आमना-सामना! सुक्खू सरकार के मंत्री धर्माणी पर भड़के कर्मचारी बोले-माफी मांगें
आमना-सामना! सुक्खू सरकार के मंत्री धर्माणी पर भड़के कर्मचारी बोले-माफी मांगें
Himachal News: हिमाचल प्रदेश में कर्मचारियों को 2016 के पे-कमीशन का एरियर अब तक नहीं मिला है. सरकार से डीए की किश्त भी देय है. ऐसे में अब सरकारी कर्मचारी भड़क गए हैं.
शिमला. हिमाचल प्रदेश में सरकार और कर्मचारी आमने-सामने हैं. प्रदेश सचिवालय के कर्मचारियों ने शुक्रवार को एक बार फिर से धरना प्रदर्शन किया और सुक्खू सरकार के खिलाफ हल्ला बोला. इस दौरान कर्मचारी कैबिनेट मंत्री राजेश धर्माणी के बयान पर भड़क गए और उनसे माफी मांगने की मांग की. राज्य सचिवालय में आम सभा के दौरान कर्मचारियों ने मंत्री के खिलाफ जमकर गुब्बार निकाला और मंत्री को कर्मचारियों से माफी मांगने की मांग की.
डीए और एरियर समेत अन्य मांगो को लेकर आंदोलन पर आमादा कर्मचारियों ने सरकार को मंगलवार तक का अल्टीमेटम दिया. मंगलवार तक अगर मांगे पूरी होने के संबंध में कोई ठोस आश्वासन नहीं मिलता तो मॉनसून सत्र के दौरान काले बिल्ले लगकार विरोध प्रदर्शन किया जाएगा और 10 सितंबर के बाद बड़ा आंदोलन किया जाएगा. इस दौरान धरने में ऑउटसोर्स पर तैनात नर्सें भी शामिल हुई. नर्सों ने ठोका प्रथा और ऑउटसोर्स भर्ती को बंद करने और पक्की नौकरी देने की मांग की.
दरअसल, हिमाचल प्रदेश सचिवालय के कर्मचारियों ने बुधवार को डीए और एरियर ना देने को लेकर धरना प्रदर्शन किया था और इस दौरान कहा था कि सरकार फिजुलखर्ची कर रही है औऱ कर्मचारियों को देने के लिए उसके पास पैसा नहीं है, जबकि गाड़ियों और रेनोवेशन पर फालतू का खर्च किया जा रहा है. शुक्रवार को सचिवालय कर्मचारी संघ के नेता ने कहा कि धर्माणी को प्रदेश की जनता सबक सिखाए.
इस पर कैबिनेट मंत्री धर्माणी ने बयान दिया कि कर्मचारी सरकार का साथ दें और उनके पास कोई नोट छापने की मशीन नहीं है. धर्माणी ने कहा कि यदि कर्मचारी सरकार का साथ नहीं देंगे तो जो सुविधाएं मिल रही हैं, वो भी छीन ली जाएंगी. इस पर कर्मचारी भड़क गए.
पूरे विवाद के बाद अब सरकार मामले को शांत करने की प्रयास कर रही है.मुख्यमंत्री के प्रधान सलाहकार (मीडिया) नरेश चौहान ने कहा कि प्रदेश सरकार कर्मचारियों की हितैषी है. महंगाई भत्ते और एरियर की जवाबदेही को लेकर मीडिया के सामने भी और विधानसभा में श्वेत पत्र लाकर भी बताया जा चुका है. 75 हजार करोड़ का बोझ अलग है, लोन अलग हैं. पिछली सरकार कर्मचारियों की 10 हजार करोड़ की देनदारियां छोड़ कर गई है. उन्होंने कहा कि कर्मचारियों को अपनी मांग रखने का अधिकार है, लेकिन मांग के साथ सरकार के खिलाफ आरोप-प्रत्योराप लगाकर आलोचना करना भी गलत है. उन्होंने कहा कि सचिवालय के कर्मचारी अन्यों के मुकाबले सरकार की आर्थिक स्थिति को बहुत ही बेहतर तरीके से समझते हैं.
Tags: Himachal pradesh, Himachal Pradesh News Today, Shimla News, Shimla News TodayFIRST PUBLISHED : August 24, 2024, 07:50 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed