12 जून को कुवैत की एक बिल्डिंग में अचानक आग लगने से 40 से अधिक भारतीयों की जलकर मौत हो गई. यह घटना दक्षिणी कुवैत की एक बिल्डिंग में घटित हुई, जहां बड़ी संख्या में भारतीय मजदूर रहते हैं. कुवैती सरकार ने इस अग्निकांड के लिए रियल एस्टेट डीलरों को जिम्मेदार ठहराया है. मृतकों में अधिकांश लोग दक्षिण भारत के हैं और इसमें से भी केरल और तमिलनाडु के लोग अधिक हैं.
कुवैत के उप प्रधानमंत्रील फहद यूसुफ अल-सबा ने कहा कि प्रॉपर्टी मालिकों के लालच की वजह से यह दुर्घटना हुई है. ये लोग किराये के लालच में छोटे-छोटे कमरों में अधिक लोगों को रखते हैं.
इस भयानक अग्निकांड में स्वाह हुईं 40 से अधिक जिंदगियों को लेकर तमाम तरह के सवाल उठने लगे हैं. अरब देशों में रोजी-रोटी के लिए श्रमिकों का जीवन कितना नारकीय है, इस बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि 4 मंजिला इस बिल्डिंग को कुवैत में कैंप कहा जाता है. इस कैंप में एक कमरे में दर्जनों श्रमिक एकसाथ रहते हैं. ये किसी छात्रावास यानी डॉरमेट्री की तरह होते हैं. किसी भारतीय रेल की बर्थ की तरह यहां बिस्तर लगे होते हैं.
इन कैंप में लोगों के भोजन के लिए एक बड़ी रसोई होती है. बताया जा रहा है कि कुवैत अग्निकांड में आग उसकी किचन से ही भड़की थी.
कुवैत में बड़ी संख्या में भारतीय रहते हैं. भारतीय विदेश मंत्रालय के अनुसार, 2020 तक लगभग 10 लाख भारतीय कुवैत में रहते थे. इनमें अधिकांश दक्षिण भारत के केरल, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, तमिलनाडु से आते हैं.
कुवैत या अन्य अरब देशों में भारतीय मजदूर किसी कंपनी के माध्यम से काम करने जाते हैं. वह कंपनी ही इन मजदूरों के काम और रहने आदि का इंतजाम करती है. घरों में काम करने वाले मजदूरों को घर का मालिक ही रहने और खाने की व्यवस्था करता है. अरबी लोग यह इंतजाम खुद ही करते हैं. अगर कोई इंतजाम नहीं कर रहा है तो उसके बदले में पैसों का भुगतान कर दिया जाता है. कंपनी में काम करने वाले श्रमिकों को कंपनी केवल वेतन देती है, इसके अलावा कुछ भी भुगतान नहीं किया जाता है. हां, एक साल काम करने के बाद कंपनी बाहर के श्रमिकों के लिए बोनस के रूप में या तो अपने वतन आने-जाने के टिकट देती है या फिर एक महीने की सैलरी, जो भी पसंद हो दिया जाता है. हालांकि, ये नियम बहुत कम कंपनियों में है.
बताया जाता है कि कुवैत में श्रमिकों को हर महीने 100 कुवैती दिनार बतौर मजदूरी मिलती है. भारतीय रुपयों में यह रकम लगभग 27,000 रुपये होती है. इन श्रमिकों में घरों में काम करने वाले, कृषि मजदूर, निर्माण स्थालों पर काम करने वाले लोग शामिल हैं.
Tags: Fire incidentFIRST PUBLISHED : June 12, 2024, 18:49 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed