इस महीने में लगाएं सिंघाड़े का पौधा कम लागत में होगा डबल मुनाफा

किसान अनोखे लाल ने बताया कि सितंबर और अक्टूबर के महीने में सिंघाड़ा बाजारों में अच्छे दामों पर बिकना शुरू हो जाता है और किसानों को उस समय सिंघाड़े से अधिक मुनाफा भी होता है. जिले के थोक बाजार में सिंघाड़ा 20 से 30 रुपए प्रति किलों की दर से बिकता है. वहीं फुटकर विक्रेता को बेचने पर 40 से 50 रुपए प्रति किलो का रेट मिल जाता है.

इस महीने में लगाएं सिंघाड़े का पौधा कम लागत में होगा डबल मुनाफा
लखीमपुर खीरी. भारत एक कृषि प्रधान देश है. यहां की अधिकांश आबादी खेती किसानी पर ही निर्भर है. यहां के लोग मौसम, जलवायु के अनुसार विभिन्न फसलों की खेती करके अच्छा मुनाफा कमाते हैं. यूपी के लखीमपुर जनपद स्थित तराई क्षेत्र में किसान बड़े पैमाने पर सिंघाड़े की खेती होने लगी है. जनपद के बस्तौली गांव निवासी किसान अनोखे लाल 10 वर्षों से लगातार सरकारी तालाब पर सिंघाड़े की खेती कर रहे हैं और अपने परिवार का पालन-पोषण कर रहे हैं. सिघाड़े की खेती से किसान मुनाफा भी कमा रहे हैं.  और उन्हें मुनाफा भी हो रहा है. 10 वर्षा से सिंघाड़े की कर रहे हैं खेती किसान अनोखे लाल ने बताया कि आम किसानों की तरह पहले परंपरागत फसलों में धान, गेंहू के अलावा बागवानी करते थे. हालांकि पिछले 10 वर्षो से सरकारी तालाब में सिंघाड़े की खेती भी कर रहे हैं. जिसे अंग्रेजी में “वाटर चेस्ट नट” कहा जाता है. यह एक ऐसी फसल है जो पानी में ही उगाई जाती है. इसकी खेती कर किसान कम लागत में अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं. सिंघाड़े की फसल रोपाई के 6 माह बाद तैयार हो जाती है. वहीं अन्य फसलों के मुकाबले सिंघाड़े की खेती में दोगुना अधिक मुनाफा होता है. सिंघाड़े की गुणवत्ता की बात की करें तो साफ पानी में चमकदार सिंघाड़ा होता है और उसमें मिठास भी अधिक होता है. सितंबर और अक्टूबर में मिलता है अधिक रेट किसान अनोखे लाल ने बताया कि सितंबर और अक्टूबर के महीने में सिंघाड़ा बाजारों में अच्छे दामों पर बिकना शुरू हो जाता है और किसानों को उस समय सिंघाड़े से अधिक मुनाफा भी होता है. यही वजह है क सिंघाड़े की खेती कर रहे हैं. जिले के थोक बाजार में सिंघाड़ा 20 से 30 रुपए प्रति किलों की दर से बिक रहा है. लेकिन, किसान सिंघाड़े को फुटकर में बेचते हैं. इसमें 40 से 50 रुपए प्रति किलो का रेट मिल जाता है. जिससे एकमुश्त रुपए मिल जाता है. आम तौर पर सिंघाड़े की रोपाई मार्च-अप्रैल माह से की जाती है. जिससे अगैती फसल सितंबर नवम्बर तक चलती है. सिघाड़ा ठंड की फसल है. अगेती फसल लगाने पर कीमत अच्छी मिल जाती है. Tags: Agriculture, Lakhimpur Kheri News, Local18, UP newsFIRST PUBLISHED : August 29, 2024, 12:52 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed