कर्नाटकः ईसाई मिशनरी स्कूल में राखियां उतरवाकर डस्टबिन में फेंका मचा बवाल जानें सबकुछ
कर्नाटकः ईसाई मिशनरी स्कूल में राखियां उतरवाकर डस्टबिन में फेंका मचा बवाल जानें सबकुछ
Karnataka News: कर्नाटक में एक ईसाई मिशनरी स्कूल में कुछ छात्रों की कलाई पर बंधी राखी को कथित तौर पर जबरन हटाने और कूड़ेदान में फेंकने का मामला सामने आया है, जिसके बाद कुछ हिंदू कार्यकर्ताओं और अभिभावकों ने कटिपल्ला स्थित इन्फेंट मैरी इंग्लिश मीडियम हाई स्कूल पर धावा बोल दिया.
हाइलाइट्समिशनरी स्कूल में छात्रों की कलाई पर बंधे राखी को हटाया और कूड़ेदान में फेंका. कटिपल्ला के इन्फेंट मैरी इंग्लिश मीडियम हाई स्कूल की है घटना. अभिभावकों ने इस पर सवाल उठाते हुए स्कूल पर धावा बोला.
मेंगलुरु (कर्नाटक). कर्नाटक के मेंगलुरु में एक ईसाई मिशनरी स्कूल में कुछ छात्रों को रक्षाबंधन की राखियों को कथित तौर पर उतारने और उन्हें कूड़ेदान में फेंकने के लिए मजबूर करने के बाद विवाद खड़ा हो गया है. इस घटना के बाद कुछ हिंदू कार्यकर्ताओं के साथ कुछ छात्रों के अभिभावकों ने शुक्रवार को कटिपल्ला में इन्फैंट मैरी इंग्लिश मीडियम हाई स्कूल के खिलाफ मोर्चा खोल दिया. सूचना मिलने के बाद पुलिस की टीम भी मौके पर पहुंची और स्थिति को शांत कराने की कोशिश में जुट गयी.
नाराज अभिभावकों ने सवाल किया कि ‘फ्रेंडशिप डे’ पर स्कूल को कोई आपत्ति नहीं है तो ‘रक्षाबंधन’ की राखी पहनने की अनुमति देने में क्या हर्ज है. स्कूल के प्रधानाचार्य ‘वंदनीय’ संतोष लोबो ने नाराज अभिभावकों से कहा कि उन्हें इस बारे में कोई जानकारी नहीं है और वह हमेशा से ही ‘रक्षाबंधन’ पर्व का स्वागत करते हैं क्योंकि उनका मानना है कि यह एक अच्छी परंपरा है.
उन्होंने आगे कहा कि ‘रक्षाबंधन एक अच्छी परंपरा है. केरल में हिंदू भाई मेरी कलाई पर राखी बांधते थे. मैं यहां नया हूं, मैं अभी दो महीने पहले आया हूं. छह साल तक मैं केरल में अपनी कलाई पर राखी बांधता था. लोबो ने अभिभावकों और हिंदू कार्यकर्ताओं को आश्वासन दिया कि स्कूल अपने परिसर में रक्षाबंधन मनाने पर रोक नहीं लगाएगा.’
लोबो ने आगे कहा कि ‘मैं उन बच्चों को बुलाकर बताऊंगा कि स्कूल में राखी बांधने में कोई दिक्कत नहीं है. लोबो ने कहा कि मेरे ध्यान में लाए बिना, यह घटना हुई. गुरुवार को रात 9 बजे एक पुलिस अधिकारी आए और उन्होंने मुझे बताया कि ऐसी एक घटना स्कूल में हुई है. मुझे आश्चर्य हुआ क्योंकि हम एक समरसता पूर्ण समाज में रहते हैं. हमें अन्य धर्मों की धार्मिक भावनाओं को आहत नहीं करना चाहिए. इसके साथ ही इस तरह की घटनाओं को स्कूल प्रोत्साहित नहीं करता है.’
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Tags: Karnataka, Raksha bandhanFIRST PUBLISHED : August 13, 2022, 09:48 IST