व शरीर के अन्य अंगों में ऑक्सीजन पहुंचने लगे तो व्यक्ति जिंदा हो सकता है. ऐसे में बच्चों से लेकर बड़ों तक को सीपीआर देना तो आना ही चाहिए, साथ ही यह भी पहचानना आना चाहिए कि सामने वाले को कार्डिएक अरेस्ट ही हुआ है या माइनर हार्ट अटैक है, या अन्य कोई परेशानी है.
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डॉ. भोई कहते हैं कि कई बार मरीज माइनर हार्ट अटैक या अन्य बीमारियों के चलते भी बेहोश होकर गिर पड़ते हैं. ऐसे में कैसे पहचानें कि कार्डिएक अरेस्ट हुआ है और जान का खतरा है. कैसे समझें कि सीपीआर कब देनी है, इसके लिए 3 संकेतों से समझें.
. पहला संकेत है व्यक्ति की सांस का चले जाना. अगर बेहोश होते ही मरीज की सांस नहीं चल रही तो मान लें कि उसे कार्डिएक अरेस्ट या हार्ट अटैक हुआ है.
. दूसरा संकेत है नब्ज या धड़कन बंद होना. मरीज की हाथ और गर्दन की नब्ज टटोल कर देखें, अगर नब्ज नहीं आ रही है तो मान लें कि दिल का दौरा पड़ा है.
. तीसरा संकेत है उसके शरीर का कोई अंग न हिलना. अगर हाथ, पैर या कोई अंग मूवमेंट नहीं कर रहा तो यह हार्ट अटैक का संकेत है. इन तीनों स्थितियों को देखने के बाद व्यक्ति को तुरंत सीपीआर देना शुरू कर दें. कैसे दें सीपीआर, ये हैं 3 आसान स्टेप..
. मरीज को तत्काल किसी समतल जगह पर पीठ के बल सीधा लिटा दें.
2. अब अपने एक हाथ के ऊपर दूसरे हाथ को रखें, दोनों हाथों को मरीज के सीने के बीचों-बीच में रखें और हाथों पर वजन देकर जोर-जोर से दबाएं. ऐसा आप एक एक मिनट में कम से कम 100 बार करने की कोशिश करें.
3. जब आप दबाव दें तो सीने को दबाव के बाद सामान्य स्थिति में भी आने दें. ऐसा आप तब तक करें जब तक कि मरीज की सांस वापस न आ जाए, या वह मेडिकल इमरजेंसी तक न पहुंच जाए. एक भी संकेत मिस तो न दें सीपीआर
डॉ. भोई कहते हैं कि अगर इन तीनों संकेतों में से एक भी संकेत मिस हो रहा है, मान लीजिए मरीज की सांस आ रही है, या उसकी नब्ज चल रही है, या वह हाथ पैर हिला रहा है तो उसे सीपीआर न दें, बल्कि उसे तुरंत किसी अस्पताल के लिए ले जाएं, संभव है कि उसे हल्का हार्ट अटैक आया हो और कार्डिएक अरेस्ट नहीं हुआ हो. या कोई और समस्या हो.
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Tags: Aiims delhi, Aiims doctor, Cardiac Arrest, Health News, Heart attack, Heart DiseaseFIRST PUBLISHED : July 26, 2024, 12:21 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed