उत्तराखंड: पुनर्जीवित हुआ चीला-मोतीचूर कॉरिडोर टाइगर की चहलकदमी कैमरे में रिकॉर्ड

Uttarakhand News: देशभर के वन्यजीव प्रेमियों के लिए उत्तराखंड के वाइल्ड लाइफ डिपार्टमेंट से अच्छी खबर आई है. हरिद्वार ऋषिकेश हाईवे पर राजाजी पार्क के मोतीचूर में बना कॉरिडोर आखिरकार जिंदा हो गया है. इस कोरिडोर में दो दशक से भी अधिक समय के बाद एक बार फिर से वन्यजीवों की आवाजाही शुरू हो गई है.

उत्तराखंड: पुनर्जीवित हुआ चीला-मोतीचूर कॉरिडोर टाइगर की चहलकदमी कैमरे में रिकॉर्ड
देहरादून. वाइल्ड लाइफ के लिए मशहूर राजाजी टाइगर रिजर्व देश का एकमात्र ऐसा टाइगर रिजर्व है, जो चारों ओर से आबादी से घिरा हुआ है. ऋषिकेश देहरादून हाईवे और उस पर रेलवे ट्रेक के कारण ये पार्क ईस्टर्न और वेस्टर्न दो हिस्सों में बंटा हुआ है. अत्यधिक ट्रैफिक होने के कारण पार्क के एक हिस्से से दूसरे हिस्से में वाइल्ड लाइफ की आवाजाही ठप्प हो गई थी. वाइल्ड लाइफ संरक्षण के लिए यहां एक कॉरिडोर बनाया गया था जिसके परिणाम भी अब नजर आने लगे हैं. दरअसल, कॉरीडोर से गुजरते हुए टाइगर का फोटो कैमरे में कैप्चर हुआ है. बता दें कि वन विभाग द्वारा 2019 में कराई गई एक स्टडी के अनुसार हाईवे के इस हिस्से में एक दिन में एक लाख 34 हजार से अधिक गाड़ियों का आना जाना होता है. पार्क के ईस्टर्न हिस्से में जहां 34 बाघ हैं, वहीं वेस्टर्न हिस्से में मात्र दो बाघिन अकेले रह गई थी. दो दशक से भी अधिक समय से यहां पर कॉरीडोर बनाने के प्रयास चल रहे थे. कॉरीडोर के रास्ते में पड़ने वाले ऋषिकेश के खांड गांव को भी विस्थापित किया गया. हाईवे पर सितंबर 2021 मोतीचूर के इस हिस्से में तीन प्लाई ओवर बनाए गए. जिसके नतीजे अब मिलने शुरू हो गए हैं. प्लाईओवर बनने से कॉरीडोर का रास्ता साफ हो गया. पहली बार कॉरीडोर से गुजरते हुए टाइगर का फोटो कैमरे में कैप्चर हुआ है जो वाइल्ड लाइफ संरक्षण के लिहाज से बहुत बड़ी बात मानी जा रही है. राजाजी पार्क के डायरेक्टर साकेत बडोला कहते हैं कि राजाजी कार्बेट लैंड स्केप और यहां तक की तराई आर्क लैड स्केप में दशकों पहले वाइल्ड लाइफ का अच्छा मूवमेंट होता था. इसमें चीला मोतीचूर एक महत्वपूर्ण कड़ी था, लेकिन बाद के सालों में इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट के कारण एनिमल मूवमेंट पूरी तरह ठप पड़ गया. कॉरीडोर के पुर्नजीवित करने के लिए साकेत बडोला डब्लूआईआई, डब्लूडब्लूएफ, डब्लूटीआई, राज्य सरकार , एनएचआई और तमाम एनजीओ को श्रेय देते हुए कहते हैं कि सितंबर 2021 में कॉरीडोर बनने के बाद भी वाइल्ड लाइफ का मूवमेंट तो शुरू हुआ, लेकिन टाइगर का मूवमेंट तब भी देखने को नहीं मिला. इसके लिए पार्क प्रशासन द्वारा कॉरीडोर के दोनों ओर हैवीटेट इम्प्रूव करने के प्रयास किए गए. इसके बाद पिछले दिनों पहली बार यहां पर एक मेल टाइगर का फोटो कैप्चर किया गया. जो ईस्टर्न साइड से कॉरीडोर को क्रास करते हुए वेस्टर्न पार्ट में चला गया. बडोला कहते हैं कि ये एक बड़ी उपलब्धि है.उत्तराखंड के चीफ वाइल्ड लाइफ वॉर्डन समीर सिन्हा का कहना है कि ये एक बड़ी उपलब्धि है. चीला मोतीचूर कॉरीडोर को पुर्नजीवित करने के प्रयास राज्य गठन के समय से भी पहले से चला आ रहा था. अब कॉरीडोर में टाइगर दिखाई देने से ये साबित हो गया है कि कॉरीडोर बनाने की दिशा में किए जा रहे प्रयास सफल साबित हुए हैं. हालांकि, कॉरीडोर की दिशा में अब भी कई चुनौतियां हैं. यहां पर अभी सेना का कुछ इन्फ्रास्ट्रक्चर मौजूद है. उम्मीद है कि इसे जल्द शिप्ट कर दिया जाएगा, ताकि कॉरीडोर की दिशा में अंतिम बाधा को भी दूर किया जा सके. समीर सिन्हा कहते हैं कि ये कॉरीडोर का पुर्नजीवित होने से अब पार्क के वेस्टर्न हिस्सा अब एक बार फिर वाइल्ड लाइफ से गुलजार होगा, खासकर उम्मीद है कि यहां अब टाइगर का मूवमेंट शुरू हो जाएगा.उत्तराखंड में ये पहला कॉरीडोर है, जो दो दशक से भी अधिक समय से चले आ रहे प्रयासों के बाद पुर्नजीवित हुआ है. वाइल्ड लाइफ डिपार्टमेंट इस उपलब्धि से बेहद खुश है..अब पार्क के एक हिस्से से दूसरे हिस्से में वाइल्ड लाइफ आसानी से आ जा सकेगी. विकास के साथ पर्यावरण के संतुलन को बनाए रखने का ये एक बेहतरीन उदाहरण है. हालांकि, उत्तराखंड में अभी दस और कॉरीडोर ऐसे हैं, जिन पर काम होना बाकी है. इनमें कांसरो-बड़कोट कॉरीडोरमोतीचूर-बड़कोट-ऋषिकेश कॉरीडोर, मोतीचूर-गोहरी कॉरीडोररवासन-सोनानदी कॉरीडेार वनरवासन सोनानदी कॉरीडोर, टूमालनी कोटा कॉरीडोर, चिल्किया-कोटा कॉरीडोरसाऊथ पाटलीदून-चिल्किया कॉरीडोर, फतेहपुर-गडगडिया-कॉरीडोरकीपुरा-खटीमा-सूरल कॉरीडोर शामिल हैं. ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें up24x7news.com हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट up24x7news.com हिंदी| Tags: Dehradun news, Rishikesh news, Uttarakhand news, WildlifeFIRST PUBLISHED : November 10, 2022, 11:08 IST