आयुर्वेद को हल्‍के में मत लीजिए विदेशों में कितना पसंद करते हैं लोग जान लें

आयुर्वेद को लेकर भारत में भले ही लोग कुछ भी कहें लेकिन दुनिया के अन्‍य देशों में आयुर्वेदिक इलाज के प्रति लोग काफी संवेदनशील हैं. आयुष मंत्रालय की मानें तो दुनिया के 100 से ज्‍यादा देशों में आयुर्वेदिक दवाएं सप्‍लाई होती हैं.

आयुर्वेद को हल्‍के में मत लीजिए विदेशों में कितना पसंद करते हैं लोग जान लें
Ayurveda in the World: आयुर्वेद को लेकर अगर आपकी भी यही धारणा है कि यह नुस्‍खे वाला देसी इलाज है जो कभी-कभार फायदा कर देता है और गंभीर बीमारियों में ऐलोपैथी का ही सहारा लेना पड़ता है, तो आप अपनी सोच को बदल लें. आयुर्वेद को सिर्फ भारत ही नहीं विदेशों में कितने लोग पसंद करते हैं और इसे कहां-कहां मान्‍यता प्राप्‍त है, आयुष मंत्रालय की ओर से दी गई ये जानकारी आपकी आंखें खोल देगी. आयुष मंत्रालय 29 अक्‍टूबर को 9वां आयुर्वेद दिवस मनाने जा रहा है. बता दें कि वैश्विक स्वास्थ्य के लिए आयुर्वेद नवाचार थीम पर इस बार दुनिया भर के 150 से अधिक देश आयुर्वेद दिवस मनाएंगे. इस बारे में आयुष मंत्रालय के सचिव वैद्य राजेश कोटेचा ने कहा, अब आयुर्वेद का ज्ञान विभिन्न डिजिटल प्लेटफॉर्मों के माध्यम से आम जनता के लिए आसानी से उपलब्ध कराया जा रहा है, जिसमें आयुष ग्रिड के तहत आयुर्ज्ञान योजना, आयुष अनुसंधान पोर्टल और नमस्ते पोर्टल जैसी प्रमुख पहलें शामिल हैं. खास बात है कि वर्तमान समय में, आयुर्वेद को दुनिया भर के 24 देशों में मान्यता प्राप्त है, जबकि आयुर्वेद उत्पादों का निर्यात लगभग 100 से ज्‍यादा देशों में होता है.’ ये भी पढ़ें  क्या एयर प्यूरीफायर सच में प्रदूषण से बचाता है, कितने घंटे चलाना है जरूरी? WHO से जुड़े डॉ. ने दिया जवाब वहीं केंद्रीय आयुष राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) प्रतापराव जाधव ने आयुर्वेद दिवस के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा, ‘आयुर्वेद दिवस अब एक वैश्विक अभियान बन चुका है. इस साल 150 से ज्‍यादा देशों द्वारा आयुर्वेद दिवस समारोह में शामिल होने की उम्मीद है.’ आयुष मंत्रालय वैश्विक स्वास्थ्य की मुख्यधारा में आयुर्वेद को शामिल करने की दिशा में काम करता रहता है. डब्ल्यूएचओ ग्लोबल ट्रेडिशनल मेडिसिन सेंटर (GTMC), आयुष्मान भारत योजना और आयुर्वेद जीवविज्ञान में नवाचार के लिए अनुसंधान केंद्र जैसी पहलों के माध्यम से आयुर्वेद की भूमिका को वैश्विक स्वास्थ्य व्यवस्था के क्षेत्र में आगे बढ़ाया जा रहा है. इसके अलावा, इस वर्ष “आई सपोर्ट आयुर्वेद” अभियान को फिर से सक्रिय किया गया है, जिसका लक्ष्य आयुर्वेद के समर्थन में 25 करोड़ से अधिक लोगों का सहयोग प्राप्त करना है. पिछले वर्ष के अभियान में 16 करोड़ लोगों ने अपने मत देकर इस अभियान में विशाल सहभागिता दर्ज की थी. ये भी पढ़ें  तुरंत बंद कर दें मॉर्निंग वॉक! डॉक्‍टर ने दी वॉर्निंग, टहलने का है मन तो ये है सही समय Tags: Ayurveda Doctors, Ayushman Bharat scheme, Health News, Lifestyle, Trending newsFIRST PUBLISHED : October 23, 2024, 20:23 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed