उद्धव-शरद पवार पर नरम राहुल पर आक्रामक महाराष्ट्र में BJP का गेम क्या
उद्धव-शरद पवार पर नरम राहुल पर आक्रामक महाराष्ट्र में BJP का गेम क्या
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में बीजेपी का गेम प्लान लोकसभा चुनाव से कुछ अलग है. वह उद्धव ठाकरे और शरद पवार के खिलाफ उतनी आक्रामक हमले नहीं करती, जितनी राहुल गांधी के खिलाफ करती है. वजह भी बहुत साफ है.
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में प्रचार चरम पर है. एक दूसरे के खिलाफ तीखी बयानबाजी हो रही है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, अमित शाह से लेकर राहुल गांधी, शरद पवार और उद्धव ठाकरे तक आरोपों की बारिश कर रहे हैं. लेकिन महाराष्ट्र की राजनीतिक के जानकार मानते हैं कि बीजेपी चुनाव प्रचार के दौरान जितनी आक्रामक राहुल गांधी को लेकर है, उतनी शरद पवार या उद्धव ठाकरे के खिलाफ नहीं. कहीं, बीजेपी भविष्य के लिए रास्ता तो नहीं छोड़कर चल रही?
न्यूज18मराठी की रिपोर्ट के मुताबिक, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 2 दफा महाराष्ट्र पहुंचे. कई रैलियां की, लेकिन उनके निशाने पर सबसे ज्यादा कांग्रेस पार्टी रही. बात चाहे सावरकर की हो या फिर मराठा छत्रपति शिवाजी के अपमान की. कांग्रेस से ही उन्होंने सवाल पूछे. मुंबई की रैली में माना जा रहा था कि उद्धव ठाकरे और शरद पवार उनके निशाने पर होंगे, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सीधे तौर आलोचना करने की बजाय उद्धव ठाकरे की परोक्ष तौर पर आलोचना की. जबकि कांग्रेस को जमकर सुनाया. सिर्फ एक बार उद्धव ठाकरे को बाला साहेब ठाकरे का नकली बेटा बताया तो शरद पवार को भटकती आत्मा कहा. लेकिन करारा हमला करने से बचते रहे.
गृहमंत्री अमित शाह थोड़े आक्रामक दिखे, लेकिन बाद में उन्होंने भी ‘अघाड़ी के नेताओं ‘ शब्द का इस्तेमाल ज्यादा किया. हालांकि, दोनों नेता उद्धव ठाकरे को बार-बार एहसास दिलाते दिखे कि वे गलत पाले में जाकर बैठे हैं. बाला साहेब का जिक्र कर कहा, अगर इतनी दोस्ती है तो उद्धव एक बार एमवीए के नेताओं से बालासाहेब की तारीफ करवाकर दिखाएं. इसमें हमला सीधा उन पर नहीं, बल्कि उन्हें जताना था कि वे गलत जगह हैं. तो क्या इसके पीछे बीजेपी की कुछ रणनीति है?
गेम के पीछे की रणनीति
1. बीजेपी जानती है कि उद्धव ठाकरे और उनके परिवार को लेकर पूरे महाराष्ट्र में एक सहानुभूति है. अगर उनपर हमला करेगी, तो उसका फायदा होने की बजाय नुकसान ज्यादा हो सकता है.
2. शरद पवार को लेकर भी ऐसा ही सेंटीमेंट देखने को मिल रहा है. उनकी रैलियों में अच्छी खासी भीड़ आ रही है, जो संकेत दे रही है कि शरद पवार की ताकत अभी भी काफी ज्यादा है.
3. उद्धव ठाकरे पर सीधे हमला न करके बीजेपी भविष्य के लिए एक राह खुली रखना चाहती है. ताकि कभी दोस्त बनने का मौका मिले तो शर्मिंदा न होने पाएं.
4. बीजेपी जिन सीटों पर चुनावी मैदान में है, उनमें से ज्यादातर सीटों पर मुकाबला सीधे कांग्रेस से होना है. इसलिए उनके टारगेट पर कांग्रेस ज्यादा है.
5. महाराष्ट्र की राजनीति के जानकारों के मुताबिक, बीजेपी ने लोकसभा चुनाव में यह गलती की थी, और उसका खामियाजा उसे भुगतना पड़ा था. बीजेपी अब फिर वही गलती नहीं करना चाहती.
Tags: Amit shah, Maharashtra Elections, Sharad pawar, Uddhav thackerayFIRST PUBLISHED : November 15, 2024, 19:58 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed