हाथ में लाठी-डंडे और मशाल लखीमपुर के इस गांव में ग्रामीण बने पहरेदार
हाथ में लाठी-डंडे और मशाल लखीमपुर के इस गांव में ग्रामीण बने पहरेदार
गौरतलब है कि 27 अगस्त को बाघ ने इमलिया गांव के अमरेश कुमार को मौत के घाट उतार दिया था. घटना से गुस्साए ग्रामीणों ने युवक का शव सड़क पर रखकर हंगामा और वन कर्मियों का घेराव किया था. वन विभाग ने बाघ को पकड़ने को 24 कैमरे और 2 ड्रोन लगाए हैं लेकिन बाघ अब तक पकड़ से बाहर है.
लखीमपुर खीरीः आंखों में बाघ का खौफ ग्रामीणों में साफ तौर पर दिख रहा है. हल्की सी आहट भी गांव वालों को झकझोर देती है. इमलिया गांव के लोग इसी आहट से जब तंग हो गए तो हाथों में जलती हुई मशाल थामकर बाघ की तलाश में निकल पड़े. गौरतलब है कि लखीमपुर खीरी में बाघ की दहशत से हैदराबाद थाना क्षेत्र के इमलिया और अन्य गांवों के ग्रामीणों की नींद उड़ गई है. ग्रामीण जागकर रात बिता रहे हैं. खेतों से वापस घर आते समय मशाल जलाकर निकल रहे हैं. रात में लाठी-डंडे लेकर गांव में खुद ही कॉम्बिंग कर रहे हैं.
गौरतलब है कि 27 अगस्त को बाघ ने इमलिया गांव के अमरेश कुमार को मौत के घाट उतार दिया था. घटना से गुस्साए ग्रामीणों ने युवक का शव सड़क पर रखकर हंगामा और वन कर्मियों का घेराव किया था. वन विभाग ने बाघ को पकड़ने को 24 कैमरे और 2 ड्रोन लगाए हैं लेकिन बाघ अब तक पकड़ से बाहर है.
ग्रामीणों का वन विभाग से उठा भरोसा
इमलियापुर गांव में एक माह में बाघ के हमले से 4 लोगों की मौत हो चुकी है. हालांकि वन विभाग ने बाघ की तलाश के लिए 2 ड्रोन और 24 कैमरे लगाए हैं. लगातार आदमखोर बाघ को पकड़ने की कोशिश की जा रही है. बाघ की लोकेशन भी इमलिया गांव के आसपास ही कैमरे में कैद हुई है. इसके बावजूद वन विभाग की हर कोशिश फेल हो जा रही है. इन सब वजहों से ग्रामीणों का भी वन विभाग के अधिकारियों पर से भरोसा उठ गया है इसीलिए उन्होंने अब स्वयं मोर्चा संभाल लिया है. ग्रामीण गांव के आसपास मशाल और लाठी डंडे लेकर रात भर गश्त कर रहे हैं.
Tags: Lakhimpur News, Local18, Uttarakhand newsFIRST PUBLISHED : September 3, 2024, 13:45 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed