कांग्रेस सरकार-राजभवन में टकराव! राज्यपाल और मंत्री में क्यों हो रहा ‘वर्डवॉर’

Himachal Governor News: हिमाचल प्रदेश मे नौतोड़ जमीन से जुड़ा प्रस्ताव बीते डेढ़ साल से राज्यपाल के पास लंबित है. इसी मसले पर राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी और राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल में तल्खी देखने को मिल रही है.

कांग्रेस सरकार-राजभवन में टकराव! राज्यपाल और मंत्री में क्यों हो रहा ‘वर्डवॉर’
शिमला. हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल और राजस्व एवं जनजातीय विकास मंत्री जगत सिंह नेगी के बीच नौ-तोड़ मामले को लेकर तनातनी चल रही है. हाल ही में राज्यपाल ने तल्ख टिप्पणी की थी, जिस पर अब कैबिनेट मंत्री जगत सिंह नेगी ने पलटवार किया है. सुक्खू सरकार में कैबिनेट मंत्री जगत सिंह नेगी ने बुधवार को शिमला में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर पलटवार किया है. नेगी ने कहा कि राज्यपाल ने गलत शब्द का इस्तेमाल किया, जो दुर्भाग्यपूर्ण है. संवैधानिक तरीके से बात रखना गलत नहीं है और निष्पक्ष कार्य करने की शपथ राज्यपाल ने भी ली है, मैंने भी ली है, मैने कोई गैर संवैधानिक बात नहीं की है, मैं मंत्री रहूं या न रहूं लेकिन अपने लोगों के लिए लड़ता रहूंगा और मैंने राज्यपाल का अनादर नहीं किया है. उन्होंने कहा कि चुनी हुई सरकार के चुनावी वायदा पूरा करने के लिए ही सरकार है. जनजातीय क्षेत्रों में नौतोड़ बहाली करना कांग्रेस सरकार का दायित्व भी है और चुनावी वायदा भी है. नेगी ने कहा कि संवैधानिक तरीके से कोई भी मांग करना गलत नहीं है और संविधान के दायरे में रहकर सभी को काम करना है. कैबिनेट मंत्री ने राज्यपाल के मंत्रियों को शपथ दिलाने वाले बयान पर भी पलटवार किया. जगत सिंह नेगी ने कहा कि विधायक, कैबिनेट मंत्री, मुख्यमंत्री हो या फिर राज्यपाल जो भी संवैधानिक पदों पर बैठे हैं और उन्हें संविधान की शपथ लेनी पड़ती है. सभी शपथ लेते हैं कि निष्पक्ष होकर काम करेंगे और निष्पक्ष होकर काम करने की शपथ राज्यपाल को भी है और मुझे भी. उन्होंने कहा कि संविधान में जो प्रावधान है उसके अनुसार ही मांग को रखा. मैंने न तो राज्यपाल का अनादर किया न ही उनके कार्यालय का अनादर किया. उन्होंने कहा कि राज्यपाल ने जो भी आपत्तियां बताईं, उनका जवाब दिया गया है, जिस लिस्ट की बात कही जा रही है, उनके नाम, पता समेत पूरे डाटा का बस्ता आ जाएगा और वो राज्यपाल को दे दिया जाएगा. नेगी ने कहा कि राज्यपाल ने जो फेक शब्द कहा है, वो गलत शब्द है, इसमें कोई गलती नहीं है, संबंधित अधिकारी ही सूची तैयार करते हैं. नेगी ने कहा कि राज्यपाल नौतोड़ के लाभार्थियों की सूची की छंटनी राजभवन नहीं करेगा. उसके लिए अधिकारी हैं, राज्यपाल का कार्य केवल वन संरक्षण अधिनियम 1980 को निलंबित करना है. नियमों के तहत जो पात्र व्यक्ति होगा उसे नौतोड़ सक्षम अधिकारी देंगे. उन्होंने कहा कि अब तक ऐसे 12 हजार 742 मामले लंबित है. मंत्री ने कहा कि नौतोड़ नियम में प्रावधान है कि जनजातीय क्षेत्र के जिन लोगों के पास 20 बीघा से कम भूमि है. उन्हें सरकार की ओर से 20 बीघा जमीन दी जा सकती है. यदि किसी के पास 18 बीघा है तो उसे 2 बीघा मिलेगी, ताकि 20 बीघा जमीन पूरी हो, अगर किसी व्यक्ति के पास 15 बीघा है तो उसे 5 बीघा जमीन मिलेगी. 70 के दशक में बना था नियम उन्होंने कहा कि प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री डॉ. वाईएस परमार के समय 1968 में यह नियम बना है. इसके तहत लाखों लोगों को भूमि प्रदान की गई, जबकि एफसीए एक्ट 1980 में आया था. जनजातीय क्षेत्रों में नौतोड़ का नियम अभी भी लागू है. नेगी ने कहा कि पूर्व में भाजपा सरकार के समय भी उन्होंने इसको लेकर आंदोलन किया था, पूर्व में जब वीरभद्र सिंह मुख्यमंत्री थे तब भी इस कानून को सस्पेंड किया गया था और किन्नौर में 500 लोगों को पट्टे मिले और 6 हजार मामलों का संयुक्त निरीक्षण हुआ था. दिसंबर 2017 में भाजपा सरकार बनी, एफसीए को साल 2018 तक सस्पेंड था, मगर बीजेपी सरकार ने केवल एक व्यक्ति को इसका फायदा पहुंचाया. बाकी केस ठंडे बस्ते में डाले दिए. इससे पहले भी तीन बार राज्यपालों ने इस अधिनियम को सस्पेंड कर लोगों को लाभ दिया है. नेगी ने कहा कि इस संबंध में वे 5 बार राज्यपाल से मिले हैं और एक बार फिर से कोशिश करेंगे. उन्होंने कहा कि जनजातीय क्षेत्र अंतर्राष्ट्रीय सीमा क्षेत्र के साथ लगता है, वहां न तो उद्योग हैं न ही रोजगार के अन्य साधन है. अगर लोगों को नौतोड़ के तहत जमीनें मिलती है तो लोग बागीचे लगा सकते हैं, आय बढ़ा सकते हैं और पलायन रूक सकता है. साथ ही बॉर्डर की सुरक्षा में सेना का सहयोग होगा. जयराम ठाकुर पर भी बरसे जगत सिंह नेगी जगत नेगी नेता प्रतिपक्ष जय राम ठाकुर पर भी जमकर बरसे. नेगी ने जय राम ठाकुर को नसीहत देते हुए कहा,  चाटुकारिता छोड़िए और जनजातीय क्षेत्र के लोगों के के हित में काम कीजिए. नेगी ने कहा कि पूर्व सरकार ने पांच साल में केवल एक चहेते व्यक्ति को ही नौतोड़ दिया, अब कांग्रेस नौतोड़ देने की दिशा में आगे बढ़ रही है तो विपक्ष इसका विरोध कर रहा है, भाजपा लोगों की विरोधी है. उन्होंने भाजपा नेता के बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि कलंकित लोग उन्हें सीख न दें, केंद्र की वाइब्रेंट विलेज योजना के तहत अब तक कोई पैसा नहीं मिला है. हिमाचल ने इस योजना के तहत 700 करोड़ रुपए की स्कीम केंद्र सरकार को भेजी लेकिन एक रूपया भी केंद्र ने नहीं दिया. राज्यपाल ने क्या कहा था सुक्खू सरकार ने डेढ़ साल पहले मामले से जुड़ा प्रस्ताव राजभवन को भेजा था. लेकिन अब तक राज्यपाल ने इस मामले को हरी झंडी नहीं दी है. इस पर मंत्री जगत सिंह नेगी ने सवाल उठाए थे और धरना देने तक की बात कही थी. इस परराज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने पलटवार करते हुए कहा था कि किसी दल के चुनावी वायदे को पूरा करना राजभवन का काम नहीं है. साथ ही संवैधानिक की शपथ की बात कही, निप्षपक्षता और लाभार्थियों की सूची फर्जी न होने की बात भी कही थी. अब दोनों में वर्डवॉर शुरू हो गया है. Tags: Himachal Pradesh News Today, Shimla News, Shimla News TodayFIRST PUBLISHED : January 9, 2025, 10:33 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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