नवजात या छोटे बच्चों को क्यों आती है ज्यादा हिचकी जानें कारण और राहत के उपाय

Causes of Hiccups In Newborn: बच्चे को हिचकी आए, तो पैरेंट्स परेशान हो जाते हैं. उन्हें समझ नहीं आता कि इसकी वजह क्या है और इसे ठीक कैसे किया जाए. अगर आप भी बच्चे की इस प्रॉब्लम से परेशान होते हैं, तो जानिए इसके कारण और दूर करने के तरीके.

नवजात या छोटे बच्चों को क्यों आती है ज्यादा हिचकी जानें कारण और राहत के उपाय
Hiccups Causes in newborn: नवजात शिशु और छोटे बच्‍चों को हर रोज हिचकियां आना सामान्य सी बात है. कई नवजात को कुछ मिनट तो कुछ को देर तक हिचकियां आती हैं. माना तो ये भी जाता है कि, प्रेग्नेंसी की दूसरी तिमाही से शिशु मां के पेट में ही हिचकियां लेना शुरू कर देते हैं. कहते हैं कि शिशु के हिचकी लेने से उनका पेट और भूख बढ़ती है. हालांकि, ये कोई स्पष्ट कारण नहीं है. फिर भी कुछ स्थितियां है, जिन्हें बच्चों में हिचकी आने के ​कारण के रूप में देखा जाता है. नवजात या बच्चों की रुटीन या खाने की आदत की वजह से भी हिचकी आ सकती हैं. बता दें कि, हिचकी सभी को आती है फिर चाहे वह बच्चा हो या बड़ा. व्यस्कों में सामान्यतौर पर हिचकी कुछ समय में अपने आप बंद हो जाती हैं. लेकिन, जब नवजात या छोटे बच्चों को हिचकी आती है तो पैरेंट्स परेशान हो जाते हैं. एक्सपर्ट की मानें तो अगर बच्‍चा खुश है और उसे इससे कोई परेशानी नहीं हो रही है तो चिंता की कोई बात नहीं है. लेकिन, यदि हिचकियां कम होती नजर नहीं आ रही हैं तो डॉक्टर की सलाह जरूरी है. अब सवाल है कि आखिर नवजात या बच्चों में हिचकी आती क्यों है? हिचकी रोकने के लिए करें? ऐसे कई सवाल हैं, जिन्हें पैरेंट्स जानना चाहते हैं. इन सवालों के बारे में jharkhabar.com को बता रही हैं राजकीय मेडिकल कॉलेज की बाल रोग विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ. भावना तिवारी- डॉ. भावना तिवारी बताती हैं कि, बच्चों को हिचकी आना नॉर्मल है. जैसे-जैसे बच्चों की ग्रोथ होती है, हिचकी की समस्या कम होने लगती है. दरअसल, हिचकी उस तंत्रिका से शुरू होती है, जो ब्रेन को डायाफ्राम से जोड़ती है और इसे कई अलग-अलग चीजों से बंद किया जा सकता है. नवजात को हिचकी आने के कारण डॉक्टर के मुताबिक, बच्चों में हिचकी के कई कारण हो सकते हैं. जैसे- यदि बच्चे को एक साथ ज्यादा फीडिंग कराई जाती है, जो उससे उनका पेट फूलने लगता है और डायाफ्राम अचानक फैलने या सुकड़ने लगता है. इससे उन्हें हिचकी आने लगती है. कई बच्चे जल्दबाजी में फीड करते है. जल्दी-जल्दी फीड करने की वजह से दूध बच्चे की फूड पाइप में फंस जाता है. जिसकी वजह से ब्रीदिंग प्रॉब्लम शुरू होती है और भी हिचकी की समस्या आ जाती है. बच्‍चे को फॉर्मूला मिल्‍क या ब्रेस्‍ट मिल्‍क में मौजूद किसी प्रोटीन की वजह से भोजन नली में सूजन आ सकती है. इसमें डायफ्राम में दिक्‍कत होती है, जिससे हिचकियां आ सकती हैं. ये भी पढ़ें:  Tummy Time: क्या होता है नवजात का टमी टाइम, मांसपेशियों में भर देती है फौलाद, डॉक्टर से जानें फायदे और जरूरी बातें कैसे रोकें बच्चों की हिचकी हेल्थलाइन की रिपोर्ट के मुताबिक, आमतौर पर बड़ों की तरह बच्चों में भी हिचकी अपने आप ही कुछ समय में बंद हो जाती है, इसलिए हिचकी आने पर कुछ मिनट इंतजार करें. छोटे बच्चों को एक बार में अधिक फीड न करा कर थोड़ी-थोडी देर में कम मात्रा में फीड कराएं. अगर बच्चे की हिचकी न रुके, तो उनके मुंह में चीनी के कुछ दानें डाल दें. इससे हिचकी जल्द रुक जाती है. हालांकि, चीनी नवजात को न दें. ये भी पढ़ें:  बेहद चमत्कारी है ये दुर्लभ फल! सालभर में मिलता है सिर्फ 3 माह, सेहत के लिए खजाना, कब्ज समेत 5 बीमारियों में कारगर  हिचकी आने की स्थिति में बच्चे को थोड़ी देर के लिए सहारा देकर बैठाएं. क्योंकि, दूध पीने के दौरान बच्चे कुछ मात्रा में हवा भी निगल जाते हैं. सीधा बैठाने से बच्चा डकार या गैस के जरिए निगली हवा निकाल देगा, जिससे उसे हिचकी से राहत मिलेगी. Tags: Child Care, Health tips, LifestyleFIRST PUBLISHED : May 12, 2024, 11:22 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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