कर्नाटक हिजाब विवाद पर जेडीएस के प्रदेश अध्यक्ष ने घूंघट से की हिजाब की तुलना फिर कह डाली ये बात

Karnataka Hijab Controversy: सीएम इब्राहिम ने सवाल किया कि इंदिरा गांधी ने अपने सिर को पल्लू से ढक लिया था, तो जो लोग अपने चेहरे को घूंघट से ढकते हैं, क्या वे सभी पीएफआई द्वारा समर्थित हैं? उन्होंने इस्लामिक संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) का नाम इसलिए लिया क्योंकि कर्नाटक सरकार ने आरोप लगाया है कि विवाद को बढ़ाने में पीएफआई का हाथ है. उन्होंने उन आरोपों का जवाब देते हुए कहा "राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भी पल्लू से अपना सिर ढका, क्या यह PFI की साजिश है? पल्लू से सिर ढकना भारत का इतिहास है. यह भारत का संस्कार है."

कर्नाटक हिजाब विवाद पर जेडीएस के प्रदेश अध्यक्ष ने घूंघट से की हिजाब की तुलना फिर कह डाली ये बात
बेंगलुरु. कर्नाटक में हिजाब विवाद का मामला अभी तक सुर्खियों में बना हुआ है. यह मामला सुप्रीम कोर्ट में भी चल रहा है. वहीं इस विवाद पर जनता दल (सेक्युलर) के कर्नाटक प्रमुख सीएम इब्राहिम का बयान आया है जिसमें उन्होंने हिजाब की तुलना घूंघट से की है. सीएम इब्राहिम ने सवाल किया कि इंदिरा गांधी ने अपने सिर को पल्लू से ढका, तो जो लोग अपने चेहरे को घूंघट से ढकते हैं, क्या वे सभी पीएफआई द्वारा समर्थित हैं? उन्होंने इस्लामिक संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) का नाम इसलिए लिया क्योंकि कर्नाटक सरकार ने आरोप लगाया है कि विवाद को बढ़ाने में पीएफआई का हाथ है. उन्होंने उन आरोपों का जवाब देते हुए कहा “राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भी पल्लू से अपना सिर ढका, क्या यह PFI की साजिश है? पल्लू से सिर ढकना भारत का इतिहास है. यह भारत का संस्कार है.” #WATCH | Bengaluru, Karnataka: Former PM Indira Gandhi used to wear a ‘pallu’, even the President of India wears a pallu, this is culture of India. Is that ‘ghoonghat’ a conspiracy by PFI? Whether it’s hijab or pallu, it’s the same: JD(S) state president CM Ibrahim pic.twitter.com/tiODmV3ll1 — ANI (@ANI) September 20, 2022 उन्होंने आगे कहा कि राजस्थान में कोई भी राजपूत महिला अपना चेहरा नहीं दिखाती है, वह एक लंबे घूंघट में रहती है, तो क्या इसे मुस्लिम प्रथा कहकर प्रतिबंधित किया जा सकता है? उन्होंने कहा कि हिजाब और पल्लू में सिर्फ भाषा का अंतर है, लेकिन कार्य वही रहता है. बता दें कि कर्नाटक सरकार ने आज सुप्रीम कोर्ट को बताया कि हिजाब के विरोध के पीछे पीएफआई का हाथ है. न्यायमूर्ति हेमंत गुप्ता के नेतृत्व वाली पीठ के समक्ष पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि कोई भी छात्र 2022 तक हिजाब पर जोर नहीं दे रहा था. मेहता ने कहा कि हिजाब पर आंदोलन सामाजिक अशांति पैदा करने के लिए पीएफआई द्वारा रची गई “बड़ी साजिश” का हिस्सा है. Hijab Row: तो क्या PFI की साज़िश का हिस्सा था कर्नाटक से शुरू हुआ हिजाब आंदोलन? सुप्रीम कोर्ट में उठा सवाल कर्नाटक सरकार की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने शैक्षणिक संस्थानों के अंदर धार्मिक पोशाक पर प्रतिबंध लगाने के फैसले का बचाव करते हुए कहा कि हिजाब एक आवश्यक प्रथा नहीं है और संवैधानिक रूप से इस्लामिक देशों में भी महिलाएं इसका विरोध कर रही हैं वहीं हिजाब प्रतिबंध को चुनौती देने वाले याचिकाकर्ताओं ने तर्क दिया कि हिजाब मुसलमानों की “पहचान” है. वरिष्ठ अधिवक्ता दुष्यंत दवे ने कहा कि धार्मिक अभ्यास वह है जो समुदाय अपने धार्मिक विश्वास के हिस्से के रूप में करता है. ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें up24x7news.com हिंदी | आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट up24x7news.com हिंदी | Tags: Hijab controversy, JDS, Karnataka, Supreme court of indiaFIRST PUBLISHED : September 20, 2022, 22:21 IST