‘कोने में पेशाब और जोर-जोर से’ 42 घंटे तक लिफ्ट में फंसा रहा शख्स फिर
‘कोने में पेशाब और जोर-जोर से’ 42 घंटे तक लिफ्ट में फंसा रहा शख्स फिर
दो दिनों तक लिफ्ट में फंसे रहना है, तो खुद को मोटिवेटेड रखने के लिए मैं अपनी पत्नी द्वारा लिखे कविताओं को जोर-जोर से पढ़ा करता था. उनको सारी कविताएं कंठस्थ याद थीं. उधर शनिवार को उनके घर नहीं लौटने पर पत्नी और बच्चे को लगा कि काम की वजह से लेट गया होउंगा, लेकिन बाहर निकलकर जब आपबीती सुनाई तो लोग हैरान रह गए.
तिरुवनंतपुरम. केरल के एक सरकारी अस्पताल की लिफ्ट में लोकल सीपीआई नेता रवींद्रन नायर फंस गए थे. वह लगभग 42 घंटों तक उसी में फंसे रहे, लेकिन कोई मदद के लिए नहीं आया. सोमवार को जब लिफ्ट से बाहर निकले तो उन्होंने अपने जीवन के सबसे पूरे सपने को शेयर किया. नायर ने कहा कि उन्होंने कई बार अलार्म बटन बजाने और लिफ्ट में मौजूद सभी हेल्पलाइन नंबरों पर कॉल करने की कोशिश की, लेकिन कोई भी उनकी मदद के लिए नहीं आया.
नायर उल्लुर में विधायकों के एक हॉस्टल में में कर्मचारी भी हैं. वह शनिवार को पीठ दर्द के इलाज के लिए अस्पताल गए थे. उनकी पत्नी श्रीलेखा, जो अस्पताल में काम करती हैं, उनके साथ थीं. एक्स-रे करवाने के बाद, वे डॉक्टर को दिखाने के लिए लिफ्ट से जा रहे थे, तभी लिफ्ट फंस गई. उसके बाद वह 42 घंटो घंटो तक लिफ्ट में फंसे रहे. उन्हें कोई मदद नहीं मिली, सोमवार को अस्पताल खुलने के बाद उन्हें लिफ्ट से बाहर निकाला गया.
हेल्पलाइन नंबरों पर कोई रिस्पॉन्स नहीं
इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए, उन्होंने कहा, ‘मैंने अलार्म बटन दबाया, लेकिन कोई रिस्पॉन्स नहीं मिली. लिफ्ट ऑपरेटर से संपर्क करने के लिए कोई इंटरकॉम नहीं था. अपने मोबाईल फोन से, मैंने लिफ्ट के अंदर लिखे कई (हेल्पलाइन) नंबरों पर कॉल किया. कोई रिस्पॉन्स नहीं मिली. मदद के लिए मशक्कत के दौरान मेरा फोन हाथ से छूट कर गिर गया और काम करना बंद कर दिया. घंटो मदद के लिए इंतजार करता रहा, लेकिन किसी के नहीं आने के बाद एहसास हुआ कि अगला दिन रविवार है और सोमवार तक उनको वहीं फंसे रहना होगा.
लिफ्ट के एक कोने में पेशाब कर दिया
उन्होंने आगे बताया, ‘मैंने लिफ्ट के एक कोने में पेशाब कर दिया. रुक-रुककर कभी-कभी, मैं जोर-जोर से मदद के लिए चिल्लाने लगता था. मैं सो नहीं पाता था. जब मुझे प्यास या भूख लगती थी, तो मैं बस अपने होंठ चाटता था. मैं लगातार अलार्म बेल दबाता रहता था, हालांकि लिफ्ट के चैंबर में कोई पंखा या लाइट नहीं थी, फिर भी कुछ हवा अंदर आती रहती थी, जिससे ऑक्सीजन की निरंतर आपूर्ति सुनिश्चित होती थी.’
दूसरे दिन रिपोर्ट दर्ज हुआ
जब उनको एहसास हुआ कि अगले दो दिनों तक लिफ्ट में फंसे रहना है, तो खुद को मोटिवेटेड रखने के लिए मैं अपनी पत्नी द्वारा लिखे कविताओं को जोर-जोर से पढ़ा करता था. उनको सारी कविताएं कंठस्थ याद थीं. उधर शनिवार को उनके घर नहीं लौटने पर पत्नी और बच्चे को लगा कि काम की वजह से लेट गया होउंगा, लेकिन जब वह रविवार को भी घर नहीं लौटे तब परिवार वालों को टेंशन होने लगा और पुलिस में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई.
Tags: Kerala, Kerala News, Viral newsFIRST PUBLISHED : July 16, 2024, 14:17 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed